Kritagya
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Hindi Social Story: दीपाली एक बेहद शांत गुणवान और सहने वाली लड़की थी उसके माता पिता बचपन में थी उसको छोड़ कर जा चुके थे वो अपने मामा मामी के साथ रहती थी, मामा अशोक और मामी रूपा उसको बस समाज के लिए जबरजस्ती झेल रहे थे और घर के काम के लिए मुफ्त में नौकरानी मिली थी अशोक को दीपाली पर पैसे खर्च नहीं करने थे क्योंकि उसके पापा के नाम जो फंड था उससे अशोक का भी खर्च चलता था, बोझ तो थी ही दीपाली फंड का पैसा भी खत्म होने को था तो अशोक ने दीपाली की शादी कर उसका बोझ उतारना चाहा और बिना उसको लड़का दिखाए शादी तय कर दी।

दीपाली की आज शादी‌  हो रही थी किसके साथ हो रही थी  क्यों हो रही थी उसको कुछ नही पता उसके मामा ने बस उसको जबरजस्ती तैयार होने का आदेश दिया था और बिना दीपाली के मर्जी शादी तय कर दी थी  ऐसा था जैसे गुड़िया को कपड़े पहना कर मंडप में बैठा दिया गया हो, हर तरफ चहल पहल थी औरतें ठहाके लगा रही थी आदमी सब इधर उधर दौड़ भाग कर रहे थे सब खुश थे बस खुश नहीं थी तो दुल्हन जिसकी जिंदगी आज बदलने वाली थी वो किसी गुड़िया की तरह मंडप के पास रखी एक कुर्सी पर बैठी थी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि उसकी शादी हो रही है या कितने लोग उसके आसपास बैठे है उसको बस यही लग रहा था  से निकल कर दूसरे जेल में जा रही थी । यहां कुछ लोग तो थे जो बोल देते थे वहां ना जाने कौन होगा जिसके साथ वो रहेगी। 

एक तरफ अशोक की बेटी पूनम गुस्से में अपने पापा से पूछ रही थी आपने दीपाली की शादी इतने अमीर लड़के से कैसे फिक्स कर दी इतने अच्छे लड़के के साथ क्या तो मेरा होना चाहिए था मैं उससे शादी करना चाहती हूं . मैं उसकी प्रोपर्टी पर अपना हक जताना चाहती हूँ  आप अपनी बहन की बेटी को ज्यादा प्यार करते हैं मुझसे नहीं….

अशोक ने अपनी बेटी पूनम को पकड़ कर बेड पर बैठा दिया फिर बोला” मेरी गुड्डू मैं कुछ भी सोचे बिना नहीं करता हूं जिस लड़के से दीपाली शादी हो रही है वो इंसान नहीं …हैवान है जितनी जिल्लत उसको यहां मिली है उससे हजार गुना ज्यादा मिलने वाली है मैंने ऐसा इंतजाम किया है कि ये कभी खुश नहीं रह सकती है और तू कह रही है कि तू उस जल्लाद से शादी करना चाहती है तूने उसेसोशल मीडिया पर देखा है … लेकिन मैंने उसे अपनी आंखों से देखा है जानवरों जैसा सुलूक करता है लोगों के साथ सनकी और हॉफ माइंड है बस बाप कि दौलत है जिसके बल पर अमीर बना है रात दिन दारू पीता है कितने दिन चलेगी दौलत बाद में तो इसको भीख ही मांगना है। अशोक समझा ही रहा था तभी बाहर से आवाज सुनाई दी चलो चलो , लगता‌ है बारात आ गयी हम भी तो देखें दीपाली का दूल्हा कैसा दिखता है औरते यही बोलकर बाहर की तरफ़ भाग जाती है।

सबसे बड़ा बिजनेसमैन था अरनव कपूर जितना बड़ा नाम उतने ही बड़े काम करोड़ों का बिजनेस दिखने में बहुत स्मार्ट और हैंडसम था  लोगों के सामने बहुत कम आता था लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता है और अपने फोटोज शेयर करता रहता है लेकिन फोटोज से कोई इसके स्वभाव का पता नहीं लगा पाया है कि ये इंसान नहीं जानवर है।

सब लोग बारात के स्वागत में खड़े हो गये और इंतजार करने लगे तभी‌ बड़ी सी गाड़ी आकर सबके सामने रूकी तो सबके चेहरे चमक उठे उसमें से लगभग 6 फुट का अच्छी कद काठी का लड़का बाहर निकला  उसने सेहरा बांध रखा था  उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था 

अरनव जैसे ही सबके पास पहुंचा सबके मुंह बंद हो गये और एक झूठी मुस्कान सबके चेहरों पर खिल गई अंदर मंडप के पास बैठी दीपाली को ये तक एहसास 

नही के अर्नव आ चुका है.

बाहर दीपाली की मामी अर्नव की आरती कर रही थी, 

अर्नव को अंदर लाया गया अर्नव ने एक नजर दीपाली को देखा फिर मंड़प में आकर शान्ति से बैठ गया  कुछ देर बाद दीपाली को भी मंड़प में बैठा दिया अर्नव और दीपाली के फेरे सम्पन हो गए|

खैर शादी हुई और  अर्नव दीपाली को लेकर अपने घर की ओर रवाना हुआ घर पहुँच कर अर्नव ने अपने लैपटॉप को उठाया और उसमें कुछ काम करने लगा 

मामा मामी और बहन के ज़ुल्मों की सारी हदें पार की थी पर दीपाली चुपचाप सहती थी और अर्नव के घर और सहने के लिए खुद को तैयार कर रही थी और ये सोच रही थी के अब मौत मिल जाए. दीपाली जिस घर मे पहुची थी एकदम महल जैसा था  लेकिन इस महल में न सुकून था न ही खुशी बस बोझ के जैसे जीवन जी रहे थे अर्नव और उसका एक नौकर रामू जो अर्नव का खाना पीना देखता था|

एक दम वीरान घर और उसमें अर्नव का गुस्सा चिल्लाना जिससे रामू भी डर जाता था, दीपाली को रामू ने बता दिया सब काम और रहन सहन का तरीका रात दीपाली हॉल में ही सोई थी अर्नव कहाँ था कुछ पता नही दीपाली अर्नव बिल्कुल अजनबी थे, नये घर में दीपाली फिर से खुद को फिर से समेट कर एक बार फिर से तैयार किया | सुबह हुई तो दीपाली साड़ी पहने हुए पूजा करके गई अर्नव के रूम पर अंदर जाकर डरते हुए अर्नव को जगाया और चाय देते हुए बोली,, आप नहा लीजिये नाश्ता बन गया है अर्नव ने गुस्से में चाय का कप फेकते हुए बोला, रामू ने बताया नही के किसी को अंदर आने की इजाजत नही है, दीपाली ने इतना सहा था घर पे अपने की अर्नव की इस हरकत से उसको ज्यादा फर्क भी पड़ा पर आँखों से आँसू जरूर आ गए थे| पहली बार अर्नव को एहसास हुआ कि वो भी खास है हाँथ फेर कर दीपाली का उठाना बार बार याद आ रहा था.

अर्नव तैयार होकर टेबल पर आया और दीपाली को देखा तो देखता ही रह गया, आज नाश्ते में अर्नव का चुप होना रामू को चकित कर रहा था वरना रोज रामू को डाटना, बर्तन तोड़ना आम बात थी आज शांति से आलू का पराठा अर्नव ने खाया रामू तो खुशी से पागल वरना रोज तो ब्रेड और चीज वो भी ब्लैक काफी… 

आज तो रामू मेम साहब का फैन हो गया दिन भर दीपाली को हँसाता रहता शाम जब अर्नव आये तो वो ज्यादा तो दीपाली से नही बोलता था पर थोड़ा नार्मल रहने लगा था, नाश्ता खाना और सबसे बड़ी बात अकेले में दीपाली को जब देखता तो मुस्कुरा के चला जाता| 

इधर दीपाली के मामा मामी इस खुशी में कि दीपाली का जीवन नर्क हो गया होगा रोज दारू पी कर अर्नव मारता होगा.. 

लेकिन जैसे ही उनको पता चला के दीपाली तो बहुत खुश है बल्कि उनका सोचा हुआ उल्टा हो गया उनसे बर्दास्त न हुआ और दीपाली को पग फेरे के लिए लेने आ गए.. 

दीपाली जब पास थी तब तो अर्नव को कोई फर्क नही पड़ रहा था लेकिन दीपाली के जाते ही अब अर्नव का रहना मुश्किल हो गया था घर दीपाली के बिना घर बिल्कुल सूना सा था और रामू जो अब बिल्कुल दीपाली से घुल मिल चुका था उसका रो कर बुरा हाल था अभी दो ही दिन हुए थे दीपाली को गए हुए अर्नव ने उसको फोन भी नही किया था मन तो अर्नव का भी नही लग रहा था अब तो रामू का बहाना मिल गया था अपनी फार्चुनर  गाड़ी लेकर अर्नव दीपाली को लेने मायके पहुँचता है.. 

लेकिन दीपाली की इतनी ज्यादा तबियत खराब देखकर परेशान हो गया, अशोक और रूपा ने मिलकर उसको कुछ खिला दिया था जिससे की अपनी बेटी पूनम की शादी अर्नव के साथ कर सके, 

अर्नव ने जब मामा मामी की बात सुनी तो दीपाली को गोद में उठा कर जबरजस्ती अपने साथ मामा मामी को धमकी देते हुए और तुरन्त होस्पिटल ले गया और वहाँ रात दिन जाग कर दीपाली को ठीक कराया, थोड़ा आराम मिलने पर दीपाली कमरे के बाहर परेशान अर्नव को अंदर बुलाया और गले से लगा बोला आज के बाद हम हमेशा साथ रहेंगे, आप कभी मुझको दूर नही करोगे न ऐसे ही हमेशा मेरे लिए खड़े रहेंगे, अर्नव की आखों में आँसू दोनों ने गले लग कर आज सारी दूरिया मिटा दी थी, होस्पिटल के स्टाफ ने दोनो की सुंदर फोटो खीच कर दोनो को उपहार दिया और स्वास्थ्य ठीक हो जाने पर दीपाली अब अपने घर आयी थी जिसमें दिल से अर्नव ने उसका स्वागत कर गृह प्रवेश कराया था….