Hundred Dates
Hundred Dates

Hindi Love Story: “मैंने उसके लिए क्या-क्या नहीं किया। मेरी पूरी दुनिया उसके आसपास ही सिमटी हुई थी। उसके पास कोई जॉब नहीं थी और ‘पापा से पैसे माँगना अच्छा नहीं लगता’ कह-कह कर मुझसे हमेशा पैसे लेते रहता था। उसके शौकों पर मैंने अपनी कितनी कमाई लुटा दी। बाइक, मोबाइल और पता नहीं कितना कुछ। मैंने उसे कभी ख़ुद से अलग समझा ही नहीं। जो मेरा था सब उसका था और जो उसका था वह सिर्फ़ उसी का था।”

“तो अलग कैसे हो गई तुम उससे?”

“अलग हुई कहाँ, मजबूर कर दी गई। जब वह काम करने लगा तब भी उसका यही पैटर्न चलता रहा। कभी किसी बहाने से, कभी किसी बहाने से।”

“तुम्हें इस बात का अहसास कैसे हुआ कि, वह तुम्हारा मिसयूज़ कर रहा है?”

“मेरी ही एक फ्रेण्ड के साथ वह फ़्लर्ट कर रहा था। मैं कभी सोच भी नहीं पाती, अगर उसने मुझे उसके चैट ना दिखाए होते। मैंने उससे कुछ नहीं कहा और एक बार मौका देख कर उसका वाट्सअप स्कैन किया तो पता चला कि, यह तो वह इंसान हो ही नहीं सकता जिससे मैंने इतना प्यार किया। मैंने देखा उसका रोज का काम था लड़कियों को फँसाने की कोशिश। जिन शायरियों को मैं ख़ुद के लिए सोचकर इतराती फिरती थी यहाँ तो कई-कई बार कॉपी-पेस्ट चलती थी।”

“फिर क्या किया तुमने?”

“उसके बाद भी मौका दिया। बस इतना किया कि, कुछ न कुछ बहाना बनाकर पैसे देने से मना करने लगी। मुझसे तो उसका मन भर ही चुका था, अब पैसों के लिए भी ना होने लगी तो उसका व्यवहार बिल्कुल बदल गया और मुझसे ऐसे पेश आने लगा जैसे मैं उसके लिए कुछ हूँ ही नहीं। बहुत मुश्किल से मैं उस अटैचमेंट से थोड़ा निकल पायी हूँ। साल भर हो गए, अब भी मुझे लगता है; शायद कभी उसको अपनी गलती का अहसास हो जाए…”

“मुझे नहीं लगता कि कोई अहसास होगा। और गलती सिर्फ़ उसकी नहीं थी, तुम्हारी भी थी।”

“मेरी क्या गलती थी, प्यार करना?”

“नहीं, पर तुमने ही उसे बेकार की उम्मीदें दीं और ख़ुद को मूर्ख की तरह पेश किया, तो मूर्खों का फ़ायदा तो दुनिया हमेशा उठाती आई है; कोई नई बात नहीं।”

“ऐसा मत कहो प्लीज़। उसके बाद, पहली बार किसी लड़के पर थोड़ा सा भरोसा कर पाई हूँ। मैं मूर्ख हूँ, तो क्या तुम भी मेरा फ़ायदा उठाकर मुझे छोड़ दोगे?”

“इसकी ऑडिट करना तो तुम्हारा काम होगा। प्लीज़ अब यह सब बकवास बंद करो और नए रिलेशन पर पुरानी सड़ी हुई चीजों का बोझ मत डालो। मुझे नहीं जानना तुम्हारे एक्स के बारे में और कुछ; तुम मेरे बारे में जान लो, मुझे तुम्हें जानने दो। और हाँ…मैं गारन्टेड एडिशन नहीं हूँ कि मैं ज़िंदगी भर तुम्हारे साथ रहने वाला हूँ।”

मैंने उसका चेहरा पढ़ा; तसल्ली, सुलेख की तरह चमकती दिख रही थी।