मर्यादा—गृहलक्ष्मी की कहानियां: House Story
Maryada

House Story: जज के सामने रामदीन खड़ा था जिसने अपने घर मर्यादा के लिए अपनी बेटी और उसके साथी को जान से मारा था। वह मुस्कुरा रहा था उसकी मुस्कुराहट में दर्द ,ख़ुशी ,गर्व पछतावा क्या था पता न चला,
कुछ समय कुछ चेहरे को ध्यान से देखते हुए जज साहब ने पूछा ,तो तुमने मर्यादा के लिए अपनी बेटी और उसके प्रेमी को मार डाला ?
” हा साहब यह कहते हुए रामदीन की मुस्कुराहट और गहरी हो गई ।
“तुम उन दोनों को समझा भी तो सकते थे”
“बहुत समझाया ,लेकिन वो नही समझे”
…”बहुत समझाया लेकिन वो नही मानी, और ना ही वो…….
“तो तुमने उनको मार दिया”
“हा”
“पहले किसे मारा”

“लड़के को ‘
“बेटी के सामने”
“हा’
वो कुछ न बोली ??
रोक रही थी न मारो…उसे मुझें मार दो .
“क्या तुम्हारे हाँथ नही पकड़े उसने’?
“नही उसको बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गई बहुत खींचने से अलग हुई”
“लड़के को मार कर बेटी को मारा?
“नही बेटी को नही मारना चाहता था लेकिन वो बीच में आ गई।”
“क्या उसने तुम्हारा विरोध नही किया “
“नही”
“लड़के को बचा रही थी”
“उसको आकर्षण हो गया था”
इस लिए दोनों को मारना पड़ा
“अरे तुमने अपनी झूठी मर्यादा के नाम पर दो हत्या कर दिया ,कैसे पिता हो तुम तुम्हारे हाँथ नही कांपे ??
क्यों !लोग समाज के नाम पर मान मर्यादा के नाम पर अपने ही हिस्से को समाप्त कर देते हैं कि लोग क्या कहेंगे ।

किन चार लोगो का डर रहता है,
“रामदीन अपनी नजरे गड़ाए जमीन में टप टप आंसू से जमीन गीली कर रहा था।

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