"क्षितिज"-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी: Family Story
Chitij

Family Story: अनुप्रिया व राजीव के शादी की रिसेप्शन पार्टी चल रही थी। राजीव की मां सुनन्दा अपने डॉक्टर बेटे और वैज्ञानिक बहू को सभी आने जाने वाले दोस्त रिश्तेदारों से मिला रही थी।

पार्टी समाप्त होने के बाद उनकी बड़ी ननद ने कहा ,”भाभी,बुरा मत मानना…..लेकिन आप ने इस शादी के लिए हाँ कैसे और क्यों कह दी?कहाँ अपना स्मार्ट गोरा चिट्टा बेटा?और कहाँ ये मीडिल क्लास घर की सांवली छोटे कद की लड़की। सब पार्टी में हँस रहे थे हमारे परिवार के ऊपर, मिसेज पारेख ने तो ये तक कह दिया,कि लगता है राजीव में कोई अंदुरुनी कमी है।जो ऐसी लड़की से शादी कर ली”

राजीव बेटा बुरा मत मानना,मैं तुम्हारे सबके भले के लिए ही कह रही हूं।तुम्हें ऐसा क्या दिखा इस लड़की में?जो तुम इसकी तरफ आकर्षित हो गए……अगर सिर्फ डिग्री छोड़ दी जाए…तो इसके पास तुम्हें क्या?किसी भी लड़की को आकर्षित करने के लिए कुछ भी नहीं।

और तुम्हारे पास तो सब कुछ है…पैसा,अच्छी डिग्री, मॉडल की तरह पर्सनालिटी…….तुम्हें तो एक से एक सुंदर पढ़ी-लिखी अमीर लड़कियां मिलती। फिर तुमने ये फैसला क्यों लिया?

भाभी तो सीधी साधी है। इन्होंने शायद डरकर अपने एकलौते बेटे की पसंद को ही अपनी पसंद मान लिया। और इस लव मैरिज शादी के लिए हाँ कह दिया। लेकिन तुम दोनों में फर्क तो जमीन आसमान का है।

इतनी बातें सुनकर अनुप्रिया की आंखे नम हो चुकी थी कि तभी राजीव ने अनुप्रिया का हाथ पकड़ते हुए कहा
“बुआ आप ठीक कह रही है..पास से देखने वालों की नजर में हम दोनों में जमीन आसमान का फर्क हो सकता है। लेकिन जब आप दूर की नजर से देखेंगी तब हम दोनों क्षितिज की तरह आपको नजर आएंगे जहां धरती और आसमान दोनो ही मिले हुए दिखते है। मुझे कुछ पल की खूबसूरती का आकर्षण नहीं बल्कि जिंदगीभर साथ निभाने वाली व्यवहार कुशल जीवनसाथी चाहिए थी।

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