Hindi Short Story: बिटिया के होने पर मन्नत मांगी थी कि माँ के द्वार जायेंगे, दर्शन के लिए. बिटिया हुई. नाम माता के नाम पर रखा वैष्णवी. किन्तु जब जब कोशिश होती जाने की कोई न कोई कारण ऐसा हो जाता कि जा ही नहीं पाते. बिटिया का मुंडन भी वही होना था.
जैसा हमारे परिवार में होता आया है कभी कोई बीमार, कभी किसी की परीक्षा, कभी अवकाश न मिलना. कभी परिवार में किसी के यहां शादी का, कभी दुख का होना.
मन बैचेन होने लगा था. बिटिया भी चिड़चिड़ी हो गयी थी. एक दिन घर में सभी को बुलाकर दादाजी ने समझाया, सुख और दुख लगे रहेंगे. ये जीवन है. नवरात्रि आने को है. जिसको जाने की तीव्र लालसा हो. वह सब काम छोड़े और दर्शन के लिए निकल जाये.
बाकी रहे रिश्ते नातों के सुख दुख उन्हें मैं देख लूंगा. सबका मन पक्का हो गया. सबने समय निकाला और दर्शन के लिए निकल पड़े. इसे कहते हैं माता का बुलावा. गाड़ी अपनी रफ़्तार से चल रही थी. गाना बज रहा था. चलो बुलावा आया है….
