meethee saja story in Hindi
meethee saja story in Hindi

meethee saja story in Hindi : एक दिन बादशाह अकबर दरबार में उपस्थित हुए। सिंहासन पर बैठते ही उन्होंने दरबारियों से कहा, ‘आज एक व्यक्ति ने मेरी दाढ़ी खींची है। बताइए, मैं उसे क्या दंड दूं?’

बादशाह की बात सुनकर सारे दरबारी विचार करने लगे। कुछ देर बाद एक दरबारी ने कहा, ‘जहाँपनाह, जिसने ऐसा किया है, उसका सिर धड़ से उड़ा दिया जाए।’

एक और दरबारी ने कहा, ‘कौन ऐसा दुष्ट है, जिसने ऐसी हरकत की है? ऐसे व्यक्ति को तो हाथी के पैरों तले रौंद देना चाहिए।’

सभी दरबारी अपनी-अपनी तरह सजा सुझाने लगे। उन सबकी बातें सुनकर बादशाह ऊब गया। अंत में उसने बीरबल से पूछा, ‘बीरबल, तुम चुप क्यों हो? इस विषय में तुम्हारी क्या सलाह है? दाढ़ी खींचने वाले को क्या सजा दी जानी चाहिए?’

बीरबल मुस्कुराते हुए बोले, ‘जहाँपनाह, मेरी राय है कि आप उसे प्यार से मिठाई खिलाइए। उसके अपराध की यही सजा है।’

बादशाह ने बीरबल के उत्तर को सुना और खुश होकर कहा, ‘बीरबल, तुम्हारी बात बिलकुल सही है। अब ये बताओ कि मेरी दाढ़ी किसने खींची होगी?’

बीरबल ने उत्तर दिया, ‘जहाँपनाह, छोटे शहजादे के अलावा ऐसी हिम्मत कोई और नहीं कर सकता। उसने प्यार से ऐसा ही किया होगा। इसलिए उसे सजा के रूप में मिठाई खिलानी चाहिए।’

बीरबल की बात सही थी। आज सुबह शहजादा बादशाह अकबर की गोद में बैठा था और उसने ही खेलते-खेलते बादशाह की दाढ़ी खींची थी। चतुर बीरबल के उत्तर से बादशाह खुश हो गए और सारे दरबारी लज्जित हो गए।

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