सच्चे प्यार की परिभाषा क्या है? क्यों हम इंसान को नहीं पहचानते? जबकि वह हमारे साथ रहता है, फिर भी हम उसके मन की बात नहीं समझ सकते।
यह स्टोरी है अभि और आकृति की। एक ही कॉलेज में पढ़ रहे अभि और आकृति के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। लेकिन यह दोस्ती कैसे हुई? आकाश जो बहुत ही हैंडसम था और बहुत ही सरल था। अभि के साथ दोस्ती करने से पहले आकृति के कई बॉयफ्रेंड थे लेकिन जब से आकृति को अभि के बारे में पता चला कि अभि अमीर परिवार का एक बहुत ही सरल और भावुक युवक है। बस और उसके बाद से आकृति ने अपने बाकी सभी बॉयफ्रेंड्स को छोड़ दिया। और उसने फैसला किया कि उसे किसी भी तरह अभि ही को पटाकर अपना बनाना है। जिससे अभि जैसे पति को पाकर मैं करोड़पति बन जाऊंगी।
फिर दोनों के बीच दोस्ती शुरू हुई और धीरे-धीरे आकृति दिखाती कि वह अभि से कितना प्यार करती है। आकृति रंग बदलती है और अभि को इतना मजबूर कर देती है कि वह भी आकृति को प्यार करने लगता है।
भगवान ने महिला को वह करने की शक्ति दी है, जो वह सोचती है, वह कर के दिखाती है, और आकृति ने ऐसा ही किया। आकृति बिंदास लड़की थी। उसने अभि को भी अपनी तरह ही बिंदास बना दिया। अभि, जिसके मन में अपने परिवार और समाज के लिए बहुत सम्मान था, अब उसने अपना मन बदलना शुरू कर दिया। जब वह अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में था, तब अभि के घर में एक रिश्तेदार से इस बारे में पता चला। अभि के माता-पिता ने लड़की के बारे में पूछताछ की और उन्होंने महसूस किया कि आकृति पैसों की वजह से ही अभि से शादी करना चाहती है। लेकिन उन्होंने यह बात अभी को नहीं बताई। उन्होंने अभि से बात करने का फैसला किया। अभि के पिता ने अभि से पूछा कि क्या उसका आकृति नाम की लड़की के साथ संबंध है? तब अभि ने हां कहा और कहा कि मैं केवल आकृति के साथ ही शादी करूंगा। किसी और के साथ मेरी शादी संभव नहीं है। अभि के माता-पिता ने उसे बहुत समझाया। लेकिन अभि ने उनकी बात नहीं मानी और गुस्से में घर से बाहर चला गया। उसने आकृति को मिलने के लिए बुलाया और बताया कि घर पर क्या हुआ। फिर आकृति उसे शांत होने को कहती है। साथ ही, वह यह दिखाती है कि वह अभि के बिना नहीं रह सकती। वह कुंवारी रहेगी लेकिन किसी और से शादी नहीं करेगी। यह सुनकर अभि को ज्यादा से ज्यादा आकृति से प्यार हो जाता है और वह उस पर फिदा हो जाता है।
धीरे-धीरे दिन बीतने लगे। अभि और आकृति बिंदास इस तरह घूमने लगे ताकि सबको पता चल जाए कि उनका अफेयर चल रहा है और अभि के माता-पिता को उनकी शादी करनी ही पड़े। क्योंकि अभि बिल्कुल वही कर रहा था, जो आकृति कहती। वह अपने संस्कार को भूल गया था।
लेकिन अभि के माता-पिता होशियार थे। वे जान चुके थे कि यह सब आकृति ही अभि से करवा रही है। इसलिए उन्होंने अभि को अल्टीमेटम दिया कि तुम हमारे साथ तभी रह सकते हो, जहां हम कहेंगे तुम उसी लड़की से शादी करोगे। और तुम अगर आकृति से शादी करना चाहते हो तो तुम्हें यह घर छोड़ना होगा। यह बात अभि आकृति को बताता है। आकृति ने अभि को एक सुझाव दिया कि हम शादी कर के मेरे घर चले जाते हैं। मेरे घर में, हमारी शादी के लिए अनुमति दी गई है। इसलिए कोई समस्या नहीं है। आकृति जानती थी कि अगर हमारी शादी हुई तो अभि के माता-पिता उन्हें जरूर स्वीकार करेंगे। क्योंकि अभि के माता-पिता उसे बहुत प्यार करते हैं।
लेकिन अभि के संस्कार ऐसे थे कि वह अपने माता-पिता के आशीर्वाद के बिना शादी करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था। अभि ने आकृति को बताया कि हमें कुछ समय तक रुकना चाहिए। मुझे अपने माता-पिता के आशीर्वाद से ही शादी करनी है। आकृति को उसका प्लान टूटता हुआ लग रहा था। उसने हिम्मत नहीं हारी।
अब आकृति अधिक से अधिक समय अभि के साथ रहने लगी। क्योंकि अभी उसे छोड़
न सके।
अभि के माता-पिता अभि के लिए एक अच्छी लड़की की तलाश करने लगे। उन्होंने अभि के लिए एक सुंदर और अच्छी स्वभाव वाली लड़की को चुना। उन्होंने समझा कि जब तक आकृति अभि के जीवन में रहेगी, तब तक अभि किसी से शादी नहीं करेगा।
इसलिए अभि के माता-पिता ने एक योजना बनाई। अभि की मां ने अभि को फोन किया और एक बहाना बताया कि उसके पापा को हार्ट अटैक आया है और वह अस्पताल में हैं। तुम जल्दी आ जाओ। अभि के पिता ने पूरी तैयारी कर ली थी। वह उस लड़की को भी अस्पताल लाए थे, जिस को उसने अभि के लिए चुना था। अभि के पिता ने उसे इस तरह दिखाया कि वह अपने जीवन कि अंतिम घड़ियां ही जी रहे हैं। उन्होंने अभी को अपनी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए कहा। अभि मान गया कि मैं आपकी अंतिम इच्छा जरूर पूरी करूंगा। फिर उसके पिताजी उस लड़की का हाथ अभि के हाथ में रखते हैं, जिसको उन्होंने अभि के लिए चुना था। यह कहकर वह अपनी इच्छा व्यक्त करते हैं।
और बेहोश होने का नाटक करते हैं। डॉक्टर आते हैं और सभी को कमरे से बाहर भेजते हैं। कुछ समय बाद, डॉक्टर बाहर आते हैं और कहते हैं कि अब अभि के पिताजी खतरे से बाहर हैं। अभि को नहीं पता है कि डॉक्टर भी उसके पिता से इस नाटक में मिले हुए हैं। सभी खुश हैं। पिताजी को दिया हुआ वादा पूरा करने के लिए अभि उस लड़की से शादी करने का फैसला करता है, जिसे उसके पिता ने उसे करने के लिए कहा था।
अभि आखिरी बार आकृति से मिलने के लिए जाता है। अभि उससे अपने पिता की इच्छा के बारे में बात करता है। आकृति उसे बहुत समझाती है कि उसके पिता की तबियत अब ठीक है, इसलिए अब अपने पिता की इच्छा पूरी मत करो। लेकिन अभि आकृति की बात नहीं मानता। वह आकृति को बताता है कि मैं तुमसे ही प्यार करूंगा लेकिन मैं अपने पिता की इच्छा को जरूर पूरा करूंगा। फिर वह अपने पिता द्वारा चुनी गई लड़की से शादी कर लेता है।
शादी की पहली रात ही अभि उस युवती, आरोही से कहता है कि वह उसे सारी खुशियां देगा लेकिन कभी पति का प्यार नहीं दे सकेगा। यह सुनते ही, आरोही को लगा कि उसके सारे सपने चकनाचूर हो गए हैं। लेकिन वह एक विश्वास से भरी युवती थी। वह बहुत समझदार भी थी। उसने खुद को यकीन दिलाया कि वह अपने प्यार से अभि का दिल जरूरत जीतेगी और उसके पति को भी उससे जरूर प्यार होगा।
अब शुरू होता है अभि और आरोही का वैवाहिक जीवन। आरोही जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही खूबसूरती उसके व्यवहार में भी थी। धीरे- धीरे उसने घर में सभी का प्यार जीत लिया। उसने प्यार से सभी की देखभाल की और साथ में अपने पति अभि का भी। वह अभि की हर छोटी-बड़ी बातों का बहुत ध्यान रखती थी और धीरे-धीरे अभि को आरोही की जैसे आदत ही पड़ने लगी। समय धीरे-धीरे बढ़ने लगा। अभि और आरोही की शादी को छह महीने हो चुके हैं। अब समय आ गया है कि अभि आरोही को न देख ने पर बेचैन होने लगा है।
अचानक एक दिन आरोही को आकृति मिली। आरोही को देखते ही आकृति को बहुत गुस्सा आया। उसने आरोही को बताया कि अभि मेरा ही होने जा रहा था। मैंने उसे अपना बनाने की कोशिश में कितने साल बर्बाद कर दिए। कितने खेल खेले थे। लेकिन मेरे सारे प्लान उलटे पड़ गए। लेकिन एक बात याद रखना कि भले ही अभि ने तुझसे शादी की है, लेकिन वह प्यार हमेशा मुझसे ही करेगा। यहां तक कि अभि को तूने मेरा नहीं होने दिया, लेकिन याद रखना कि मैं उसे तेरा भी नहीं होने दूंगी।

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। धीरे-धीरे आरोही ने अभि का दिल जीत लिया था। अभि को एहसास हुआ कि उसे अब आरोही से प्यार हो गया है। उसने महसूस किया कि उसने शादी की पहली रात को ही आरोही का दिल तोड़ दिया था। फिर भी आरोही ने अपने दु:ख को अपने चेहरे पर कभी आने नहीं दिया। आरोही के साथ मैंने खुद शादी के सात फेरे लिए हैं। मैंने उसका जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया है। उसने फैसला किया कि वह अब आरोही से माफी मांगेगा और कबूल करेगा कि वह अब आरोही से प्यार करता है। और अब वह आरोही को छोड़कर किसी को अपने जीवन में आने नहीं देगा। जीवनभर के लिए आरोही के प्रति वफादार रहेगा। वह आरोही को वे सारी खुशियां देगा, जिस पर केवल आरोही का अधिकार है।
आकृति से मिलने के बाद आरोही का मन बेचैन हो जाता है। उसे अपना आत्मविश्वास डगमगाता हुआ नजर आता है और वह अब अभि को छोड़ने का फैसला करती है। यहां पर अभि आरोही की प्रतीक्षा कर रहा है। आरोही बस अभि से बात करने के लिए कमरे में आती है कि वह आज अभि और इस घर को हमेशा के लिए छोड़ कर जा रही है। वह कमरे का दरवाजा खोलती है और उसे लगता है जैसे वह एक सपना देख रही है। अभि ने पूरे कमरे को सजाया है और खुद अपने घुटनों के बल बैठ के आरोही को प्रपोज करता है। यह सब देखकर आरोही सबकुछ भूल जाती है, जो आकृति ने उसे कहा था और अभि द्वारा किए गए प्रपोज का जवाब हां में देती है।
आरोही खुद अभि को आकृति वाली बात बताने जा रही थी तभी अभि अपनी और आकृति की कहानी कहता है कि आकृति और मैं एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। आकृति अपने पूरे जीवन में किसी से शादी नहीं करेगी। शायद मैं भी आकृति के सिवा किसी से भी प्यार नहीं करता। लेकिन मुझे नहीं पता कि किस तरह तुमने मेरा दिल जीत लिया। आकृति हमेशा मेरे दिल के कोने में एक अच्छी याद बनकर रहेगी। क्या तुम मुझ पर विश्वास करोगी? आरोही बस अभि की आंखों में देखती ही रह जाती है कि कोई भी आदमी इतना सरल हो सकता है! वह सोचती है कि वह कितनी भाग्यशाली है कि उसकी शादी अभि जैसे सच्चे दिल के आदमी के साथ हुई। अब उसका दिल आकृति की बात नहीं करना चाहता। क्योंकि वह अभि का दिल नहीं तोड़ना चाहती थी और आकृति के सच को अपने दिल में रखते हुए, वह अभि के साथ एक नया जीवन शुरू करती है।
ऐसा कहा जाता है कि यदि आप प्यार करते हैं, तो सच्चा करें। किसी के दिल से मत खेलें। अगर दिल टूट गया है, तो आपको दर्द होगा, लेकिन अगर टूटा हुआ दिल जुड़ा तो आपको हमसफर मिलेगा।
