जब मै छोटा बच्चा था

बात मेरे बचपन की है, जब मैं लगभग 5 साल की थी। मुझे बात-बात पर गुस्सा करने की बुरी आदत थी। एक रोज मेरे पापा ऑफिस से घर आए। व्यस्तता की वजह से या अन्य किसी कारण से वे मेरी मनपसंद चॉकलेट नहीं ला पाए। बस फिर क्या था! मैंने गुस्से में पैर पटकते हुए पूरा घर सिर पर उठा लिया। मम्मी-पापा सबने बहुत समझाया, पर मेरा पारा कम ही नहीं हुआ। गुस्से में आकर मैंने पापा का एक जूता घर से बाहर गली में फेंक दिया जो सीधा गोलगप्पे वाले के ठेले पर जाकर गिरा और गोलगप्पे फूट गए, पानी भी बिखर गया। मैंने दरवाजे के अंदर से झांक कर देखा तो ठेले वाले लड़के को सुबकता हुआ पाया। उस गरीब के नुकसान और रुआंसे चेहरे को देख कर मुझे अपने गुस्से पर शर्म आने लगी। मैंने पापा से माफी मांगी और गुस्सा न करने का संकल्प ले लिया जो कि आज तक कायम है।

 

ये भी पढ़ें-