गृहलक्ष्मी की कहानियां – बात मेरी दीदी की शादी की है। विवाह की रस्में पूरी होते-होते सुबह हो गई। दीदी का चेहरा तो घूंघट में था लेकिन जीजाजी के चेहरे पर थकावट साफ झलक रही थी। मां ने मुझ से कहा, ‘दामादजी को मंडप से बुला कर कमरे में ले जाओ। थोड़ा आराम कर लेंगे। बाकी रस्में […]
Tag: मनोरंजन
शिशु की हिचकी का आनंद लें
‘‘कभी-कभी मुझे पेट में हल्का सा झटका महसूस होता है। यह किक है या फिर कुछ और?” मानें या न मानें, पेट में भी नन्हा भ्रूण हिचकियाँ लेता है। कइयों को दिन में काफी देर तक हिचकियाँ आती हैं तो, कुछ शिशुओं को बिल्कुल ही नहीं आतीं जन्म के बाद ही यही ढांचा बना रहता […]
गृहलक्ष्मी की कहानियां – पहने या ना पहने
गृहलक्ष्मी की कहानियां – जब मेरी शादी हुई तो मुझे ठीक से साड़ी बांधनी आती नहीं थी। ससुराल आई तो वहां साड़ी शादी के बाद साड़ी ही पहनने का रिवाज़ था। ऐसे में मैं परेशान हो गई। एक रोज मेरी परेशानी मेरी ननद ने भांप ली। उसने कहा, ‘भाभी हैरान ना हो, मैं त्वानू साड़ी […]
मिठास अंदर ही घुटती रहती है
मेरी जेठानी बहुत ज्यादा और बहुत कड़वा बोलती हैं। जेठ जी बेचारे जब उनको समझा-समझा कर हार गए तो अंत में उन्होंने, उन्हें कुछ भी कहना छोड़ दिया। भाभी ने अपने मेडिकल टेस्ट कराए तो उनको डायबिटीज होने का पता चला। उनका ब्लड शुगर बहुत बढ़ा हुआ था। शाम को भाभी ने रुआंसी आवाज में […]
स्पेशल गिफ्ट पापा को क्यों
बात तब की है, जब मेरी बिटिया 3 साल की थी। एक दिन मैंने उसकी किसी बात पर खुश होकर उसे शाबाशी दी। ‘तुम दुनिया की सबसे प्यारी बेटी हो, इसलिए तुम्हें मेरी तरफ से यह स्पेशल गिफ्ट। यह कहते हुए मैंने उसे गले से लगाया और हल्का सा चुंबन उसके गाल पर ले […]
मैंने सारे कपड़े उतार लिए
बात मेरी शादी के कुछ समय बाद की है। उन दिनों बारिश का मौसम था। बारिश की वजह से सीढिय़ों में बहुत फिसलन हो गई थी। मैं छत पर सूखे कपड़े उठाने गई तो पीछे-पीछे मेरे पति भी आ गए। तभी उन्हें कोई काम याद आ गया तो वह बोले, ‘मैं नीचे जा रहा हूं, […]
एस्टीम कैसे चलाऊंगा?
मेरा 6 वर्षीय बेटा शिवम बहुत नटखट है। एक बार उसे जुकाम हो गया था तो मैं उसे डॉक्टर के पास दिखाने ले गई। डाक्टर ने दवा देते हुए कहा कि आप अपने बेटे को स्टीम (भाप) दीजिए, उससे यह जल्दी ठीक हो जाएगा। इस पर शिवम तपाक से बोला, ‘अंकल, अभी तो मैं बहुत छोटा हूं, अभी से एस्टीम […]
उसे हॉट एंड सॉर सूप समझकर पी गई
मैं बिहार की एक साधारण सी लड़की हूं। मेरी शादी को 6 महीने हुए हैं। शादी के बाद पहली बार मैं अपने पति व परिवार वालों के साथ होटल गई थी। वहां मेरे पति ने मुझे पिज्जा खिलाया, उसके बाद सबने रोटी व सब्जी भी खाई। मैं पढ़ी-लिखी हूं, पर शादी के पहले होटल कभी […]
सूरज का ट्रिप
मुझे याद है जब मैं स्कूल जाती थी। घर के हालात ठीक-ठाक थे, परंतु आसपास के दोस्त व सहेलियां अमीर घरों के थे। हम छुट्टियों में शिमला घूमने जाते और वो स्विटजरलैंड। एक बार तीसरी क्लास में टीचर ने पढ़ाया कि पृथ्वी सूरज का चक्कर लगाती है। यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई। छुट्टियां हुई सब बताने […]
दादा जी के मुंह में चैरी डाली
मेरे दादा और चाचू (दादाजी के भाई) पटना में रहते थे। जब कभी भी वो दिल्ली आते तो हमारे घर महीना भर तो रहते ही थे। वह टोका-टाकी बहुत करते थे। मेरे दादा जी ने मेरी मां को कभी सिर ढकने को नहीं कहा था लेकिन चाचाजी तो छोटा सा घूंघट निकालने के लिए मजबूर करते। हमारे खाने को […]
