जब मैं 7-8 साल का था, मुझे बारिश में नहाना बहुत पसंद था। एक दिन की बात है, मैं स्कूल के लिए निकला। मैंने देखा बहुत जोर की बारिश आ रही है। सोचा घर जाऊंगा तो खाना नहीं मिलेगा और खेल भी नहीं। फिर मैं बस में चढ़ गया। जब स्कूल आने में 5 मिनट रह गए तो मैं जोर-जोर से रोने लगा और कहने लगा मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है। मुझे मम्मी के पास जाना है। बस में सब बच्चे मुझे देख रहे थे। मैं और रोने लगा।
बस वाले ने बस घर की तरफ से ली और घर की तरफ ले जाने लगा। लेकिन मैंने अपने दोस्त को यह बात बता दी। जब तक वह घर तक पहुंचा तो तेज धूप निकल गई। सोचा क्या करूं, घर गया तो मां की मार, स्कूल गया तो वहां मार। मैंने स्कूल जाने को कहा और बोला मैं ठीक हो गया हूं। बस स्कूल की तरफ चल दी। लेकिन मेरे दोस्त ने जोर से बस में यह बोल दिया, फिर क्या था, स्कूल की मार… फिर घर की मार, इतनी पड़ी कि बारिश का मजा मिल गया। मैं आज तक यह बात नहीं भूला। अब जब भी बारिश आती है तब अपने पर हंसी आती है।
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