Wrinkles in mind

सिर्फ चेहरे ही नहीं बल्कि ब्रेन में भी पड़ सकती हैं झुर्रियां, जानिए इनके बारे में

चेहरे के साथ ही हमारे माइंड पर भी झुर्रियां हैं। लेकिन, यह झुर्रियां किसी समस्या का कारण नहीं बनती हैं। जानिए माइंड में झुर्रियों के बारे में विस्तार से।

Wrinkles in Mind: चेहरे पर झुर्रियां यानी रिंकल्स एक ऐसी समस्या है, जो उम्र के बढ़ने पर होना सामान्य है। चेहरे की झुर्रियां होना कोई परेशानी वाली बात नहीं है लेकिन अगर ब्रेन में झुर्रियां हों तो क्या यह परेशानी की वजह बन सकती हैं? इंसान के ब्रेन को पूरी दुनिया का सबसे कॉम्प्लेक्स ऑब्जेक्ट माना जाता है। एक नयी रिसर्च के अनुसार ब्रेन में झुर्रियाँ उम्र के बढ़ने का संकेत नहीं हैं, बल्कि असल में, यह इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि हमारा दिमाग कितना बड़ा और कॉम्प्लेक्स है। जानिए माइंड में झुर्रियों के कारण और एक्सपर्ट्स की राय के बारे में।

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माइंड में झुर्रियों के क्या हैं कारण? 

ऐसा की आप जानते ही हैं कि ब्रेन हमारे शरीर का कॉम्प्लेक्स ऑर्गन है, जिसका ऑर्गनाइजेशन इसके कार्य के लिए आवश्यक है। एक नई स्टडी से यह से पता चला है कि हमारे माइंड में झुर्रियां और इसका अखरोट का आकार होने का कारण हो सकता है, मस्तिष्क के बाहरी हिस्से के तेजी से बढ़ना। हमारा ब्रेन दो लेयर्स से बना होता है। बाहरी लेयर को सेरेब्रल कॉर्टेक्स कहा आता है जो फोल्डेड ग्रे मैटर से बना होता है। जबकि, अंदरूनी लेयर सफेद मैटर से बनती है, इसमें अधिकतर न्यूरॉन्स होते हैं, जिन्हें माइलिनेटेड एक्सॉन कहा जाता है। स्टडी के अनुसार जब ब्रेन का विकास होता है, तो डिफ्रेंशियल स्वेलिंग जैसा कुछ नजर आता है। इसका मतलब है कि कुछ हिस्से दूसरों की तुलना में तेजी से बढ़ते हैं। विशेष रूप से, ऑर्गेनॉइड के बाहरी रीजन फैल आते हैं जबकि इसकी इनर सरफेस सिकुड़ता है। जब ऑर्गेनॉइड अपने महत्वपूर्ण डेंसिटी तक पहुंच जाता है, तो इसमें झुर्रियां पड़ने लगती हैं। झुर्रियों का यह पैटर्न भ्रूण के ब्रेन की एमआरआई इमेजेज के समान पाया गया।

Wrinkles in mind causes

हमारा ब्रेन कैसे काम करता है?

आप यह तो समझ ही गए होंगे कि ब्रेन में झुर्रियों का क्या कारण होता है। अब जानते हैं कि ब्रेन कैसे काम करता है?  यह समझने के लिए कि जब न्यूरॉन्स एक्साइट होते हैं, तो मस्तिष्क कैसे काम करता है, शोधकर्ताओं ने वेव्स की मैथेमैटिकली थ्योरी को शामिल करने का प्रयास किया। उन न्यूरोसाइंटिस्ट्स जिन्होंने दशकों से न्यूरॉन्स के मेकेनिज्म और ब्रेन को संदेश भेजने के उनके तरीकों का अध्ययन किया है उनके अनुसार न्यूरॉन्स, उत्तेजित होने पर अन्य न्यूरॉन्स को संदेश भेज सकते हैं। सेरेब्रल कॉर्टेक्स में न्यूरॉन्स अपनी एक्सिटमेंट की स्थिति को अपने पास के अंगों तक कम्यूनिकेट कर सकते हैं। हालांकि, प्रत्येक न्यूरॉन में एक्सॉन नामक एक लंबा फिलामेंट होता है, जो दूर स्थित मस्तिष्क कोशिकाओं को संदेश भेजने में भी मदद करता है। लेकिन, यह जानना भी आवश्यक है कि ब्रेन की झुर्रियां नुकसानदायक नहीं होती हैं।

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Wrinkles in mind

ब्रेन में झुर्रियां या अन्य स्टडीज के लिए शोधकर्ताओं ने एक आइडियल ब्रेन स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया। हालाँकि, कॉर्टेक्स के अखरोट के साइज के कन्वल्शन्स का आकार और साइज हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। भविष्य में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ह्यूमन ब्रेन की सामान्य ग्रोथ और फोल्डिंग के बारे में और भी अधिक जानकारी देने में सक्षम हो सकती है। लेकिन, न्यूरोसाइंस में हर तरह की एडवांसमेंट ने शोधकर्ताओं ने बहुत सा काम कर दिया है, जिससे यूनिवर्स में सबसे कॉम्प्लेक्स नॉन स्ट्रक्चर की मिस्ट्री को और समझने की अधिक कोशिश की जा रही है।