Women Health Myths: महिलाएं अपनी पूरी लाइफ में कई तरह के बदलाव देखती हैं। उनके शरीर में कई ऐसे बदलाव आते हैं, जिनको नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता है। यही वजह से की महिलाओं के लिए अपनी हेल्थ का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है। अक्सर लोग महिलाओं की हेल्थ को लेकर कई तरह के मिथ्स पर विश्वास कर लेते हैं।
महिलाओं की हेल्थ को लेकर कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जिन पर खुलकर बात ही नहीं की जाती। ऐसे में महिलाएं अक्सर अपनी हेल्थ को नजरअंदाज कर देती हैं, जो कि बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
अगर आप भी ऐसी ही कही सुनी बातों पर विश्वास कर लेती हैं, तो आपको बता दें आपको इससे बचना चाहिए। आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ मिथ्स के बारे में बताएंगे, जिनपर आपको बिल्कुल विश्वास नहीं करना चाहिए।
पीरियड्स में नहीं करनी चाहिए एक्सरसाइज

बहुत से लोगों को आपने यह कहते सुना होगा कि पीरियड्स के दिनों में एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। एक्सपर्ट की मानें तो इस बात के पीछे किसी तरह का साइंटिफिक रिजन ही नहीं है। आपको बता दें कि पीरियड्स में एक्सरसाइज करने से दर्द, ब्लोटिंग, डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन में कमी आती है। इस दौरान आपको इंटेंसिटी वर्कआउट करने से बचना चाहिए। पीरियड्स में एक्सरसाइज करना या ना करना आपके कम्फर्ट पर निर्भर करता है। कमजोरी और थकान होने पर इसे अवॉइड करें।
गर्भवती महिला को डबल डाइट लेनी चाहिए
बहुत से घरों में गर्भवती महिलाओं को डबल डाइट लेने की सलाह दी जाती है। उन्हें ऐसा कहा जाता है कि उन्हें दो लोगों की डाइट लेनी चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो ये केवल एक मिथ है। भ्रूण का विकास भले ही मां के द्वारा लिए गए न्यूट्रिशन पर निर्भर करता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि डाइट को डबल कर देना चाहिए।
पीरियड्स में इंटरकोर्स से नहीं हो सकते प्रेग्नेंट

बहुत से लोगों का ये भी मानना है कि पीरियड्स के दौरान इंटरकोर्स करने से प्रेग्नेंट होने का कोई चांस नहीं होता। आपको बता दें कि पीरियड्स के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी के चांसेस भले ही कम होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि इस दौरान आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकतीं। ये पूरी तरह से संभव है।
यह केवल एक मिथ है कि पीरियड्स के दौरान इंटरकोर्स करने से प्रेग्नेंट होने के चांस कम होते हैं। अगर आपको पीरियड्स अनियमित आते हैं और फ्लो काफी दिनों तक रहता है, तो इसका असर आपके फर्टिलिटी विंडो भी दिखता है।
पीरियड्स में सभी महिलाएं होती हैं चिड़चिड़ी
ये बात सच है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं। हर किसी पर इसका अलग प्रभाव होता है। ऐसे ही हर महिला को इस दौरान चिड़चिड़ापन महसूस नहीं होता।
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पीरियड्स में भारी सामान उठाने से आता है बांझपन

ये बात पूरी तरह से एक मिथ है। कई महिला खिलाड़ी पीरियड्स में भी अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हैं। ऐसे में इस तरह की बातों पर बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहिए। ये बात पूरी तरह से एक मिथ है।