Vata Dosha Effect On Periods: पीरियड्स का असर केवल आपकी प्रजन्न क्षमता पर ही नहीं बल्कि आपकी ओवर ऑल हेल्थ पर पड़ता है। आपके पीरियड्स से आपके पूरे शरीर की हेल्थ का पता चलता है। पीरियड्स का हेल्दी होना हर महिला की सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है। लाइफस्टाइल, तनाव और खान-पान की गलत आदतों का भी असर आपके पीरियड्स पर साफ दिखता है। ऐसे में हर महिला के लिए आपनी मेंस्ट्रुअल हेल्थ का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।
साथ ही इसे ट्रेक करना भी आपके लिए काफी जरूरी है। एक महिला को अपनी हेल्थ के बारे में सतर्क होकर ध्यान रखना चाहिए कि उसके पीरियड्स में ब्लड फ्लो कैसा है, पीरियड्स साइकल कितने दिनों का है, कितना दर्द हो रहा है, पीरियड्स में ब्लड का कलर कैसा है। इन सभी बातों को आपको हर महीने नोट करना चाहिए। अगर अचानक कोई बदलाव नजर आए, तो उस भूल से भी कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
आयुर्वेद की मानें तो मानव शरीर में वात, पित्त और कफ ये तीन तरह के दोष पाए जाते हैं। शरीर में पाए जाने वाले इन दोषों का असर आपके स्वास्थ्य पर सीधे तौर पर पड़ता है। इन दोषों का पीरियड्स पर पड़ने वाला असर अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। आपको बता दें कि इन दोषों का असर आपके पीरियड्स पर भी पड़ता है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि वात दोष का आपके पीरियड्स पर क्या असर पड़ता है। इस विषय पर विस्तार से जानकारी देने के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर नीतिका कोहली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की है।
वात दोष का पीरियड्स पर असर

आयुर्वेद की मानें तो किसी भी व्यक्ति में दो दोष सबसे ज्यादा प्रधान पाए जाते हैं। वात, पित्त और कफ में से केवल दो दोष सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं। वहीं महिलाओं में पित्त प्रधान होता है। इस दोष का पीरियड्स पर कई तरह से असर दिखता है।
कैसा होता है ब्लड फ्लो
जिन महिलाओं में पित्त दोष पाया जाता है, उनके पीरियड्स में बहुत ही हैवी फ्लो होता है। वहीं अगर बात करें वात दोष की, तो इस दोष से पीड़ित महिलाओं को पीरियड्स में कम ब्लड फ्लो की समस्या होती है। इस दोष से पीड़ित महिलाएं अक्सर ब्लड फ्लो के कम होने की समस्या से परेशान रहती हैं।
ब्लड का कलर
पीरियड्स का कलर आपकी सेहत का हाल बताता है। ऐसे ही जिन लोगों को वात दोष होता है, उनके पीरियड ब्लड की कलर गहरे लाल रंग या भूरे रंग का होता है। इसे अच्छा नहीं माना जाता।
कैसा होता है ब्लड

जिन महिलाओं में वात दोष प्रधान होता है, उनका खून हल्का सूखा हुआ या पुराना होता है। पीरियड्स के दौरान उन्हें इस तरह की भी समस्या होती है। ये काफी डरावना हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसे नजरअंदाज ना करें।
तेज क्रैम्प्स होते हैं
आयुर्वेद के अनुसार जिन महिलाओं में वात दोष पाया जाता है, उनको पीरियड्स के दौरान तेज क्रैम्प्स का भी सामना करना पड़ता है। ये बहुत ही दर्दनाक भी हो सकता है। इस दौरान आपको कमर के निचले हिस्से और सिर में भी तेज दर्द की शिकायत हो सकती है।
वजाइना की वॉल ड्राई

इस तरह की महिलाओं को वजाइना की वॉल में ड्राईनेस की भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही इस दौरान आपको कब्ज और गैस की भी दिक्कत हो सकती है।