PCOS Diet Plan: पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं को हार्मोनल बदलावों के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस के कारण ना केवल महिला की प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, बल्कि इससे लगातार वजन बढ़ने की समस्या भी शुरू हो जाती है।
साथ ही, हार्मोनल असंतुलन के कारण वजन कम करना भी काफी मुश्किल हो जाता है। पीसीओएस से पीड़ित कई महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध भी होता है, जिससे शरीर के लिए रक्त ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलना मुश्किल हो जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप पीसीओएस से पीड़ित होने के बावजूद भी अपना वजन आसानी से कम कर सकती हैं-
वजन कम करने के लिए पर्याप्त प्रोटीन खाएं
अगर आपको पीसीओएस की समस्या है तो ऐसे में वजन कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखें। कोशिश करें कि आप अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं। प्रोटीन ना केवल आपको अधिक फुलर होने का अहसास करवाएगा, बल्कि ब्लड शुगर को भी बैलेंस करने में मदद करता है। यह क्रेविंग को कम करके आपको वजन कम करने में मदद करेगा।
वजन कम करने के लिए लें कार्ब्स कम
आपको शायद पता ना हो, लेकिन कार्ब सेवन को कम करने से आपको पीसीओएस को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। जब एक पीसीओएस से पीड़ित महिला कम ग्लाइसेमिक डाइट का सेवन करती है, तो इससे उन्हें लाभ हो सकता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) यह आकलन करता है कि कोई विशिष्ट फूड आइटम कितनी तेजी से रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाती है।
वचन कम करने के लिए अधिक फाइबर लें
यह भी एक तरीका है, जिसकी मदद से आप वजन कम कर सकती हैं। आप अपने फाइबर सेवन को बढ़ाकर कम कैलोरी लेकर भी अधिक समय तक भरा हुआ महसूस कर सकती हैं। इसके अलावा, हाई फाइबर कार्ब्स आपके ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाएंगे। एक अध्ययन में, पीसीओएस वाली महिलाएं जिन्होंने अधिक फाइबर का सेवन किया था, उन्होंने इंसुलिन प्रतिरोध, शरीर में वसा और पेट की चर्बी के स्तर को भी कम किया था।
वजन कम करने के लिए हेल्दी फैट लें
अपने आहार में हेल्दी फैट शामिल करने से आपको वजन घटाने और अन्य पीसीओएस लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, आप भोजन के बाद अधिक तृप्त महसूस करते हैं। भोजन में हेल्दी फैट शामिल करने से आपको फूड क्रेविंग्स को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है। जैतून का तेल, नारियल का तेल, एवोकाडो, और अन्य प्रकार के हेल्दी फैट्स के कुछ उदाहरण हैं।
वजन कम करने के लिए पैक्ड आइटम से बचें
अगर आप पीसीओएस पीड़ित हैं तो ऐसे में आपको समझदारी से अपने फूड आइटम का चयन करना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड आइटम और स्वीट फूड आइटम इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकते हैं, जो मोटापे से जुड़ा हुआ है और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए अगर आप अपने वजन को हेल्दी तरीके से कम करना चाहती हैं तो ऐसे में आप पैक्ड आइटम्स व शुगरी आइटम्स से बचने की कोशिश करें।
वजन कम करने के लिए रेग्युलर एक्सरसाइज करें
वजन घटाने को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है कि आप नियमित रूप से व्यायाम करें। एक्सरसाइज करने से ना केवल आपका स्टेमिना बढ़ने लगता है, बल्कि इससे आपको पेट की चर्बी कम करने और इंसुलिन सेंसेटिविटी को सुधारने में मदद मिलती है। आप एक्सरसाइज करते हुए कार्डियो के साथ-साथ वेट ट्रेनिंग का भी अभ्यास अवश्य करें।
वजन कम करने के लिए लें बेहतर नींद
बेहतर नींद लेना आपकी ओवर ऑल हेल्थ के लिए जरूरी है। यदि आपको पीसीओएस की समस्या है, तो आपको अनिद्रा, स्लीप एपनिया और दिन में अत्यधिक नींद आने सहित नींद की कई समस्या हो सकती है। घ्रेलिन और कोर्टिसोल जैसे भूख पैदा करने वाले केमिकल्स की गतिविधि को बढ़ाने के लिए अपर्याप्त नींद भी जिम्मेदार हो सकती है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप वजन कम करने के लिए अच्छी नींद लेना शुरू करें।
वजन कम करने के लिए लें फरमेंटेड फूड
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में अकसर हेल्दी गट बैक्टीरिया की संख्या कम हो सकती है। ऐसे में प्रोबायोटिक्स से भरपूर फूड आइटम्स खाने या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लेने से आपके पेट के गुड बैक्टीरिया को सहारा मिल सकता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन हेल्दी गट बैक्टीरिया मेटाबॉलिज्म को बूस्टअप करके और वजन को मेंटेन रखने में भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में आप प्रोबायोटिक्स रिच फूड्स जैसे दही, केफिर आदि का सेवन कर सकते हैं।
वजन कम करने के लिए करें माइंडफुल ईटिंग
आपको शायद पता ना हो, लेकिन माइंडफुल ईटिंग के जरिए आप अपनी कई समस्याओं को आसानी से हल कर सकती हैं। यहां तक कि, इससे वजन कम करने में भी काफी मदद मिल सकती है। खासतौर से, यह पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए विशेष रूप से मददगार हो सकता है, जिन्हें ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या का सामना अधिक करना पड़ता है।
वजन कम करने के लिए तनाव करें कम
कई बार बहुत अधिक कोशिश करने के बाद भी वजन कम नहीं हो पाता है। ऐसा इसलिए होता है कि आपके भीतर तनाव का स्तर काफी अधिक होता है। क्रोनिक तनाव से कोर्टिसोल का स्तर भी बढ़ने लगता है। क्रोनिक रूप से उच्च कोर्टिसोल का स्तर इंसुलिन प्रतिरोध और वजन बढ़ने से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने भीतर के तनाव को मैनेज करने के लिए कुछ आवश्यक कदम अवश्य उठाएं।