Ayurveda Remedy for PCOS: पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, जो महिलाओं में खराब लाइफ स्टाइल के चलते तेजी से बढ़ता स्वास्थ्य विकार है। पीसीओएस के कारण हार्मोन्स बिगड़ जाते हैं, जिसकी वजह से कई महिलाएं गर्भ धारण नहीं कर पाती। आयुर्वेद के मुताबिक, पीसीओएस वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के कारण होता है। आयुर्वेद में ओवरी से जुड़ी इस गंभीर बीमारी का इलाज भी बताया गया है। इस लेख में हम आपको पीसीओएस के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताएंगे, जो काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं।
वैसे तो पीसीओएस का इलाज एलोपैथी दवाइयों द्वारा भी किया जाता है। लेकिन आयुर्वेद में पीसीओएस के इलाज के लिए 49 जड़ी-बूटियों का जिक्र किया गया है, जैसे-गिलोय, कंचनार, वरुण, शिलाजीत, त्रिकटु, त्रिजटा, बिल्वपत्र, अश्वगंधा, हल्दी, अमलकी, मेथिका, विजयसार, अवर्तकी, जामुन, मेषश्रृंगी, मामेजवा, सप्तरंगी, नीम, करेला आदि। इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कैसे किया जाए, आइए जानते हैं।
हल्दी (Turmeric)

भारतीय रसोईघरों में हल्दी एक मुख्य मसाले में से है, जो न सिर्फ खाने में बल्कि कई तरह के घरेलू उपचारों में इस्तेमाल होती है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक रसायन होता है, जो सूजन को कम करता है और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित करता है। पीसीओएस में हल्दी का सेवन करने से सूजन में राहत, पीरियड्स को नियमित और इंसुलिन को संतुलित किया जा सकता है। हल्दी से वजन को भी कम करने में मदद मिलती है।
कचनार (Kachnar)

कचनार का सेवन कफ और पित्त को ठीक करता है। दरअसल, इसकी तासीर ठंडी होती है। यह कृमि, कुष्ठ, थायराइड संबंधी समस्याओं को ठीक करता है। कचनार का फूल लघु, रुक्ष तथा रक्तप्रदर, श्वेतप्रदर, क्षीणता तथा खांसी को दूर करता है।
गिलोय (Giloy)

पीसीओएस की समस्या में ओवरी असामान्य रूप से उच्च स्तर के पुरुष सेक्स हार्मोन एंड्रोजन का उत्पादन करती है। हालांकि एंड्रोजन महिलाओं में पुरुष के मुकाबले काफी कम होते हैं। गिलोय पीसीओएस के लक्षणों को रोकने में भी मदद करती है।
आहार और जीवनशैली में बदलाव है जरूरी
सिर्फ जड़ी-बूटी ही नहीं पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अपने खानपान और जीवनशैली में बदलाव की भी जरूरत है। महिलाओं को जंक फूड, प्रोसेस्ड और शुगर बेस्ड फूड से दूरी बनानी चाहिए। दरअसल, इस तरह का खानपान महिलाओं में हार्मोन्स को असंतुलित करने में अहम भूमिका निभाता है।
डॉ. आरती पाटिल (एमडी आयुर्वेद स्त्री रोग) से बातचीत पर आधारित
