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भारत सहित दुनियाभर के कई देशों में मशहूर भारतीय ब्रांड्स के पावभाजी मसाले, सांभर मसाले, चना मसाले, सब्जी मसाले में खतरनाक केमिकल्स पाए गए हैं। कई मसालों में एथिलीन ऑक्साइड और पेस्टिसाइड मिले हैं।
Adulteration in Spices: चोट लगने पर या फिर कोई सर्जरी होने के बाद अक्सर लोग दर्द से राहत पाने के लिए हल्दी वाला दूध पीते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस हल्दी को आप हेल्दी समझ कर पी रहे हैं, असल में वो कैमिकल से भरी है। सिर्फ हल्दी ही नहीं घर की रसोई में काम आने वाले अधिकांश मसाले अब शक के घेरे में हैं। भारत सहित दुनियाभर के कई देशों में मशहूर भारतीय ब्रांड्स के पावभाजी मसाले, सांभर मसाले, चना मसाले, सब्जी मसाले में खतरनाक केमिकल्स पाए गए हैं। कई मसालों में एथिलीन ऑक्साइड और पेस्टिसाइड मिले हैं। ऐसे में अधिकांश लोग इस दुविधा में हैं कि आखिर वह कैसे शुद्ध मसाले खाएं, जिससे उनकी सेहत पर कोई बुरा असर न पड़े।
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कई गंभीर बीमारियों का कारण हैं केमिकल

केमिकल मिले ये मसाले आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं और आपको कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकते हैं। लिवर और फेफड़े डैमेज करने के साथ ही ये मसाले गर्भवती महिलाओं के गर्भपात का कारण भी बन सकते हैं। इतना ही नहीं ये इनफर्टिलिटी का कारण भी हो सकते हैं। पेस्टिसाइड से कैंसर की आशंका बढ़ती है। एथिलीन ऑक्साइड के कारण ब्लड कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और लिंफोमा कैंसर हो सकता है। वहीं पेस्टीसाइड्स के कारण लंग्स डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है। इससे सांस संबंधी परेशानियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ये हानिकारक केमिकल बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। लंबे समय तक इनके सेवन से बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर की समस्या होने का खतरा बढ़ता है। जिसमें ब्रेन का डवलपमेंट ठीक से नहीं हो पाता। कई बार बच्चे ऑटिज्म डिसऑर्डर का शिकार भी हो सकते हैं, जिसके कारण बच्चों को कम्युनिकेशन में परेशानी आने लगती है।
ऐसे पहचानें कितने सेफ हैं मसाले

वैसे तो घर में पिसे मसाले और बनाए गए मसाले ही सबसे शुद्ध माने जाते हैं। लेकिन अगर आप बाजार से मसाले ला रहे हैं तो उनमें मिलावट है या नहीं, ये पहचानना आपको आना चाहिए।
लाल मिर्च पाउडर
लाल मिर्च को वजन में भारी और कलर में चटख लाल बनाने के लिए कई प्रकार की चीजें इसमें डाली जाती हैं। लाल मिर्च पाउडर में अधिकांश तौर पर केमिकल डाई, चॉक या ईंट का चूरा मिलाया जाता है। इसकी मिलावट का पता लगाने के लिए आप कांच के गिलास में पानी भरें और उसमें एक टीस्पून लाल मिर्च मिलाएं। पांच मिनट रुकें। अब देखें कि मिर्च पाउडर पानी में घुल रहा है या नहीं। अगर पाउडर नकली होगा तो उसका रंग बदल जाएगा और चॉक या ईंट का पाउडर नीचे बैठ जाएगा।
हल्दी पाउडर
हल्दी पाउडर को टेस्ट करना आसान है। इसके लिए भी आप कांच के गिलास में पानी भरें और उसमें एक टीस्पून हल्दी पाउडर घोल लें। अगर पानी पीले रंग का होने लगे और हल्दी गिलास में नीचे जमने लगे तो इसका मतलब है कि हल्दी असली है। लेकिन अगर हल्दी का रंग डार्क येलो यानी गाढ़ा पीला होने लगे तो यह मिलावट का इशारा है।
जीरा
जीरा भारतीय रसोई का अभिन्न अंग है। लेकिन इस साबुत मसाले में भी अब मिलावट आने लगी है। इसे जांचने के लिए एक टीस्पून जीरा लें और उसे अंगुलियों से रगड़ें। अगर जीरा मिलावटी होगा तो आपकी अंगुलियों पर काला रंग नजर आने लगेगा। वहीं शुद्ध जीरे में ऐसा नहीं होता।
काली मिर्च
काली मिर्च को ‘काला सोना’ कहा जाता है, लेकिन अब इसमें भी मिलावट होने लगी है। अक्सर लोग सोचते हैं कि साबुत काली मिर्च शुद्ध होती है, लेकिन मिलावटखोर इसमें पपीते के बीज मिलाने से बाज नहीं आते हैं। ये बीज सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। काली मिर्च की शुद्धता जांचने के लिए आप एक गिलास पानी में एक टीस्पून साबुत काली मिर्च डालें। नकली काली मिर्च हल्की होने के कारण गिलास के ऊपर आ जाएगी। वहीं असली काली मिर्च गिलास में नीचे बैठ जाएगी।
