Leg Pain and Heart Health: आप इस बात पर विश्वास करें या न करें, लेकिन पैरों में दर्द और हार्ट में एक कनेक्शन है. ऐसा पाया गया है कि पैरों में दर्द होना सीधेतौर पर हार्ट प्रॉब्लम का परिणाम हो सकता है. शरीर के बहुत से फंक्शन्स में सहायक हार्ट की हेल्थ समानतया फुट पेन के लिंक होती है. अगर आप पैर, टांगों और उंगलियों में दर्द का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है. क्योंकि, अगर पैरों की समस्याओं का उपचार न किया जाए, तो यह परेशानियां गंभीर हो सकती हैं. संक्षेप में कहें तो पैरों का दर्द हार्ट प्रॉब्लम की निशानी हो सकती है. इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है. आइए जानें इस बारे में.
फुट पेन हार्ट प्रॉब्लम से कैसे संबंधित है

हार्ट शरीर में ब्लड फ्लो के लिए जिम्मेदार होता है. जब हार्ट की पंपिंग पर दबाव पड़ता है या रुक जाता है, तो यह पैरों में रक्त के प्रवाह को प्रभावित कर सकता है. इससे पैरों में दर्द और सूजन हो सकती है. पैरों को सही से पंप हुए ब्लड से ऑक्सीजन की जरूरत होती है. अगर हार्ट सही से फंक्शन न कर रहा हो, तो इसका प्रभाव पैरों पर पड़ सकता है. हेल्दी हार्ट के सही से काम न करने पर फुट प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं.
हार्ट से जुड़ी फुट प्रॉब्लम्स के लक्षण क्या हैं?

अगर हार्ट पैरों में दर्द या अन्य परेशानियों का कारण बन रहा हो, तो कुछ सामान्य लक्षण नजर आ सकते हैं. इन लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है. यह लक्षण इस प्रकार हैं:
-ड्राई और थिन स्किन
-पैरों की उंगलियों और अंगूठे में बदलाव
-पैरों की उंगलियों और अंगूठे या पैरों का ठंडा या सुन्न होना
-जख्म जिन्हें भरने में समय लगे
-थोडी देर चलने पर पैरों में दर्द या क्रैम्पिंग होना
-पैरों से हेयर ग्रोथ का कम होना.
-पैरों में पल्स का कम या बिलकुल न होना
-टांगों के नीचे के हिस्से, एड़ियों या पैरों में सूजन होना
हालांकि, ये सब हार्ट डिजीज का संकेत हो सकते हैं. लेकिन, यह पैर और एड़ियों की अन्य समस्याओं की तरफ भी इशारा कर सकते हैं, जो इमोबिलिटी के कारण बन सकती हैं. अगर आप इन लक्षणों में से किसी का भी अनुभव करें या आप किसी ऐसी फुट कंडिशंस से पीड़ित हैं, जो आपके पैरों की मोबिलिटी को प्रभावित करती है, तो डॉक्टर से राय अवश्य लें. ताकि, इस बात का निदान हो सके कि आपक पैरों में समस्या हार्ट की वजह से है या इसका कारण कुछ और है.