पीरियड्स के दौरान ऐंठन,ब्लोटिंग,और शरीर में दर्द,से निबटने की समस्या से अक्सर महिलाएं पीड़ित रहती हैं। उस पर यदि पिरीयड्ज़ रैशेज की समस्या हो तो ये परेशानी और बढ़ जाती है. क्या आपको भी पीरियड के दौरान,योनि और उसके आसपास यहाँ तक की गुदा क्षेत्र के आसपास रैशेज हो जातीं हैं।

तो प्रस्तुत हैं इससे बचने के तरीक़ों और के कुछ उपाय-

A-काॅटन सैनिटरी पैड का उपयोग करें-ऐसे सैनिटरी पैड का उपयोग करें जिसके नीचे ब्लू प्लास्टिक शील्ड न हो.उच्च आर्द्रता के स्तर और लगातार गरमी से यह आपकी संवेदनशील त्वचा को और उत्तेजित करता है.इसलिए ऐसे सैनिटेरी नैपकिंस ख़रीदें जो विशेष रूप से संवेदनशील त्वचा के लिए तैयार किए जाते हैं.

B-सैनिटरी नैपकिन बदलने में देर न करें-अपने पैड्स को केवल दो बार बदलने की ग़ल्ती न करें.इसके बजाय,आप अपने साथ सैनिटरी नैपकिन रखें और सुरक्षित रहने के लिए इसे बदलने में देर न करें

C-पीरियड के दौरान ढीले कपड़े पहनें-अपनी पसंदीदा स्क़िनी जींस और सैक्सी सेटन अंडरवैयर पहनने के बजाय ढीले पैंट और काॅटन अंडरवियर पहनें.इससे आपको ज़्यादा पसीना नहीं आएगा और आपका जननांग क्षेत्र हवादार रहेगा,जो दर्दनाक पीरियड रैशेज रोकने में मदद करेगा.

D-स्वच्छता का ध्यान रखें-जितनी बार टॉयलेट जायें अपने जननांग क्षेत्र को धोएं और टॉयलेट पेपर से सुखाएँ.वेट वाइप्स का इस्तेमाल बिल्क़ुल न करें क्योंकि उनमें ज़्यादातर एल्क़ोहोल या अन्य क़ई सुग्गंध वाले घटक होते हैं, जिससे त्वचा में सूजन हो सकती है. इसके अलावा,बिस्तर पर जाने से पहले एक शावर लें और गुप्तांग को हर समय,,सूखा रखें.

E-लगाएँ डॉक्टर की बताई क्रीम-अपनी चिकित्सक से सलाह करे और उसके द्वारा निर्धारित क्रीम का उपयोग करें.सैनिटरी क्रीम से होने वाले यीस्ट इन्फ़ेक्शन,के लिए एंटी फ़ंगल क्रीम दी जाती है,जबकि बैक्टीरीयल इन्फ़ेक्शन के लिए एंटिसेप्टिक क्रीम दी जाती है.गीला पन रोकने के लिए एंटीसेप्टिक पाउडर का इस्तेमाल करें.

रैशेज का इलाज-प्रभावित क्षेत्र पर साबुन,बाॅडी वाॅश या किसी तरह की क्रीम,जैसे लैक्टो कैलामाइन या वैसलिन आदि का इस्तेमाल न करें.प्रभावित क्षेत्र को गर्म पानी से धोएं। इससे आपको रैशेज से छुटकारा मिलेगा.उसके बाद,एक ठंडे संगमरमर या पत्थर की सतह पर बैठें.प्रभावित स्थान पर गर्म या ठंडे पानी का पैड भी लगा सकती हैं,लेकिन इनक़ा त्वचा पर सीधा उपयोग करने से बचें

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