Menstrual Hygiene Day
Menstrual Hygiene Day

Menstrual Hygiene Day: पीरियड्स के दौरान हाइजीन का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है, लेकिन कई बार हमारे मन में ये सवाल उठता है कि क्या इस दौरान ज्यादा बार नहाना चाहिए? कुछ लोग मानते हैं कि पीरियड्स के दिनों में नहाने से ठंड लग सकती है या स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, जबकि कुछ का मानना है कि ज्यादा साफ-सफाई रखने से संक्रमण से बचा जा सकता है। असल में, हर महिला के शरीर की ज़रूरत अलग होती है, लेकिन एक सही हाइजीन रूटीन अपनाना हर किसी के लिए फायदेमंद होता है।

डॉ भारती सोए, कंसलटेंट ऑब्सट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी ,फोर्टिस ओपी जिंदल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, के मुताबिक “मासिक स्वास्थ्य सिर्फ महिलाओं का मुद्दा नहीं है, यह स्वस्थ रहने का एक बुनियादी हिस्सा है। जब महिलाओं के पास अपने मासिक धर्म को प्रबंधित करने के सुरक्षित तरीके नहीं होते हैं, तो इससे संक्रमण, दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं और भावनात्मक तनाव तक हो सकता है।

दुनिया भर में करोड़ों लोगों के लिए यह आज भी एक दैनिक सच्चाई है। बदलाव की शुरुआत खुली बातचीत से होती है, मिथकों को तोड़ने से होती है, और यह सुनिश्चित करने से होती है कि पीरियड्स को शर्म की बात न माना जाए। इसका मतलब यह भी है कि हर किसी को स्वच्छ, भरोसेमंद मटीरियल उपलब्ध हो और उन्हें सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करने का तरीका भी पता हो।जब स्कूल और समुदाय मासिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करते हैं, तो हम युवाओं को वह ज्ञान और सम्मान देते हैं जिसके वे हकदार हैं।”
पीरियड्स के दिनों में शरीर से निकलने वाले फ्लूइड्स और पसीना शरीर को चिपचिपा और असहज महसूस कराते हैं। ऐसे में हल्के गुनगुने पानी से नहाना न केवल ताजगी देता है, बल्कि इंफेक्शन से भी बचाता है। इसके साथ ही पर्सनल हाइजीन प्रोडक्ट्स का सही इस्तेमाल, कपड़े साफ रखना और पैड/मेनस्ट्रुअल कप को समय पर बदलना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम जानेंगे कि पीरियड्स में नहाने के सही तरीके क्या हैं, कितनी बार नहाना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान नहाने के फायदे

पीरियड्स के दिनों में नहाना कई तरह से फायदेमंद होता है। सबसे पहले, हल्के गर्म पानी से नहाने से शरीर को रिलैक्स मिलता है और मांसपेशियों की ऐंठन कम होती है। इससे पीरियड्स पेन में भी राहत मिलती है। नहाने से शरीर से बदबू और चिपचिपाहट दूर होती है, जिससे आपको साफ और तरोताजा महसूस होता है। इससे इन्फेक्शन का खतरा भी कम होता है। पीरियड्स के दौरान त्वचा ज्यादा संवेदनशील हो जाती है, ऐसे में नहाने से स्किन की देखभाल भी होती है। अगर आपको दिनभर बाहर रहना होता है, तो नहाने से शरीर को हाइजीनिक बनाए रखना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। कुल मिलाकर, पीरियड्स के दिनों में रोजाना नहाना एक हेल्दी आदत मानी जाती है।

कितनी बार नहाना सही है?

कई महिलाओं को यह भ्रम होता है कि पीरियड्स के दौरान बार-बार नहाना जरूरी है। दरअसल, आपको हर दिन एक बार नहाना चाहिए, लेकिन अगर ज्यादा पसीना आता है या आप थकान महसूस कर रही हैं, तो दिन में दो बार भी नहाना फायदेमंद हो सकता है। नहाने का मुख्य उद्देश्य शरीर को साफ रखना और इन्फेक्शन से बचाना है। दिन में एक बार नहाने से शरीर की गंदगी और पसीना दूर होता है। लेकिन ध्यान रखें कि नहाने का पानी ज्यादा ठंडा या ज्यादा गर्म न हो, इससे स्किन और शरीर पर असर पड़ सकता है। जरूरत के हिसाब से हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना बेहतर होता है।

नहाते समय किन बातों का ध्यान रखें

पीरियड्स के दौरान नहाते समय कुछ छोटी-छोटी सावधानियां बहुत जरूरी हैं। सबसे पहले, हमेशा हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें, ताकि शरीर को आराम मिले और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो। ज्यादा गर्म पानी स्किन को ड्राई कर सकता है और ज्यादा ठंडा पानी मांसपेशियों में जकड़न पैदा कर सकता है। नहाने के लिए माइल्ड और खुशबूदार फ्री प्रोडक्ट्स चुनें, ताकि इन्फेक्शन का खतरा कम हो। पर्सनल हाइजीन के लिए जेंटल सोप या लोशन का इस्तेमाल करें, लेकिन प्राइवेट पार्ट्स को बहुत ज्यादा स्क्रब न करें, क्योंकि इससे त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं। नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से सुखा लें, ताकि नमी से फंगल इंफेक्शन का खतरा न रहे।

पीरियड्स में हाइजीन के लिए और क्या-क्या करें?

सिर्फ नहाना ही नहीं, पीरियड्स में और भी कई हाइजीन टिप्स जरूरी होते हैं। सबसे पहले, हर 4-6 घंटे में सैनिटरी पैड, टैम्पॉन या मेंस्ट्रुअल कप बदलना चाहिए। अगर गंध आने लगे या पैड बहुत ज्यादा गीला हो जाए, तो उसे तुरंत बदलें। इन दिनों ढीले और सूती कपड़े पहनना बेहतर होता है, ताकि एयर फ़्लो बना रहे और नमी की वजह से इन्फेक्शन का खतरा न हो। प्राइवेट पार्ट्स की सफाई हल्के पानी से करें, किसी हार्श प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा, हाथों की साफ-सफाई भी उतनी ही जरूरी है, खासकर जब आप पैड बदलें। पीरियड्स के दौरान पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखने से आप संक्रमण से बची रह सकती हैं और तरोताजा महसूस कर सकती हैं।

पीरियड्स हाइजीन को लेकर कॉमनमिथ और फैक्ट

पीरियड्स हाइजीन को लेकर कई मिथक हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है। कई लोग मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान नहाना मना है, लेकिन सच्चाई यह है कि नहाना शरीर को साफ और ताजगी देने के साथ-साथ दर्द को कम करने में भी मदद करता है। कुछ लोग मानते हैं कि पीरियड्स में बाल धोना ठीक नहीं होता, जबकि यह पूरी तरह गलत है। बाल धोने से कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि आपको तरोताजा महसूस होता है। एक और मिथक है कि नहाने से ब्लीडिंग बढ़ती है, जबकि असल में नहाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दर्द में राहत मिलती है। इसलिए सही हाइजीन रूटीन अपनाना सेहत के लिए बहुत जरूरी है।

मेरा नाम दिव्या गोयल है। मैंने अर्थशास्त्र (Economics) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से हूं। लेखन मेरे लिए सिर्फ एक अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का एक ज़रिया है।मुझे महिला सशक्तिकरण, पारिवारिक...