Kidney Stones Myth: वर्तमान में हर तीन में से एक व्यक्ति किडनी स्टोन की समस्या से जूझ रहा है। ये स्थिति दुनियाभर में तेजी से फैल रही है और हजारों लोगों को अपना शिकार बना रही है। किडनी स्टोन शुरुआत में छोटे होते हैं और ये पीठ और एब्डोमिनल एरिया में दर्द का कारण बनते हैं। यूरिन करते समय दर्द, मितली, उल्टी और चक्कर जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। किडनी स्टोन से पीड़ित व्यक्ति दर्द से छुटकारा पाने और घरेलू इलाज के लिए इंटरनेट का सहारा लेते हैं। माना कि इंटरनेट से हमें कई महत्वपूर्ण जानकरी प्राप्त हो जाती हैं लेकिन कई बार लोगों में बीमारी को लेकर मिथ और गलतफहमी भी घर कर जाती हैं। जो शरीर के लिए कष्टप्रद और हानिकारक हो सकती हैं। हालांकि इस बीमारी के बारे में कई मिथक मौजूद हैं जिन पर हमें ध्यान देना आवश्यक है। चलिए जानते हैं किडनी स्टोन से जुड़े कुछ मिथक और सच्चाई के बारे में।
Kidney Stones Myth: मिथक
कैल्शियम के सेवन को सीमित करके, डाइट से दूध को हटाकर किडनी स्टोन से बचा जा सकता है।
तथ्य: डाइट में कैल्शियम का सेवन, जब सामान्य स्तर पर बनाए रखा जाता है तो किडनी स्टोन के विकास को रोकने में मदद मिलती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि दूध और दूध से बने प्रोडक्ट का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। डेयरी प्रोडक्ट का अधिक सेवन करने से किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम रिस्ट्रीक्शन बोन डीमिनरलाइजेशन और ऑक्सालेट को बढ़ावा देता है जिसके परिणामस्वरूप पथरी बनती है। ऑक्सालेट लगभग सभी पौधों में मौजूद होता है और कुछ खाद्य पदार्थों जैसे पालक, चॉकलेट, ब्लैक टी, मेवा और शकरकंद आदि में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

मिथक
कमर दर्द किडनी स्टोन का एक निरंतर लक्षण है।
तथ्य: किडनी स्टोन तब तक कष्टकारी नहीं होता जब तक कि यूरिन करने में बाधा न आए या किडनी में सूजन के कारण कमर का दर्द न हो। किडनी स्टोन यदि पेशाब की नली में फंस जाए तो इसकी वजह से किडनी में सूजन की समस्या हो सकती है। इससे किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है। पेशाब की नली में स्टोन फंसने की वजह से पेशाब जमा हो जाता है जो संक्रमण का कारण भी बन सकता है। अधिकांश लोग उस समय मितली और उल्टी के साथ गंभीर दर्द का अनुभव करते हैं। कभी-कभी यूरिन में खून आना और जलन होने जैसे लक्षण भी परेशान कर सकते हैं।
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मिथक:
जौ के पानी और क्रेनबेरी जूस से किडनी स्टोन को बाहर निकाला जा सकता है।

तथ्य: क्रेनबेरी जूस स्टोन के इलाज में मदद नहीं करता है। लेकिन कई लोग स्टोन के विकास को रोकने के लिए इसके सेवन की सिफारिश करते हैं। इसके अलावा स्टोन को रोकने या हटाने के लिए जौ के पानी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है लेकिन इसका कोई ठोस प्रमाण हाथ नहीं लगा है। वास्तव में फ्लशिंग अधिक यूरिन प्रोडक्शन की वजह से होता है और यह अच्छी मात्रा में पानी पीने की वजह से होता है। अल्कोहल युक्त चीजों का सेवन करने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या भी होती है जिसकी वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। शराब किडनी हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों जैसे पानी, दूध, जूस आदि का सेवन करने से भी किडनी स्टोन को बाहर निकाला जा सकता है।
मिथक:

अधिकांश गुर्दे की पथरी, दवा से निकाली जा सकती है।
तथ्य: जब स्टोन सिस्टीन या यूरिक एसिड से बनी होती है, तो स्टोन को तोड़ने या रोकने के लिए दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। अधिकांश पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट या फॉस्फेट से बनी होती हैं, जिसका अर्थ है कि दवा उन्हें तोड़ नहीं सकती है। यदि वे छोटे हैं, तो उन्हें बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन यदि वे बड़े हैं, तब चिकित्सीय उपचार आवश्यक है।
