बच्चे को बुखार होने पर इन 5 बातों का रखें ख्याल: Tips for Kids in Fever
बच्चे के बुखार होने पर सभी पेरेंट्स को कुछ बातों का जरूर ख्याल रखना चाहिए।
Kids Fever Tips: मौसम के बदलाव का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। कभी बारिश में भीगने से सर्दी- जुकाम, बुखार जैसी समस्या हो जाती है। इसके अलावा कभी-कभी धूप में ज्यादा देर तक खेलने की वजह से भी बच्चों को बुखार हो जाता है। लेकिन छोटे बच्चों की तबीयत खराब होते ही माता-पिता काफी ज्यादा घबरा जाते है। कभी-कभी तो हल्का बुखार होने पर भी बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाते है। लेकिन कुछ पेरेंट्स ऐसे भी होते है, जो बच्चे के बुखार होने पर उनके सिर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखना, गर्म कपड़े पहनाना और पंखा बंद कर देते है, जिससे बच्चे का बुखार जल्दी ठीक हो जाए। लेकिन पेरेंट्स को बच्चे के बुखार होने पर कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। इसलिए आज हम कुछ बातें बताने वाले है, तो चलिए जानते है।
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थर्मामीटर से बुखार करें चेक

बच्चे को बुखार होने थर्मामीटर से जरूर चेक करें। कभी-कभी पर्यावरण में बदलाव और डिहाइड्रेशन की वजह से भी बच्चों के हाथ-पैर गर्म होने लगते है। ऐसे में बच्चे का बुखार सबसे पहले थर्मामीटर से चेक करके कंफर्म करना बेहद जरूरी होता है। बुखार चेक करने के बाद अगर शरीर का तापमान 99 डिग्री से ऊपर आता है, तो बच्चे को बुखार की दवाई जरूर दें।
स्पंजिंग बाथ कराएं

दवाई देने के बाद भी बच्चे का बुखार नहीं उतर रहा है, तो ऐसे में आप बच्चे के सिर पर ठंडे पानी की पट्टियां रख सकते है। लेकिन बच्चे के सिर पानी की पट्टी रखते समय इस बात का ध्यान खास ध्यान रखें की पानी ठंडा का इस्तेमाल ना करके नॉर्मल पानी का प्रयोग करें। इस पट्टी को आप सिर के अलावा पैरों पर भी रखें। इससे बुखार जल्दी ठीक करने में मदद मिलेंगी।
बुखार की दवाई दें
99 डिग्री से ऊपर अगर बच्चे को बुखार है, तो ऐसे में आप बच्चे को बुखार की दवाई जरूर दें। बुखार में बच्चे को आप पेरासिटामोल या जो डॉक्टर ने दवाई दी हों, उसे बच्चे को जरूर खिलाएं। लेकिन अगर बच्चे को बुखार बार- बार बढ़ रहा है, तो आप ऐसे में बुखार की दो बार दवाई दे सकते है। ध्यान रखें दवाई की दोनों खुराक में कम से कम चार घंटे का अंतराल होना चाहिए।
कमरे का तापमान रखें नॉर्मल
बुखार होते ही पेरेंट्स पंखा बंद कर देते है। इसके अलावा कमरे की खिड़की और दरवाजे भी बंद कर देते है, जिससे की बच्चे को हवा न लग जाएं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। बुखार होने पर बस इस बात का ध्यान रखें की पंखा, कूलर या एसी की सीधी हवा बच्चे को नही लगनी चाहिए, क्योंकि इससे बुखार ज्यादा बढ़ सकता है।
ज्यादा कपड़े पहनने से बचें
बुखार होने पर अक्सर पेरेंट्स बच्चे को मोटे-मोटे गर्म कपड़े पहना देते है। बुखार से बॉडी गर्म पहले से होती है। साथ ही गर्म कपड़े पहनाने में बॉडी ओर ज्यादा गर्म हो जाती है। ऐसे में बुखार होने पर बच्चे को टोपी, मोजे और स्वेटर पहनने से बचना चाहिए। इस दौरान बच्चे को कॉटन के कपड़े पहनाएं या फिर अगर गर्म कपड़े पहनाने है, तो कम पहनाएं।
