Irregular Menstruation: एक समय के बाद हर लड़की को पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। यह हर माह होने वाली प्राकृतिक प्रक्रिया है। हर लड़की या महिला का अपना एक पीरियड साइकल होता है। आमतौर पर, इसे 28 दिन का साइकल माना जाता है। लेकिन यह महिला में अलग हो सकता है। मसलन, कुछ महिलाओं में 24 दिन का साइकल हो सकता है, वहीं कुछ महिलाओं का पीरियड साइकल 35 दिनों तक का हो सकता है। वहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिनका पीरियड्स साइकल नियमित नहीं होता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं और इससे आपको गंभीर नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में अनियमित माहवारी के लक्षण, कारण व उसके नुकसान के बारे में बता रहे हैं-
अनियमित माहवारी क्या है?

महिलाओं में माहवारी का एक पैटर्न होता है। लेकिन अनियमित माहवारी होने पर एक कंसिस्टेंट पैटर्न नहीं होता है। इसमें पीरियड साइकल की लंबाई से लेकर रक्तस्राव की अवधि या रक्त प्रवाह की मात्रा में भिन्नता हो सकती है। एक सामान्य मासिक धर्म चक्र लगभग 28 दिनों तक चलता है, लेकिन यह 21 से 35 दिनों तक हो सकता है। इसे भी सामान्य सीमा के भीतर ही माना जाता है। वहीं, अनियमित माहवारी के दौरान मासिक धर्म चक्र का समय अप्रत्याशित हो सकता है, जिसमें पीरियड साइकल की लंबाई अलग-अलग होती है या पूरी तरह से रुक जाती है।
अनियमित माहवारी के कारण क्या हैं?

महिलाओं में अनियमित माहवारी के कई कारण हो सकते हैं। मसलन-
- कई बार महिलाओं के शरीर में हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है। उनके शरीर में हार्मोन का उतार-चढ़ाव काफी तेजी से होता है। जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लेवल गड़बड़ाने लगता है तो इससे अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम अर्थात् पीसीओएस, थायरॉइड और हार्मोनल असंतुलन जैसी स्थितियां अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकती हैं।
- बहुत अधिक तनाव लेना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। जब आप बहुत अधिक तनाव लेती हैं तो यह आपके हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है और इससे आपका पीरियड साइकल गड़बड़ा सकता है। बहुत अधिक एक्सरसाइज करने से लेकर तेजी से वजन घटना या बढ़ना या फिर मानसिक रूप से परेशान होने पर आप तनावग्रस्त हो सकती हैं। जिससे पीरियड साइकल प्रभावित हो सकता है।
- वजन में तेजी से उतार-चढ़ाव के कारण भी अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है। इससे ना केवल हार्मोन उत्पादन प्रभावित हो सकता है, बल्कि मासिक धर्म चक्र भी बाधित हो सकता है। जिसके कारण कभी-कभी पीरियड्स आने भी बंद हो जाते हैं।
- प्यूबर्टी या मेनोपॉज के कारण भी अनियमित माहवारी होना बेहद आम है। यह देखने में आता है कि जब एक लड़की अपनी जवानी की ओर बढ़ रही होती है और उसके पीरियड्स आने शुरू होते हैं, तब उसके पीरियड्स रेग्युलर नहीं होते हैं। ठीक इसी तरह, मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण माहवारी नियमित नहीं रहती है।
- आज के समय में महिलाएं फैमिली प्लानिंग करने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स से लेकर आईयूडी, या इंजेक्शन आदि का रास्ता चुनती है। ऐसे में कुछ वक्त के लिए उन्हें अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है।
- कई बार कुछ दवाओं के सेवन के दुष्प्रभाव के रूप में भी महिला का पीरियड साइकल प्रभावित हो सकता है। जिससे उसे अनियमित माहवारी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- कई बार कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे मधुमेह, सीलिएक रोग, या गुर्दे की बीमारी के कारण भी पीरियड साइकल प्रभावित हो सकता है। इससे महिला को अन्य लक्षणों के साथ-साथ अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है।
अनियमित माहवारी के लक्षण क्या है?

अनियमित माहवारी के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
- अनियमित माहवारी होने पर आपका मासिक धर्म चक्र में भिन्नता हो सकती है। मसलन, आपका चक्र सामान्य से बहुत अधिक छोटा या लंबा हो सकता है। आमतौर पर, मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होता है। लेकिन अगर वह 21 दिन से कम और 35 दिन से अधिक हो तो इसे अनियमित माहवारी माना जाता है।
- अनियमित माहवारी होने पर कई बार दो या तीन महीनों तक पीरियड्स आते ही नहीं है। यदि आप गर्भवती नहीं है और फिर भी कई महीनों तक आपको पीरियड्स नहीं होते हैं, तो यह अनियमित माहवारी का एक लक्षण सकता है।
- अनियमित माहवारी होने पर ब्लीडिंग में भी अनियमितता नजर आ सकती है। मसलन, माहवारी के दौरान आपको बहुत अधिक कम या हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। जब सामान्य मासिक धर्म की तुलना में रक्त प्रवाह बहुत अधिक कम या ज्यादा होता है तो यह अनियमित माहवारी को दर्शाता है।
- अनियमित माहवारी के दौरान आपकी ब्लीडिंग की अवधि भी भिन्न हो सकती है। अगर आपको सात दिनों से अधिक या दो दिनों से कम ब्लीडिंग होती है तो यह अनियमित माहवारी का लक्षण है।
- अनियमित माहवारी होने पर पीरियड्स के पैटर्न का अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल हो जाता है। जिन महिलाओं को अनियमित माहवारी होती है, उनके लिए यह अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है कि अगली माहवारी कब होगी।
- कुछ महिलाओं को अनियमित माहवारी के दौरान बहुत अधिक दर्द या ऐंठन का अहसास हो सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में अनियमित माहवारी होने पर मूड स्विंग्स, ब्लोटिंग, एक्ने होना आदि का सामना भी करना पड़ सकता है।
अनियमित माहवारी के नुकसान क्या हैं?

जिन महिलाओं को अनियमित माहवारी की समस्या होती है, उन्हें कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है। मसलन-
- जिन महिलाओं को अनियमित माहवारी होती है, उनके ओव्यूलेशन पीरियड को ट्रैक करना काफी मुश्किल होता है। जिसके कारण अगर कोई महिला गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, तो ऐसे में उसके लिए गर्भधारण करना काफी कठिन हो सकता है।
- कई बार अनियमित माहवारी बांझपन का कारण भी बन सकती है। दरअसल, अनियमित माहवारी का कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) या हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। ये स्थितियां ओव्यूलेशन और प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। जिससे महिला के लिए गर्भधारण करना काफी कठिन हो सकता है।
- जिन महिलाओं को अनियमित माहवारी होती है, उन्हें अक्सर काफी लंबे समय तक या फिर हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। जिसके कारण उन्हें ना केवल थकान का अनुभव होता है, बल्कि एनीमिया भी हो सकता है।
- आमतौर पर, अनियमित माहवारी होने पर महिलाओं को लंबे समय तक या फिर बहुत तेज दर्द होता है। इसके अलावा, उन्हें ऐंठन की समस्या भी हो सकती है। जिससे उनके लिए अपने दैनिक कार्य करना भी कठिन हो जाता है।
- अनियमित माहवारी होने पर एंडोमेट्रियल समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल, अनियमित या कम मासिक धर्म के कारण समय के साथ गर्भाशय की परत जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, का निर्माण हो सकता है। ऐसी महिलाओं को एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया या एंडोमेट्रियल कैंसर विकसित होने का अधिक खतरा हो सकता है।
- आपको शायद पता ना हो, लेकिन अनियमित माहवारी के कारण हड्डियों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है और इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
अनियमित माहवारी का घरेलू उपाय क्या है?

हालांकि घरेलू उपचार कभी भी चिकित्सीय उपचार की जगह नहीं ले सकते, लेकिन फिर भी इन उपायों को अपनाने से आपको काफी राहत मिल सकती है-
- अनियमित माहवारी होने पर अदरक का सेवन किया जा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लमेटरी प्रॉपर्टीज होती है, जो अनियमित माहवारी को ठीक करने में मददगार है। इसके लिए आप नियमित रूप से अदरक की चाय का सेवन करें या फिर ताजा अदरक का एक छोटा टुकड़ा चबाएं।
- हल्दी भी हार्मोनल संतुलन में मददगार हो सकती है। आप इसे खाना पकाने के अलावा गर्म दूध में भी शामिल कर सकती है।
- अनियमित माहवारी की समस्या होने पर सौंफ का सेवन करना काफी अच्छा रहता है। रोजाना एक चम्मच सौंफ के बीज चबाएं या बीजों को गर्म पानी में डुबाकर सौंफ की चाय बनाकर पीएं।
- ऐसा माना जाता है कि पपीते का सेवन करने से माहवारी को नियमित करने में मदद मिल सकती है। आप पके पपीते का सेवन नियमित रूप से करें या फिर नियमित रूप से पपीते का जूस पीएं।
- तिल के बीज का सेवन करने से भी माहवारी नियमित हो सकती है। दरअसल, इसमें लिगनेन होता है, जो हार्मोन को संतुलित कर सकता है। इसके अलावा, रोजाना एक चम्मच भुने हुए तिल खाएं।
- एलोवेरा का जूस पीने से भी अनियमित माहवारी की समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
- कुछ हर्बल चाय, जैसे कैमोमाइल, अदरक, आदि का सेवन करने से हार्मोनल संतुलन में मदद मिल सकती है। अगर आप नियमित रूप से इन हर्बल चाय का सेवन करती हैं तो इससे ना केवल माहवारी नियमित होती है, बल्कि उस दौरान दर्द व ऐंठन भी कम होती है।
- अपने आहार व वाटर इनटेक का भी ध्यान रखें। खुद को हाइड्रेटेड रखने से हार्मोनल संतुलन में मदद मिलती है। वहीं, पोषक तत्वों से युक्त आहार आप भी हार्मोनल संतुलन में मददगार है। बेहतर होगा कि आप प्रोसेस्ड फूड आइटम्स, अत्यधिक कैफीन और शुगरी फूड आइटम्स से बचें।
- हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने के लिए खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखना भी जरूरी है। बेहतर होगा कि आप कम से कम 30 मिनट तक कुछ एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, योग आदि अवश्य करें।
- हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है। कोशिश करें कि आप नियमित रूप से 7-8 घंटे की नींद अवश्य लें।
अनियमित माहवारी का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

अनियमित माहवारी को ठीक करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय भी अपनाए जा सकते हैं। हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को अपनाने से पहले एक बार योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद आवश्यक है।
- अनियमित माहवारी को ठीक करने में त्रिफला बेहद लाभकारी है। त्रिफला अमलाकी, बिभीतकी और हरीतकी का मिश्रण है। त्रिफला पाउडर या गोलियां लेने से माहवारी को नियमित करने और हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
- आयुर्वेद में अनियमित माहवारी की समस्या को ठीक करने के लिए अशोक के पेड़ की छाल का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसका सेवन करने से महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर सकारात्मक असर पड़ता है।
- अनियमित माहवारी का मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन है। ऐसे में शतावरी का सेवन करना अच्छा विचार है। इसे अपने हार्मोन संतुलन गुणों के लिए जाना जाता है। आप इसका पाउडर, कैप्सूल या काढ़े के रूप में सेवन कर सकती हैं।
- शतावरी के अलावा लोधरा को भी हार्मोनल संतुलन गुणों के लिए जाना जाता है। अगर हार्मोन असंतुलन के कारण अनियमित माहवारी की समस्या हो रही है तो ऐसे में लोधरा का सेवन किया जा सकता है।
- ऐसा माना जाता है कि दालचीनी अनियमित माहवारी की समस्या को ठीक करने में मददगार है। इतना ही नहीं, यह मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन को भी दूर करने में सहायक है। आप दालचीनी पाउडर को अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं या फिर इसे चाय के रूप में पी सकती हैं।
- इसके अलावा, अभ्यंग के जरिए भी अनियमित माहवारी को ठीक किया जा सकता है। यह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक तेल मालिश है जो हार्मोन को संतुलित करने से लेकर ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में सहायक है।
FAQ | क्या आप जानते हैं
अनियमित पीरियड्स के साइफ इफेक्ट्स क्या हैं?
अनियमित पीरियड्स किस वजह से हो सकते हैं?
अनियमित पीरियड कितने दिन के होते हैं?
