Numbness Remedy: कई बार काम करते-करते या फिर एक ही जगह पर काफी देर बैठे रहने से अथवा रात में सोते वक्त कभी आपको महसूस होता है कि आपके हाथ-पैर की अंगुलियां सुन्न हो गई हैं या फिर अंगुलियों में झनझनाहट महसूस होती है। अगर हां, तो आप बड़ी परेशानी में हो सकते हैं।
कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करना या एक ही अवस्था में लंबे समय हाथ को रखने से यह समस्या बढ़ जाती है। आपके साथ अगर ऐसी ही कोई परेशानी है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नहीं तो कुछ सावधानियों और घरेलू उपायों से भी आप ऐसी परेशानी से निजात पा सकते हैं।
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सुन्नपन के कारण
हाथ-पैरों के सुन्न होने के कई कारण हो सकते हैं। इन्हीं में से एक है गुलियन बैरे सिंड्रोम। ये एक प्रकार का इम्यून डिसऑर्डर है, जिससे हमारा इम्यून सिस्टम ही शरीर की नसों को नुकसान पहुंचाता है। जब शरीर में ज्यादा वक्त तक कोई दबाव रहता हो या ब्लड सर्कुलेशन सही से न होने पर नसों पर असर पड़ता है। ऐेसे में शरीर के सारे अंगों को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती, न ही सही से ब्लड सर्कुलेशन हो पाता है। इसी कारण से हाथ-पैरों में झनझनाहट होने लगती है या फिर वे सुन्न हो जाते हैं। कई बार हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, बैकबॉन में ट्यूमर, थायराइड या फिर डायबिटीज के मरीजों को भी यह समस्या हो जाती है।
महिलाओं पर प्रभाव
यह कड़वी सच्चाई है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं पर घर की जिम्मेदारी अधिक होती है। वहीं दूसरी ओर अक्सर महिलाएं अपनी सेहत का ध्यान भी कम ही रखती हैं। यही कारण है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सुन्नपन या झनझनाहट का खतरा तीन गुणा ज्यादा होता है। महिलाएं अपनी लाइफ में ऐसे कई पड़ावों से गुजरती हैं, जब उनमें हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस दौरान हर महिला को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। गर्भावस्था के साथ ही पीरियड्स की अनियमित्ता और मेनोपॉज के दौरान या फिर इसके बाद सुन्नपन की परेशानी बढ़ जाती है।
स्क्रीन टाइम करें कम

महिला हो या फिर पुरुष इन दिनों सभी का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है। अधिकांश काम भी अब लैपटॉप और कंप्यूटर पर होने लगा है, ऐसे में दिन के आठ से नौ घंटे लोग स्क्रीन के सामने टाइपिंग करते हुए गुजारते हैं। अगर आप भी यही करते हैं तो आपको हाथों में सुन्नपन की शिकायत हो सकती है। दरअसल, टाइपिंग के समय के वक्त अंगुलियां और कलाई ज्यादा मुड़ती हैं, इसी कारण यह समस्या होती है।
मधुमेह
हाथ-पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट की समस्या मधुमेह के मरीजों को ज्यादा महसूस होती है। अगर आपको मधुमेह है और आपके हाथ-पैर अक्सर सुन्न हो जाते हैं तो आप जरूर अपना ब्लड शुगर चैक करवाएं। साथ ही अपनी डाइट का ध्यान रखें।

इंफेक्शन
कई बार वायरल इन्फेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन भी सुन्नपन का कारण हो सकता है। इंफेक्शन से नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसी कारण कई बार हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं और कई बार ऐसा लगता है कि आपको चीटियां काट रही हैं।
थायरॉयड
बॉडी में थायरॉयड हार्मोन की कमी के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है। इसके कारण भी हाथ-पैरों में जलन और सुन्नपन हो जाता है। इसी के साथ नर्वस सिस्टम में गड़बड़ के कारण भी यह समस्या होती है। नर्वस सिस्टम बॉडी में चलने वाले छोटे तारों की तरह होता है, जो फाइबर से बना होता है। जब लंबे वक्त तक शरीर का कोई अंग एक ही स्थिति या दबाव में रहता है तो इसका सीधा असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इस स्थिति में नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता। ब्रेन तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी रुक जाती है। ऐसे में उस अंग तक संवेदना नहीं पहुंचती और वह अंग सुन्न हो जाता है। हालांकि जब अंग से दबाव हट जाता है तब ऑक्सीजन का संचार दोबारा शुरू हो जाता है और सुन्नपन खत्म हो जाता है, क्योंकि नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क दोनों अपना काम करना शुरू कर देते हैं।
घरेलू उपाय
- ऐसा नहीं है कि इस परेशानी का कोई हल नहीं है। अगर आप भी झनझनाहट और सुन्नपन की समस्या से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले अपनी नसों और मांसपेशियों को तनावमुक्त रखने और ब्लड सर्कुलेशन सुधारने के लिए नियमित तौर पर हाथ-पैरों की मालिश करें।
- दालचीनी को लगभग हर घर की रसोई में साबुत मसाले के रूप में काम लिया जाता है लेकिन बहुत कम लोग इसके औषधीय गुणों से परिचित हैं। दालचीनी में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका नियमित सेवन हाथ-पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। आयुर्वेद के अनुसार यदि एक स्वस्थ व्यक्ति नियमित रूप से 2 ग्राम दालचीनी पाउडर ले तो इससे उस व्यक्ति के शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहता है। आप दालचीनी से एक डेटॉक्स वॉटर भी बना सकते हैं। एक गिलास पानी में करीब 2 ग्राम दालचीनी मिलाकर करीब छह घंटे के लिए रख दें, फिर इसका सेवन करें। यह आपको वेटलॉस करने में भी मदद करेगा।
- अगर शरीर का कोई हिस्सा सुन्न हो गया है तो उस हिस्से को गुनगुने पानी में रखें, आपको तुरंत आराम मिलेगा।
- ये तो हम सभी जानते हैं कि हल्दी बहुत ही गुणकारी है। यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है। यह नसों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने का भी काम करती है। अगर आपके हाथ या पैर सुन्न पड़ जाए तो आप दूध में हल्दी और शहद मिलाकर पिएं, आपको आराम मिलेगा।
- हमारी डाइट का हमारे शरीर के फंक्शन पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे में अपनी डाइट में विटामिन बी और डी, मैग्नीशियम, आयरन से भरपूर फल-सब्जियां शामिल करें। इसके साथ ही नट्स, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स, सोयाबीन, मछली आदि का नियमित सेवन करें। इससे बॉडी को सभी पोषक तत्व मिलेंगे और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक होगा।
- अपने दैनिक दिनचर्या में योगा, अध्यात्म और कसरत को शामिल करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है, जिससे झनझनाहट जैसी समस्याएं नहीं होतीं।
शरीर का कोई अंग एक ही स्थिति या दबाव में रहता है तो इसका सीधा असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इस स्थिति में नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता।
