Overview: दादी मां के इन आयुर्वेदिक नुस्खों से बच्चे को कब्ज से मिलेगी राहत, बस ऐसे करें सेवन
छोटे बच्चों को कब्ज की शिकायत होना आम बात है। ऐसी स्थिति में दादी मां के आयुर्वेदिक नुस्खे कब्ज के साथ दर्द से भी राहत दिला सकते हैं।
Dadi Maa Ke Nuskhe for Constipation: छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या आम है, लेकिन इसे पहचानकर समय पर उपचार करने से बच्चों को राहत मिल सकती है। नवजात शिशुओं में मल त्यागने की फ्रिक्वेन्सी और पैटर्न अलग-अलग हो सकता है। स्तनपान करने वाले शिशु दिन में कई बार मल त्याग सकते हैं या सप्ताह में केवल एक बार। वहीं, फॉर्मूला दूध पीने वाले शिशु आमतौर पर दिन में एक बार या हर तीन-चार दिन में मल त्याग करते हैं। यह सभी पैटर्न सामान्य हैं, लेकिन अगर बच्चे का मल त्याग अनियमित या दर्दनाक हो, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है। ऐसे में दादी मां के आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
छोटे बच्चों में कब्ज के लक्षण

मल त्याग में परेशानी: यदि बच्चा मल त्याग करते समय दर्द या तनाव महसूस करता है, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है। बच्चे के चेहरे पर दर्द की अभिव्यक्ति दिख सकती है।
दर्द और सूजन: कब्ज के कारण पेट में दर्द और सूजन हो सकती है, जिससे बच्चा चिड़चिड़ा और परेशान हो सकता है।
हार्ड और ड्राय: हार्ड और ड्राय मल कॉस्टीपेशन यानी कब्ज का लक्षण हो सकता है। मल का आकार और मात्रा भी सामान्य से कम हो सकती है।
अनियमित मल त्याग: यदि बच्चा नियमित रूप से मल त्याग नहीं करता, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है।
भूख में कमी: पेट भरा होने के कारण बच्चे की भूख कम हो सकती है और वह खाने से मना कर सकता है।
मल त्याग में असहजता: मल त्याग करते समय बच्चे का रोना या असहज होना कब्ज का लक्षण है
गैस और ब्लोटिंग: कब्ज के कारण गैस और पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
बच्चों में कब्ज के कारण
- -फॉर्मूला दूध का ब्रांड बदलना।
- -स्तनपान से फॉर्मूला दूध या गाय के दूध पर स्विच करना।
- -पहली बार ठोस आहार शुरू करना।
- -कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ।
- -पानी या तरल पदार्थ की कमी।
- -कोई चिकित्सीय स्थिति या बीमारी।
- -पाचन तंत्र की समस्या
दादी मां के आयुर्वेदिक नुस्खे

हींग वॉटर: एक चुटकी हींग को एक कप पानी में मिलाकर बच्चे को पिलाया जा सकता है। यह पेट की गैस और कब्ज में राहत देता है। हींग को हल्का सा गर्म करके पेस्ट बनाकर बच्चे के पेट पर लगाने से भी आराम मिल सकता है।
पपीता के सेवन: पपीता एक प्राकृतिक रेचक है। इसे बच्चे की डाइट में शामिल करने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
भीगा खजूर: खजूर को रातभर पानी में भिगोकर सुबह बच्चे को दें। यह फाइबर का अच्छा स्रोत है और पाचन में सुधार करता है।
तिल के तेल: तिल के तेल से बच्चे के पेट पर हल्की मालिश करें। यह पाचन को बढ़ावा देता है और कब्ज में राहत देता है।
अनार का रस: अनार का रस पाचन को बेहतर करता है और कब्ज से राहत दिलाता है। इसे नियमित रूप से दे सकते हैं।
सौंफ का पानी: सौंफ को पानी में उबालकर ठंडा करें और बच्चे को पिलाएं। यह पाचन में सुधार करता है और गैस को कम करता है।
बरतें ये सावधानियां
- -बच्चों की डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ और पर्याप्त पानी शामिल करें।
- -कब्ज की समस्या को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
- -बच्चे को यदि किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी है तो उसे बच्चे को न दें।
- -इन नुस्खों को आजमाने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
