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ये हैं फायदे-

 

पेट संबंधी रोग में

पेट से संबधिकत रोगों में अजवाइन का विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है-

  • पेट में वायु अथवा अफारा होने पर अजवाइन को साफ करके थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बनाकर पानी के साथ लेने से कुछ ही क्षणों में अफारा दूर हो जाता है। यदि चूर्ण न हो तो थोड़ी-सी अजवाइन दांतों से चबाकर चूसने और थोड़ा गर्म पानी पीने से भी अफारा और पेट दर्द दूर हो जाता है।
  • जिन्हें अजीर्ण रहता हो और पेट में कीड़े हों, उन्हें प्रातःकाल बिना कुछ खाए-पिए थोड़े नमक के साथ अजवाइन चबाकर खाने से लाभ होता है।
  • जिनकी पाचन-क्रिया ठीक न हो, पतले दस्त हों, तिल्ली में खराबी हो तो उन्हें भी अजवाइन और नमक मिलाकर मुंह में भली प्रकार चबाकर पानी के साथ निगलने से लाभ होता है।
  • जिन लोगों का पेट अक्सर खराब रहता है और बार-बार पेट दर्द होता है। उन्हें चाहिए कि वह अजवाइन में थोड़ा नमक और हींग को भूनकर तीनों चीजों का चूर्ण बनाकर किसी डिबिया अथवा शीशी में भरकर तीनों चीजों का चूर्ण बनाकर किसी डिबिया अथवा अचानक पेट में दर्द होने पर गर्म पानी से एक ग्राम की मात्रा में लेने से तुरंत लाभ मिलता है।
  • पेट में गैस अथवा वायु की अधिकता होने पर अजवाइन का प्रयोग करना चाहिए, इससे फौरन वायु अथवा गैस समाप्त हो जाती है। अजवाइन और काले नमक की फंकी छाछ के साथ लेने से भी गैस की अधिकता समाप्त हो जाती है।
  • कई बार पेट की गैस के कारण हृदय में दर्द होता हुआ अनुभव होता है। उस समय किसी भी रूप में अजवाइन की फंकी अथवा चबाकर खाने से फौरन लाभ होता है।
  • अजवाइन का गुण भोजन को पचाना और पाचक रसों की उत्पति करना है। इसके लिए अजवाइन के साथ छोटी हरड़, थोड़ी हींग और सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें और गर्म पानी के साथ भोजन के बाद प्रयोग करें। यह पाचन -शक्ति बढ़ाने वाला चूर्ण है।

श्वास सम्बन्धी कष्टों में

 

  • श्वास सम्बन्धी रोगों में अजवाइन का चूर्ण छाछ के साथ लेने से फंसे हुए बलगम के कारण होनेवाला कष्ट समाप्त होता है। अजवाइन के साथ थोड़ा नमक और एक लौंग धीरे-धीरे चबाकर खाने से श्वस सम्बन्धी कष्ट दूर होते हैं।
  • जुकाम में जब नाक से सांस लेना कठिन हो जाता है तो उस समय अजवाइन को भली प्रकार पीसकर कपड़े में बाधंकर सूंघने से बन्द नाक खुल जाती है। सोते समय भी अजवाइन की यह पोटली अपने तकिये के पास रखने से रात को आराम मिलता है।
  • जुकाम के लिए अजवाइन को चिलम में अथवा बीड़ी या सिगरेट की तरह बनाकर पीने से भी लाभ होता है।
  • अजवाइन और गुड़ का काढ़ा बनाकर पीने से पुराने जुकाम में आराम मिलता है। गर्म काढ़ा पीने के बाद कपड़ा ओढ़कर ऐसे किसी स्थान पर लेट जाना चाहिए जहां हवा के झोंके न लगते हों।
  • जिन लोगों के आधे सिर में दर्द रहता हो, यदि वह अजवाइन के चूर्ण को नसवार की तरह नाक में चढ़ाएं तो आधे सिर का दर्द होता है।

कान दर्द

कान दर्द में थोड़े दूध में आधा चम्मच अजवाइन को उबालकर ठंडा करके छानकर कान में 1-2 बूंदें डालने से कान की सूजन समाप्त होती है। और दर्द में आराम आता है। अजवाइन और लहसुन को तिल के तेल में अच्छी तरह पकाकर उसके बाद ठंडा करके छानकर वह तेल कान में दो-दो बूंद टपकाने से भी कान-दर्द को आराम होता है।

गठिया के रोग में

शरीर में गुर्दों अथवा गठिया के रोग में अजवाइन के तेल की मालिश करने से लाभ होता है। गठिए के रोगियों को किसी न किसी रूप में अजवाइन का प्रयोग करते रहना चाहिए और उन्हें अपनी सब्जी और रोटी के आटे के साथ गूंथकर अजवाइन खाते रहने से लाभ होता है।

नपुंसकता

अजवाइन, इलायची, काली मिर्च और सोंठ को समान मात्रा में पीसकर प्रातः -सायं पानी अथवा दूध के साथ लेने से संभोग-शक्ति बढ़ती है। अजवाइन को घी में भूनकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर दूध के साथ लेने से शारीरिक शक्ति का विकास होता है।

स्त्री रोगों में

बहुत-सी गर्भवती स्त्रियों के कमर में दर्द रहता है। उन्हें गुड़ और अजवाइन मिलाकर देने से कमर दर्द में आराम आता है और गर्भाश्य शुद्ध होता है। अजवाइन के प्रयोग से उन्हें भूख लगती है और शरीर की शक्ति बढ़ती है। जिन स्त्रियों को मासिक धर्म कष्ट से आता है। उन्हें गुड़ और अजवाइन पानी के साथ देने से मासिक धर्म के कष्ट दूर होते हैं।

(साभार – डॉ. राजीव शर्मा)

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