Benefits of Pudina
Benefits of Pudina

Pudina: पुदीने को गर्मी और बरसात की संजीवनी बूटी कहा गया है। स्वाद, सौन्दर्य और सुगंध का ऐसा संगम  बहुत कम पौधों में देखने को मिलता है। पुदीना मेंथा वंश से संबंधित एक बारहमासी, खुशबूदार जड़ी-बूटी है।

पुदीने से उपचार

● खांसी होने पर पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है।

●पुदीने के पत्तों को चूसने और पत्तों को नारियल (खोपरे) के साथ चबाकर खाने से हिचकी दूर होती है। इसके पत्ते या नींबू को चूसने या शक्कर (चीनी) में मिलाकर चबाने से हिचकी बंद हो जाती है।

● यदि आपको टॉन्सिल की शिकायत है, जिसमें अक्सर सूजन हो जाती हो, तो ऐसे में पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर गरारा करना चाहिए।

● दिन भर बाहर रहने वाले लोगों को तलवों में जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पिसे पुदीने को तलवों पर लगाना चाहिए, इससे राहत मिलती है।

● सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पनें के साथ पिया जाए, तो पेट की जलन दूर होती है।

● जहरीले कीट के काटने पर उस जगह पिसा पुदीना लगाने से शीघ्र लाभ पहुंचता है।

● लगभग 20 पुदीने की पत्तियां, 3 ग्राम सफेद जीरा और 2 लौंग मिलाकर इन सबको पीसकर जल में घोलकर, छानकर रोगी को पिलाने से लू से होने वाली बेचैनी खत्म हो जाती है।

● सूखा पुदीना, खस तथा बड़ी इलायची लगभग 50-50 ग्राम की बराबर मात्रा में लेकर कूट लें और इसका चूर्ण बना लें, फिर इसे एक लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को ठंडा करके लगभग 100 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से लू ठीक हो जाती है।

● पुदीने के रस में नींबू का रस मिलाकर, पानी में डालकर पिलाने से यकृत वृद्धि मिट जाती है।

● जंगली पुदीना और हंसराज दोनों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर सेवन करने से प्रजनन में दर्द नहीं होता है।

● गर्मी के मौसम में कभी-कभी खाना ज् यादा हो जाता है, जिससे अजीर्ण की शिकायत हो जाती है। इसके लिए पुदीने की पत्तियां कूटकर उनका रस निचोड़ लें, मामूली सा काला नमक डालकर इसे पिएं, इससे अजीर्ण से जल्दी मुक्ति मिल जाएगी।

● कफ (बलगम) होने पर चौथाई कप पुदीने का रस इतने ही गर्म पानी में मिलाकर रोज 3 बार पीने से कफ में लाभ होता है।

● आधा कप पुदीने का रस दिन में 2 बार नियमित रूप से कुछ दिनों तक पिलाते रहने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।

● 4-6 मुनक्का के साथ 10 पुदीने की पत्तियां सुबह-शाम खाने के बाद नियमित रूप से चबाते रहने से बदहजमी में आराम मिलेगा।

● चौथाई कप पुदीने का रस इतने ही पानी में मिलाकर रोजाना 3 बार पीने से खांसी, जुकाम, कफ -दमा व मंदाग्नि में लाभ मिलता है।

● पुदीने के रस की बूंदों को नाक में डालने से पीनस (जुकाम) के रोग में लाभ होता है।

● पुदीने की चाय बनाकर उसके अंदर थोड़ा-सा नमक डालकर पीने से खांसी और जुकाम में लाभ मिलता है।

● चोट लग जाने से रक्त जमा हो जाने पर पुदीने का अर्क (रस) पीने से गुठली पिघल जाती है। इसका रस पिलाने से जमा हुआ खून टूटकर बिखर जाता है।

● 20 हरे पुदीने की पत्तियां, 5 ग्राम जीरा और थोड़ी-सी हींग, कालीमिर्च के 10 दाने, चुटकीभर नमक को मिलाकर चटनी बनाकर 1 गिलास पानी में उबालें, जब पानी आधा गिलास शेष रह जाए, तो छानकर पीने से अपच में लाभ होता है।

● पुदीना के पत्तों का अधिक मात्रा में बारबार सेवन करने से माहवारी शुरू हो जाती है।

● कान के अंदर अगर बहुत ही बारीक कीड़ा चला जाए तो कान में पुदीने का रस डालने से कान का कीड़ा मर जाता है। कान में दर्द हो, तो पुदीने का रस डालें या हरी मकोय का रस कान में डालना चाहिए।

● पुदीने का रस लगभग 30 मिलीलीटर प्रत्येक 6 घंटे पर गर्भवती स्त्री को सेवन कराने से जी का मिचलाना बंद हो जाता है।

● पुदीने का रस पीने से हैजा, खांसी, वमन (उल्टी) और अतिसार (दस्त) के रोग में लाभ होता है। इससे पेट की गैस और कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं।

● हरा पुदीना, सूखा धनिया और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर चबाएं और लार को नीचे टपकाएं। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

● अगर पेट खराब होने की वजह से छाती भारी-भारी लग रही हो और बेचैनी के कारण उल्टी हो रही हो तो 1 चम्मच पुदीने के रस को पानी के साथ पिलाने से लाभ होता है।

● पुदीने और इमली को पीसकर उसमें सेंधा नमक या शहद मिलाकर खाने से खट्टी डकारें और उल्टी होना बंद हो जाती है।

● पुदीने के पत्ते, काली मिर्च, हरी मिर्च, टमाटर, जीरा, किशमिश, हींग और सेंधा नमक पीसकर चटनी बना लें। इसे भोजन के साथ खाएं तो न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ेगा, भोजन आसानी से पचेगा बल्कि अनेक रोगों से बचाव होगा और साथ ही स्वास्थ्य व सौंदर्य भी बेहतर होगा।

● अक्सर गर्मी के मौसम में उल्टी-दस्त की समस्या हो जाती है। यह जब शुरू हो जाता है तो बार बार होता है और घंटे दो घंटे में ही पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक कमजोर हो जाता है। इसका शुरू में ही उपाय कर लिया जाए तो बेहतर होगा। जैसे ही लगे कि जी घबरा रहा है, तभी पुदीने की 10-15 पत्तियां पीसकर उनका रस निचोड़ लें और आधा गिलास पानी में डालें।

● गर्मी में पेशाब का जलन के साथ आना या रूक-रूक कर आने की समस्या भी पैदा हो जाती है। सूखा धनिया और पुदीने के पत्ते बारीक पीसकर रस निचोड़ लें। पानी में मिश्री घोलकर रस भी इसी में मिलाकर पीने से लाभ होगा।

● पुदीने का शर्बत पीने से लू के प्रभाव से बचे रह सकते हैं। शर्बत के लिए 15-20 पुदीने के पत्ते, मुनक्का, मिश्री, बर्फ और पानी का उपयोग करें।

● पेट में जलन हो रही हो तो पुदीने की पत्तियों को कच्चे आम के साथ पीसकर रस निचोड़ लें। इसे बहुत हल्के नमक के साथ दही या छाछ में मिलाकर लें।

● चेहरे पर कील-मुंहासे और अन्य तरह के दाग-धब्बे हों तो रात को रोजाना सोते समय पुदीने के पत्तों का रस निकालकर उसमें नींबू का रस और गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाकर सो जाएं। प्रात: ताजे जल से चेहरा धोएं। तीन चार सप्ताह के नियमित इस्तेमाल से चेहरा दाग-धब्बे रहित होकर निखर जाएगा।

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