वीगन डाइट- एहतियात है जरूरी: Vegan Diet Benefits
Vegan Diet Benefits

Vegan Diet Benefits : वीगन डाइट एक शाकाहारी स्पेशल डाइट है जिसकी शुरुआत धार्मिक, नैतिक और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने जैसे कारणों की वजह से की गई थी। इसका मूल उद्देश्य एनिमल-बेस्ड डाइट या पशुजनित आहार का त्याग करना था। जिसमें अपने स्वार्थ के लिए जानवरों की हत्या करनी पड़ती है या उनके बच्चों का दूध छीनना पड़ता है।  वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखें तो भारत ही नहीं, दुनिया भर में वीगन डाइट का ट्रेंड बढ़ा है।  

वीगन डाइट- एहतियात है जरूरी: Vegan Diet Benefits
Vegan Diet Benefits

आमतौर पर वीगन डाइट को वेजिटेरियन डाइट माना जाता है। जबकि वीगन डाइट वेजिटेरियन डाइट से अलग है क्योंकि वेजिटेरियन डाइट में मीट, चिकन, मटन, मछली, अंडे जैसे मांसाहारी खाद्य पदार्थ खाना वर्जित होता है, लेकिन दूध और दुग्ध उत्पादों का सेवन किया जा सकता है। जबकि वीगन डाइट पूरी तरह से प्लांट-बेस डाइट है, इसमें पशु या किसी भी तरह के पशु उत्पाद शामिल नहीं किए जाते। इसमें उन खाद्य पदार्थो को शामिल किया जाता है जो पेड़़-पौधों से प्राप्त होते हैं जैसे- फल, सब्जियां, दालें, बीन्स, नट्स और सीड्स, अनाज, साबुत अनाज, ब्रेड, चावल, पास्ता, नूडल्स।
वीगन डाइट में पशु-स्रोत से प्राप्त डेरी उत्पादों दूध और दुग्ध उत्पादों का सेवन भी नहीं किया जाता। जैसे-दूध, दही, क्रीम, घी, देसी घी, बटर, म्योनीज, चीज़। यहां तक कि इंसेक्ट से प्राप्त होने वाला शहद खाना भी वर्जित है। दूध के विकल्प के तौर पर सोया मिल्क, कोकोनेट मिल्क या आलमंड मिल्क का इस्तेमाल किए जाते हैं। घी के बजाय पौधों से प्राप्त ऑयल इस्तेमाल किया जाता है जैसे- सरसों, मंूगफली, सोयाबीन, सनफ्लॉवर, ऑलिव ऑयल।

क्या हैं वीगन डाइट के फायदे?

कुछ वैज्ञानिकों ने रिसर्च के आधार पर पाया कि वीगन डाइट हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आइये जानते हैं कैसे :

  • हार्ट के लिए हैल्दी– वीगन डाइट में इस्तेमाल होने वाला प्लांट-बेस्ड फैट या ऑयल शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में सहायक है। जबकि एनिमल-बेस्ड घी से मिलने वाला सैचुरेटिड फैट शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाता है। जिससे वीगन डाइट फोलो करने से ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है।
  • कैंसर का खतरा कम- वीगन डाइट में काफी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट मिलते हैं जो विभिन्न सेल्स को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री-रेडिकल्स को शरीर से बाहर निकालकर स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह डाइट फोलो करने कोलोन, ब्रेस्ट, ओवेरियन, प्रोस्टेट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में फायदेमंद हो सकती है।
  • डायबिटीज करे कंट्रोल- वीगन डाइट फोलो करने वाले व्यक्ति का ब्लड शूगर लेवल मेंटेन रहता है और इंसुलिन सेंसिविटी ज्यादा रहती है। इससे टाइप 2 डाइबिटीज होने का खतरा कम हो सकता है।
  • आर्थाराइटिस की समस्या- वीगन डाइट आर्थाराइटिस में होने वाले जोड़ों के दर्द, सूजन और सुबह के समय होने वाली अकड़न कम करने में सहायक है।
  • वजन कम करने में सहायक- वजन कम करने वालों के लिए वीगन डाइट बेस्ट है। इसमें कैलोरी और फैट कम मात्रा में, जबकि फाइबर भरपूर मात्रा में मिलता है। डाइट फोलो करने पर देर तक पेट भरा होने का अहसास रहता है जिससे शरीर की अतिरिक्त कैलोरी या फैट धीरे-धीरे कम होता है।
  • डायजेस्टिव सिस्टम होता है मजबूत- फाइबर रिच होने के कारण वीगन डाइट पाचन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है।
  • संक्रमण से बचाव करें- वीगन खाद्य पदार्थों में विटामिन बी, सी जैसे वॉटर सॉल्यूबल विटामिन काफी मात्रा में मिलते हैं। ये विटामिन विभिन्न वायरस और बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण मेंबचाव करने में सहायक होते हैं।
वीगन डाइट- एहतियात है जरूरी: Vegan Diet Benefits
the benefits of Vegan Diet

क्या हैं वीगन डाइट के नुकसान?

  • अगर व्यक्ति वीगन डाइट लंबे समय तक फोलो करता है, तो उसके शरीर में कुछ पौष्टिक तत्वों जैसे विटामिन डी, विटामिन बी 12, आयरन, कैल्शियम और जिंक की कमी भी हो सकती है। आहार विशेषज्ञ इसे बिना किसी प्रोफेशनल गाइडेंस के फोलो करने की सलाह नहीं देते।
  • प्लांट-बेस्ड वीगन डाइट में अच्छी क्वालिटी का प्रोटीन काफी कम मात्रा में होते हैं जिससे शरीर में इनकी कमी होने की संभावना रहती है। प्रोटीन की पूर्ति के लिए सीड्स, नट्स ज्यादा मात्रा में ले सकते हैं।
  • हालांकि हरी पत्तेदार सब्जियों और सीड्स में कैल्शियम काफी मात्रा में होता है। लेकिन इनमें मौजूद ऑक्सालेट तत्व कैल्शियम को सोख लेता है जिससे कैल्शियम की आपूर्ति ठीक तरह नहीं हो पाती। नतीजतन उन्हें कैल्शियम के सप्लीमेंट खाने पड़ सकते हैं, फोर्टिफाइड ऑयल या फोर्टिफाइड सोया मिल्क का सेवन करना पड़ता है।
  • वीगन डाइट लेने वाले व्यक्ति को ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी का सामना भी करना पड़ सकता है, जिसके लिए सप्लीमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि ओमेगा 3 फैटी एसिड फ्लैक्स सीड्स, चिया सीड्स या अखरोट में काफी मात्रा में मिलता है, लेकिन ये खाद्य पदार्थ हमारी दैनिक जरूरतो को पूरा करने में असमर्थ होते हैं।
  • वीगन डाइट में ज्यादातर नॉन-हीम आयरन मिलता है जिससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। जबकि शरीर में एनिमल-बेस्ड हीम आयरन जल्दी एब्जार्ब हो जाता है और ब्लड में हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक होता है।
  • विटामिन बी 12 ऐसा पोषक तत्व है जिसकी आपूर्ति केवल शाकाहारी खाद्य पदार्थों से नहीं हो सकती। इसकी कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेने पड़तेे हैं।
disadvantages of vegan diet
disadvantages of vegan diet

इन बातों का रखें खास ध्यान?

  • वीगन डाइट के फायदे-नुकसान देखते हुए किसी भी व्यक्ति का लंबे समय तक केवल वीगन डाइट पर निर्भर रहना मुश्किल होता है। इसलिए जब तक बहुत ज्यादा जरूरत न हो, तब तक केवल वीगन डाइट फोलो नहीं करनी चाहिए।
  • आयरन के लिए टोफू, नट्स, बथुआ, पालक, पौदीना, करी पत्ता या फोर्टिफाइड सीरियल्स (जिनमें आयरन ऊपर से डाला जाता है) जैसी चीजें रोजाना आहार में शामिल करनी जरूरी हैं।
  • आहार में दालों की मात्रा बढ़ाई जा सकती है या फिर अनाज और दालों को कम्बीनेशन में खाना चाहिए जैसे- दाल-चावल, खिचड़ी, दलिया-खिचड़ी, दाल-रोटी। बेसन, चना, सोयाबीन, सोयाबीन जैसे मिलाकर बना मल्टीग्रेन आटा ले सकते हैं। स्प्राउट्स, सोयाबीन से बना टोफू पनीर भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
  • एक स्वस्थ व्यक्ति को पौष्टिक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार जरूर लेना चाहिए। अगर व्यक्ति शाकाहारी भी है, तो आहार में कम से कम दूध और दूध से बने पदार्थ जरूर शामिल करना चाहिए।
  • शरीर में किसी भी पौषक तत्व की कमी न हो और बहुत ज्यादा सप्लीमेंट लेने की जरूरत न पडे़। आहार में फ्लेक्सिबल एप्रोच अपनानी बेहतर है। 

(डॉ शालिनी सिंघल, वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ, शालिनी डाइट एंड वैलनेस क्लीनिक, दिल्ली)

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