Vegan Diet: आज के समय में स्वस्थ रहना किसी चेलैंज से कम नहीं है। इसके लिए दुनियाभर में लोग तरह-तरह की डाइट को फॉलो करते हैं। इन्हीं डाइट में सबसे पॉपुलर है वीगन डाइट, जो न सिर्फ सेलिब्रिटी बल्कि आम लोग भी फॉलो करते हैं। वीगन डाइट में लोग मांसाहारी छोड़ शाकाहारी भोजन की शुरुआत करते हैं। वीगन डाइट की शुरुआत धार्मिक, नैतिक और पर्यावरणीय संतुलन बनाए जैसे कारणों के चलते की गई है। वीगन डाइट में मांसाहारी भोजन के साथ ही पशु उत्पाद जैसे दूध, पनीर और घी आदि को भी डाइट से बाहर कर दिया जाता है। जाहिर है खानपान में अचानक से होने वाले बदलाव से शरीर में नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, ऐसे में अगर आप भी वीगन डाइट को फॉलो करते हैं या वीगन डाइट अपनाने का सोच रहे हैं तो कुछ बातों को ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
क्या है वीगन रौ डाइट

आजकल वीगन डाइट के बीच ‘रौ वीगन डाइट’ शब्द भी काफी लोकप्रिय है। रौ वीगन डाइट को फॉलो करने वाले लोग खच्चा खाना खाते हैं, जिसमें सब्जियां और तरह-तरह के फल होते हैं। यहां हम रौ वीगन डाइट की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि विदेशी फूड इन्फ्लुएंसर झन्ना सैमसोनोवा की रौ वीगन डाइट के चलते मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सैमसोनोवा एक लंबे वक़्त से कच्चे बीज, फल और सब्जियों को अपनी डाइट में लेते थीं, जिसके चलते उनके शरीर में कमजोरी आ गई, जो मौत की वजह बनी।
अचानक आहार परिवर्तन का प्रभाव

जल्द स्वस्थ होने की लालसा के चलते लोग अचानक ही अपने खानपान में बदलाव कर देते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं है। मांसाहारी से शाकाहारी भोजन या किसी भी विशेष डाइट को अचानक अपनाने से व्यक्ति के शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि एक नॉर्मल डाइट को छोड़ अचानक किसी स्पेशल डाइट को चुनना आपका पेट और दिमाग स्वीकार नहीं कर पाता, जिसके परिणामस्वरूप पेट संबंधी समस्या और दिमागी समस्याएं होने लगती हैं। वीगन डाइट में न सिर्फ मांसाहारी भोजन को छोड़ा जाता है बल्कि डेयरी उत्पादों का सेवन भी बंद कर दिया जाता है।
वीगन डाइट फॉलो करते हुए अपनाएं प्रोटीन के विकल्प

वीगन डाइट में मांसाहारी भोजन और दूध उत्पादों का सेवन बंद कर दिया जाता है। इन दो तरह के खानपान में रिच प्रोटीन पाया जाता है। ऐसे में वीगन डाइट को फॉलो करते हुए शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए अन्य कई तरह के खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। चिकन में पाए जाने वाले प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दालों का सेवन करना चाहिए। 1.5 कप मसूर की दाल में 3 औंस चिकन ब्रेस्ट जितना प्रोटीन होता है। प्रोटीन के लिए टोफू चिकन का सबसे बेहतरीन विकल्प है। वहीं दूध की जगह सोया मिल्क और बादाम का दूध लेना फायदेमंद होता है। क्विनोआ के छोटे-छोटे बीज प्रोटीन के पावर-पैक होते हैं। 100 ग्राम क्विनोआ के बीज में 20 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।
वीगन डाइट के फायदे

रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि वीगन डाइट के कई फायदे हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज़ से बहुत अच्छे माने गए हैं।
वजन घटाए: वीगन डाइट वजन घटाने के लिए बेहद कारगर उपाय है। इसमें कम मात्रा में फैट और कैलोरी और भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। इस डाइट को फॉलो करने से पेट के काफी देर तक भरे रहने का एहसास होता है।
हार्ट बनाए हेल्दी: इस डाइट में इस्तेमाल होने वाला प्लांट बेस्ड फैट और आयल शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जो ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी समस्याओं के खतरे को काफी कम कर देता है।
कैंसर के खतरे को करे कम: वीगन डाइट फॉलो करने से एंटी-ऑक्सीडेंट मिलते हैं, जो फ्री रेडिकल्स को बाहर निकालकर शरीर को स्वस्थ्य रखता है। इससे कोलोन, ब्रेस्ट, ओवेरियन, प्रोस्टेट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होता है।
डायबिटीज करे कंट्रोल: वीगन डाइट को अपनाने वाले लोगों का ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी ज्यादा रहती है। इससे टाइप 2 डाइबिटीज होने का खतरा कम हो सकता है।
पाचनतंत्र होता है मजबूत: वीगन डाइट के फाइबर युक्त होने के कारण पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती।
वीगन डाइट के नुकसान

वीगन डाइट के जितने फायदों के बारे में बताया जाता है तो ठीक उसके कुछ नुकसान भी हैं, जिनका डाइट को फॉलो करते हुए ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
पोषक तत्वों की कमी: लंबे वक़्त तक सिर्फ एक तरह के शाकाहारी भोजन खाने से शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसलिए किसी भी डाइट को अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है।
प्रोटीन की कमी: मांसाहारी और डेयरी प्रोडक्ट फ्री डाइट होने के चलते शरीर में भारी मात्रा में प्रोटीन की कमी हो सकती है।
ओमेगा 3 की कमी: वीगन डाइट लेने वाले लोगों के शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जिसके लिए सप्लीमेंट पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
कैल्शियम की कमी: वीगन डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और बीजों का सेवन किया जाता है, इनमें मौजूद ऑक्सालेट तत्व कैल्शियम को सोख लेता है जिससे कैल्शियम की आपूर्ति ठीक तरह नहीं हो पाती। जिसके लिए कैल्शियम के सप्लीमेंट लेने पड़ सकते हैं, फोर्टिफाइड ऑयल या फोर्टिफाइड सोया मिल्क का सेवन करना पड़ता है।
