Fat

Obesity Problems : मोटापा, शरीर की एक ऐसी अवस्था है जो अन्य कई रोगों को आमंत्रित करता है। जिससे लोग चाहकर भी बच नहीं पाते। कई ऐसे बिरले भी होते हैं जो सब कुछ जानने के बाद भी इसी अवस्था में जीने को मजबूर हैं क्योंकि न तो वो अपने चटोरेपन पर किसी तरह का कंट्रोल करना चाहते हैं और न ही अपने शरीर को व्यायाम रूपी कष्ट ही देना चाहते हैं। मोटापा शरीर को भारी ही नहीं बल्कि आलसी भी बनाता है। जिसकी वजह से इंसान कोई भी कार्य फुर्ती से नहीं कर पाता है। इस सब का नतीजा यह होता है कि शरीर धीरे-धीरे कई रोगों की चपेट में आ जाता है। 

आइए जानें कुछ ऐसे रोगों को जो मोटापे व आहार से संबंधित हैं।

कब्ज

कब्ज मोटापे से जुड़ी एक आम समस्या है जोकि खाने-पीने व मल त्याग करने की अनियमित आदतों के कारण होती है कभी-कभी मल के अधिक कड़ा हो जाने पर मल त्याग करने में मुश्किल होती है और यदि जबरदस्ती जोर लगाकर किया भी जाए तो मलद्वार की त्वचा छिल जाती है जिसके कारण मलद्वार पर मस्से हो जाते हैं जो आगे चलकर बवासीर का रूप भी ले सकते हैं।

sugar
sugar

मधुमेह

मधुमेह भी मोटापे से जुड़ा एक घातक रोग है। प्राय: देखा गया है कि मधुमेह के 75 प्रतिशत रोगी मोटापे का शिकार होते हैं। मोटापा कम होने पर ही मधुमेह के रोगी के स्वास्थ में सुधार होता है। इससे मधुमेह के इलाज में आसानी होती है।

उच्च रक्तदाब

प्राय: उच्च रक्तदाब अधेड़ और बड़ी उम्र के लोगों में ही देखने को मिलता है। शरीर में जब मोटापा बढ़ता है जिसके कारण उच्च रक्तदाब भी बढ़ने लगता है। सामान्यत: रक्त वाहिकाओं के रक्त का उनकी दीवारों पर डाला गया दाब रक्तदाब कहलाता है। दबाव के सामान्य से काफी अधिक हो जाने की स्थिति में उसे उच्च रक्तदाब कहा जाता है। रक्तवाहिनियों के संकरी हो जाने की स्थिति में यह समस्या उत्पन्न होती है।

गठिया

मोटापे के कारण गठिया से प्रभावित जोड़ों पर अतिरिक्त भार पड़ता है जिससे व्यक्ति को असहनीय व लगंडा कर देने वाले दर्द का अनुभव होता है। हालांकि वजन में कमी होने से यह रोग समाप्त नहीं हो जाता, परंतु बहुत सी परिस्थितियों में यह जोड़ों में होने वाले दर्द को कम कर सकता है।

हृदय रोग

हृदय रोग एक जानलेवा बीमारी है जो सामान्य लोगों की अपेक्षा मोटे लोगों में अधिक देखने को मिलती है। हृदय व रक्तवाहिनियों के रोग व्यक्ति द्वारा ग्रहण किये जाने वाले भोजन से काफी प्रभावित होते हैं। अत: इनमें खान-पान संबंधी बातों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

बांझपन

चिकित्सकों का मानना है कि मोटापे से ऐस्ट्रोजन अधिक पैदा होता है। जिससे कि हार्मोन असन्तुलित होते हैं। जिसके कारण अण्डा बनने की प्रक्रिया में बाधा आती है जो सफल गर्भाधान का आधार है। अण्डा बनने की प्रक्रिया के लिए सर्वप्रथम हार्मोन्स का संतुलित होना अति आवश्यक है जोकि मोटापे को कम करके ही किया जा सकता है।

मोटापे के कारण शरीर अन्य रोगों का घर न बने इसके लिए निम्न बातों पर गौर करें-

क्या करें?

  • सर्वप्रथम टहलने की आदत डालें। चिकित्सकों का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए।
  • खाना खाने से पहले प्लेट भर कर सलाद व सूप अवश्य लें ऐसा करने से आपका पेट लो कैलोरी, एंटीऑक्सीडेंट तथा विटामिन से भरा-भरा हो जाएगा और आपको भूख भी कम लगेगी।
  • जितना हो सकेभोजन में तेल की मात्रा कम रखें अथवा बिना तेल के तलने व तड़का लगाने की ‘सओल विधि’ का प्रयोग भी कर सकते हैं। यदि आप इस विधि के बारे में नहीं जानते तो जीरो ऑयल पर लिखी गई पुस्तकों तथा इससे संबंधित पुस्तकों की मदद से यह विधि सीख लें।
water
water
  • खाना खाने से 15 मिनट पहले एक गिलास पानी पी लें इससे आपके पेट का कुछ प्रतिशत हिस्सा भर जाएगा।
  • चिकित्सकों का मानना है कि खाने से पेट को 60 प्रतिशत तक ही भरना चाहिए व खाने के बाद थोड़ा पानी पीना चाहिए। 
  • दोपहर या रात के भोजन के बाद यदि कुछ मीठा खाने की इच्छा हो तो कटे हुए फल ले सकते हैं या फिर जीरो ऑयल मिठाइयों में पेठा या गुड़ खा सकते हैं।
  • दालें हमेशा सब्जियां मिलाकर पकाएं, इससे आप दालों में कैलोरी की मात्रा घटा सकते हैं। 
  • प्रतिदिन कुछ अंकुरित अनाज अवश्य खाएं इसमें आप छोटे टुकड़ों में कटा सलाद भी मिला सकते हैं और स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नमक, काली मिर्च व नींबू का रस भी डाल सकते हैं।
  • प्रतिदिन सुबह एक कप लौकी का रस अवश्य पिएं। इसे बनाने के लिए लगभग आधा किलो लौकी मिक्सी में चला लें व मिश्रण को छानकर कच्चा ही पिएं। इससे आपको वजन घटाने में काफी मदद मिलेगी।
  • फलों का सेवन छिलके के साथ करें।
  • अगर आप व्रत रखना चाहें तो फल व जूस अवश्य लें, सप्ताह में एक दिन ऐसा व्रत रखने से आपका काफी वजन घटेगा।

क्या न करें?

  • मैदे से बनें व्यंजनों से परहेज करें, यदि ऐसा भोजन लेना भी पड़े तो इसमें ज्यादा से ज्यादा सलाद शामिल करें।
  • अपनी रोटी घी से चुपड़कर न खाएं। हर एक चम्मच घी या तेल से 50 कैलोरी मिलती है जो आपका वजन घटने नहीं देगी।
  • काजू, अखरोट, बादाम आदि सूखे मेवों से परहेज करें क्योंकि इनमें पाई जाने वाली वसा आपका वजन और बढ़ा सकती है।
  • ठूंस-ठूंस कर भोजन न करें थोड़ा पेट हमेशा खाली रखें। किसी होटल या दावत में इस बात का खास ख्याल रखें।
  • वजन घटाना है तो चॉकलेट और मिल्क चॉकलेट को दूर से ही नकार दें।
tea
tea
  • अपने आपको भूखा न मारें इससे भोजन खाने की इच्छा और ज्यादा बढ़ जाती है। इस तरह वजन घटाना और भी मुश्किल हो जाएगा।
  • दिन में चार बार से ज्यादा खाने की आदत न डालें।
  • एक महीने में चार किलो से 
  • ज्यादा वजन न घटाएं। इससे कमजोरी आ सकती है।
  • अगर तीसरी मंजिल तक जाना हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
  • केक और पेस्ट्री तो भूलकर भी न खाएं। अगर आप मिठाई के बेहद शौकीन हैं तो जीरो ऑयल मिठाई खाएं।

यह भी पढ़ें –पौष्टिक एवं संतुलित आहार से पाएं दीर्घायु

स्वास्थ्य संबंधी यह लेख आपको कैसा लगा? अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर भेजें। प्रतिक्रियाओं के साथ ही स्वास्थ्य से जुड़े सुझाव व लेख भी हमें ई-मेल करें-editor@grehlakshmi.com