गर्मी
फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई चार महीने हैं जब वातावरण में हवा गर्म होती है। अतः इस ऋतु को ग्रीष्म ऋतु कहा जाता है। इन महीनों के दौरान, भारत में सौर किरणें समानांतर होती हैं और इसलिए हमारे देश को इस गर्म मौसम का सामना करना पड़ता है।
हमें गर्मी के दिनों में बहुत सारा पानी पीना चाहिए। पानी हमारे शरीर से विषैले तरल को निकालता है। इस मौसम में हमें आमपन्ना, गन्ने का रस और नीबू का रस पीना चाहिए। हमें दिन के समय घर से बाहर जाने से पहले छाछ पीनी चाहिए। कुछ फल जैसे आम, कटहल, तरबूज और कस्तूरी मौसमी फल जोकि गर्मियों के मौसम में मौजूद होते हैं। ये सब हमें गर्मी के दिनों खाना चाहिए।
क्या पहने
हमें इस मौसम में पतले और ढीले सूती कपड़े पहनने चाहिए। दिन के दौरान, जब हम घर से बाहर जाते हैं, तो हमें अपने सिर पर सफेद रंग की टोपी या स्कार्फ़ पहननी चाहिए। क्योंकि सफेद रंग धूप को रिफ्लेक्ट कर देता है, जिस कारण गर्मी कम लगती है। हमें गहरे रंग की टोपी नहीं पहननी चाहिए, क्योंकि गहरे रंग अधिक धूप को अवशोषित करते हैं और ये हमारे सर को गर्म करते हैं जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
मानसून
जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर चार महीने हैं जब बारिश होती है। अतः इस ऋतु को वर्षा ऋतु कहा जाता है। इन महीनों के दौरान, दक्षिणी गोलार्ध से भारत की ओर हवाएँ बहतीं हैं। इन हवाओं को “दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएं” कहा जाता है। इसलिए, बरसात के मौसम को “मानसून का मौसम” भी कहा जाता है।
इस मौसम में विशेष देखभाल की जानी चाहिए क्योंकि उच्च आर्द्रता के कारण सूक्ष्म जीव पूरे मौसम में सक्रिय रहते हैं। हमें हल्का और मध्यम भोजन करना चाहिए। हल्का और कसैला भोजन जैसे रेशेदार सब्जियाँ, चिचिण्डा, लौकी, करेला आदि इस मौसम में खाने चाहिए क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ को पचाने में आसानी होती है। मानसून के मौसम में ताजा और गर्म भोजन खाना चाहिए।
क्या पहने
हमें नम कपड़े नहीं पहनने चाहिए क्योंकि इनमें सूक्ष्म जीव हो सकते हैं। इसलिए हमें सूखे कपड़े पहनने चाहिए। खुद को बारिश से बचाने के लिए हम छाते, रेनकोट आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।
सर्दी
अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी महीनों के दौरान वातावरण में हवा ठंडी होती है। इसलिए इस मौसम को सर्दियों का मौसम कहा जाता है। सर्दियों में हवा ठंडी और शुष्क होती है और कभी-कभी जब शीत लहर पड़ती है तो ठंड और बड़ जाती है। यह मौसम सूक्ष्म जीवों के लिए नहीं होता है इसलिए वे इस मौसम में ज्यादातर नहीं दिखाई देते हैं। इस सीज़न के दौरान, लोगों को आमतौर पर ठंड और हाइपोथर्मिया की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। हाइपोथर्मिया के कारण कई लोग मर भी जाते हैं।
सीजन के दौरान, शरीर को गर्मी और ऊर्जा देने वाले भोजन की आवश्यकता होती है। इसलिए हम मिठाई, सूखे खाद्य पदार्थ, मूंगफली, तिल खाते हैं जो बहुत सारा तेल प्रदान करता है। इन दिनों हम गाजर का हलवा, बाजरी से की रोटी, बैगन, गोंद के लड्डू, खजूर, बादाम, तिल और गुड़ भी खूब खाते हैं।
क्या पहने
अपने शरीर में गर्माहट लाने के लिए हमें स्वेटर, शॉल, कंबल, टोपी, मफलर जैसे ऊनी कपड़े पहनने चाहिए। ये सभी कपड़े शरीर को ठंड और हाइपोथर्मिया से बचाने में मदद करते हैं।
वसंत और शरद ऋतु
ये दो मौसम में परिवर्तन को दर्शाते हैं, और इसी दौरान अक्सर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का खतरा होता है। इस समय हमें अपने आहार में शहद शामिल करना चाहिए। इसे भारत में लोग से खाने-पीने की चीजों में स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल करते हैं। आप इसे सीधे भी खा सकते हैं। बाजरा इस मौसम में खाया जा सकता है और फलियों को खाना चाहिए। ये शरीर को किसी भी नमी को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
क्या पहने
इस मौसम के दौरान हल्के गर्म कपड़े पहनने चाहिए। क्योंकि इस समय हल्की ठंड होती है, तो इसलिए हल्के गर्म कपड़े पहने।
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