किसी भी आयु की महिला को ले लीजिए अपने आप को वो हमेशा ही मोटा महसूस करती है और वजन घटाना चाहती है। आज की स्मार्ट वुमैन अपनी उम्र से कम दिखना चाहती है, वो छरहरी काया की स्वामिनी बनना चाहती है, वजन कम करने की दिशा में वो प्रयास करती है, जिम ज्वॉइन करती है, डाईट पे घ्यान देना शुरू करती है, वर्कआऊट करती है, पर पतले होने का संकल्प अक्सर फेल हो ही जाता है। इस बार तो लॉकडाउन के चलते वजन घटाना और भी मुश्किल हो गया।

आईये देखते हैं क्यों …………………….

प्राथमिकता होना 
महिलाओं का जीवन उनके घर परिवार के आस-पास घूमता है। उनकी प्राथमिकता वो खुद कभी नहीं होती। पति, बच्चे, सास, ससुर, आने-जाने वाले रिश्तेदारी दोस्ती निभाते-निभाते उनके खुद के ख्वाब गुम हो जाते है।

खुद को कम महत्व देना 
महिलाओं के लिए खुद को प्राथमिकता देना सबसे मुश्किल काम होता है, बच्चों को सुबह स्कूल भेजना, उनके लिए टिफिन तैयार करना, पति के लिए लंच और नाश्ता बनाना। उसके  पास कामों की एक लंबी फेहरिस्त होती है, जिसे एक बाद एक निपटाने की जद्दोजहद में ही पूरा दिन कैसे गुजर जाता है, उसे पता ही नहीं चलता। ऐसे में न तो वह अपने लिए सही खानपान का चयन कर पाती है, न ही अपने का ज्यादा समय दे पाती है। पति या बच्चों के द्वारा छोड़े गए नाश्ते से ही उसका नाश्ता हो जाता है। सुबह का नाश्ता ठीक से न करने के कारण उसके मेटाबॉलिज्म पर इसका बुरा असर होता है।

स्वास्थ्यवर्धक भोजन 
महिलाओं में यह आदत होती है कि यदि व कहीं से खाने की किसी चीज के बारे में यह पढ़ या जान लेती है कि वह उन्हें जरूरत से ज्यादा खाने लगती है। विभिन्न अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते है कि वह घर के लिये सामान खरीदने जाते वक्त महिलाएें फैट और हेल्थ के नजरिये से खरीदारी करती है। वे ये भूल जाती है कि शरीर को एक निश्चित मात्रा में वसा और तेल की जरूरत होती है। कई ऐसे विटामिन है जिनको शरीर में पचाने के लिए वसा जरूरी होती है। लो फैट का से रक्त में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है। वो जिन स्नैक्स को अपनी सेहत के लिए फायेदमंद समझकर खाती है, इनका उसके वजन पर उल्टा असर होता है।

दूसरों से तुलना
महिलाऐं अकसर दूसरों के लिए जो सही हो, उसी तरह की डाइट का चुनाव कर लेती है। महिलाओं में एक-दूसरे के साथ अपनी तुलना करने की आदत ज्यादा होती है, हर व्यक्ति का शरीर और उसकी जरूरतें अलग तरह की होती है। उसकी खाने-पीने की आदतें भी अलग तरह की होती है। महिलाओें को देखा-देखी की आदत उन्हें नुकसान पहुंचाती है।

डाइटिंग प्लान पर अडिग रहना
वजन कम करने की दिशा में यदि व डाइटिंग का प्लान बनाती है और थोड़े दिनों के बाद परिवार के किसी नजदीकी व्यक्ति की शादी के लिए अपने आपको सुंदर दिखाने का प्रेशर आ घेरता है। ऐसे में उसका डाइटिंग का तय फार्मूला बिगड़ जाता है। उन्हें लगता है कि वह इसे बाद में संतुलित कर लेंगी। लेकिन ऐसा नहीं होता। जो महिलाएं वजन जल्दी कम करने लिए खाना बहुत कम कर देती है, उनमें कई बार उम्र बढ़ने के साथ वजन भी बढ़ने लगता है। वह जिस तरह की डाइट लेती है उससे यदि वजन जल्दी कम नहीं होता है तो वह धीरे धीरे हतोत्साहित होने लगती है और उन्हें लगने लगता है कि अपने वजन को कम करना उनके बूते में नहीं है तो ऐसे में उनके खानपान की पुरानी आदतें लौट आती है।

एक्सरसाइज करने के बहाने 
महिलाएं यदि वजन कम करने की दिशा में अपनी डाइट प्लान में बदलाव करती है तो वे यह समझ नहीं पाती कि इस तरह के बदलाव के लिए उन्हें अपने आपको शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार करना होगा है। उन्हें अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना होगा। कुछ नियमों का पालना करना होगा और अपने एक्सरसाइज के रूटीन को नियमित करना होगा। अकसर महिलाएं यह गलती करती है। वह थोड़े दिन तो अपने एक्सरसाइज के रूटीन को जारी रखती है, लेकिन थोड़े दिन बाद उनके लिए जिम जाना और वर्कआउट करना एक मुश्किल काम हो जाता है।

विल पावर कमजोर होनामहिलाऐं डाईटिंग करने ना जिम ज्वॉइन रखने में अपनी विल पावर कमजोर पाती है। हालांकि हम में से सभी आधुनिकाएँ स्वमं को फिटनेस फ्रीक समझती है, परन्तु फिर भी उतनी विल पावर स्वयं को मेनटेन रखने की, हमारे भीतर नहीं है। इसी के चलते हम पतले होने या वजन कम करने का अपना स्वप्न पूरा नहीं कर पाते।
 

तो फिर क्या करें………

पानी ज्यादा पीएं – शरीर डीटाक्सीफाई  होगा और कैलोरीज बर्न। खाना खाने से पहले पानी पीना और बाद में गर्म पानी पीना फायेदमंद रहता है।

उल्टा सोचें –पतले होके खूबसूरत लगने की बजाय यदि आप मोटापे से होने वाली परेशानियां, तकलीफो और बिमारियों के बारे मे सोचेगीं तो ज्यादा कारगर होगा। डर से ही सही, वजन कम आप कर लेंगी।

वॉक करें –एक्सरसाईज न भी कर पाये ंतो वॉक ही करें। ब्रिस्क वॉक अच्छा विकल्प है। मसल्स टोन होते है और वजन भी घटता है।

घर में मिठाई, चॉकलेट, तला भुना रखें –घर में कैलोरी बढ़ाने वाली चीजे न रखें। भूख लगने पर या लालच आने पे यह खाने में आ ही जाती है।

ईमोशनल स्टैबिलिटी रखें –महिलाएं ईमोशनल ईटर होती है। तनाव बढ़ते ही मीठा खाने की इच्छा बलवती हो जाती है। मीठा किसी भी रूप में हो, तुरन्त वजन बढ़ता है।

उन दिनों में ध्यान रखें –मासिक धर्म के पहले भी कई महिलाओं को चॉकलेट, तला भुना खाने की इच्छा हो उठती है। यह इच्छा होर्मोन्स में उतार-चढ़ाव से होती है और बहुत प्रबल होती है, पर थोड़ी देर की इच्छा से वजन तुरन्त बढ़ता है।

एक्सरसाईज रूटीन डिस्कन्टीन्यू होने पर –तयशुदा व्यायाम न कर पाये तो नियमित रस्सी ही कूद ले। ज्यादा कुछ न करें तो जॉगिंग ही कर लें। अपनी सहुलियत से आप फिर से एक्सरसाईज शुरू कर सकती है।

जिस चीज की वीकनैस हो उसका त्याग करें – यदि आपको ऐसी चीजे पंसद है जिनसे वजन बढ़ता है और वो आप बहुत खाते है तो महीने दो महीने उनका त्याग कर दें। आप पायेंगे कि ईटींग हैबिट्स पर आपका कन्ट्रोल अच्छा हो गया है।

लोगों के साथ करें –योग, जिम या एक्सरसाईज या वॉक सहेलियों या दोस्तों या साथी के साथ करें तो मोटिवेशन मिलता है। आप छोड़ना भी चाह रहे हो तो दूसरे आपको करने नहीं देंगे या उनको देख के आप भी कन्टीन्यू कर लेंगें।

वटन घटाना आसान है पर उसे मेनटेन रखना मुश्किल है। दृढ़ं संकल्प और लगन से आप वजन नियत्रंण में रख सकती है। कहतें भी है ना ‘‘मन के हारे हार हैं, मन की जीते जीत”।