योग शरीर के लिए सबसे बेहतरीन व्यायाम है। जो शरीर को शारीरिक और मानसिक हर तरह से स्वस्थ रखने में मदद करता है। लेकिन यदि आप पहली बार योग करने की शुरुआत कर रहे हैं तो कुछ सावधानी रखनी बहुत जरूरी है। कुछ लोग योग की शुरुआत करते ही कठिन आसनों का अभ्यास करना शुरू कर देते हैं जो कई बार किसी गंभीर इंजरी का कारण बन सकता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि शुरुआत हमेशा कुछ आसान आसनों से की जाए जिससे आप उसके लाभों को बेहतर ढंग से अनुभव कर पाएँ –
पाद हस्तासन
इस आसन को करने के लिए पैरों को मिलाकर खड़े हो जाएँ। सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठायें। फिर श्वास छोड़ते हुए कमर से नीचे झुकते हुए अपने माथे को घुटने से लगाने की कोशिश करें। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है साथ ही पैरों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
हस्तोत्तानासन
पैरों के बीच में थोड़ा गैप रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ। सांस लेते हुए अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाते हुए कमर से पीछे की ओर झुकें। थोड़ी देर इसी स्थिति में रुकते हुए वापस आ जाएँ। इससे पेट और पीठ की मसल्स मजबूत होती हैं, साथ ही उनमें लचीलापन आता है।
त्रिकोणासन :
अपने पैरों के बीच में कम से कम दो- तीन फिट का अंतर रखते हुए खड़े हो जाएँ। कमर से झुकते हुए अपने बाएँ हाथ से दायें पैर को छूएँ और दायें हाथ को ऊपर की ओर सीधा रखते हुए उसे देखने की कोशिश करें। इस आसन से पेट में दबाब पड़ता है जिससे पेट की चर्बी कम होती है। साथ ही पैरों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
उष्ट्रासन :
वज्रासन में बैठते हुए अपने घुटनों पर खड़े हो जाएँ। अपने दोनों हाथों को कमर पर रखते हुए सांस लेते हुए कमर से पीछे की ओर झुकें। थोड़ी देर इसी पोजीशन में रुककर श्वास छोड़ते हुए वापस आ जाएँ। इससे कमर में लचीलापन आता है, साथ ही पेट में खिंचाव होने से पेट के अंगों की मसाज होती है।
पश्चिमोत्तानासन :
पैरों को सीधा रखते हुए कमर- गर्दन सीधी रखते हुए नीचे बैठ जाएँ। श्वास लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए कमर को ऊपर की ओर खीचें। फिर श्वास छोड़ते हुए सामने की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों को झुएँ और अपने सिर को घुटनों से लगाने की कोशिश करें। इससे पेट की चर्बी कम होती है और शरीर में लचीलापन आता है।
भुजंगासन :
पेट के बल नीचे लेटकर अपने हाथों को कंधों के बगल में रखें। श्वास लेते हुए अपने धड़ वाले भाग को कमर से ऊपर की ओर उठाएँ। जितना संभव हो, पीछे की ओर ले जाएँ। फिर श्वास छोड़ते हुए वापस नीचे आ जाएँ। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है और पेट के सभी अंगों की मसाज होती है जिससे वे स्वस्थ होते हैं।
शलभासन :
पेट के बल लेटकर अपने हाथों को जांघों के नीचे रखें। अपनी ठोड़ी को जमीन से लगाते हुए अपने दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाएँ। थोड़ी देर इसी स्थिति में रुकते हुए वापस आ जाएँ। इससे जांघों, हिप्स, कमर के निचले हिस्से की मसल्स में मजबूती आती है।
