कंप्यूटर या लैपटाप पर बैठकर काम करना हो या फाइल वर्क करना हो, कोई भी ऑफिस वर्क हो या लिखाई-पढ़ाई का काम अधिकांश कामों में गर्दन झुकाकर काम करने की जरूरत पड़ती है। लेकिन कई बार अत्यधिक तनाव और अनावश्यक प्रेशर के कारण गर्दन में दर्द या उससे संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, जो काफी तकलीफदेह साबित हो सकती हैं। यदि आप इन तकलीफों का सामना करना नहीं चाहते तो नीचे बताये जा रहे कुछ आसनों को जरूर अपनी दिनचर्या में शामिल करें। 

नेक बेंडिंग एंड रोटेशन

कमर सीधी करके रखें तथा कंधों को स्थिर रखें। अपनी गर्दन को धीरे-धीरे श्वास लेते हुए ऊपर पीछे की तरफ ले जाएं। 10 सेकेंड इसी स्थिति में रुकें। फिर श्वास छोड़ते हुए नीचे की तरफ जितना ले जा सकते हों, ले जाएं। इस तरह 5-5 बार इस अभ्यास को करें।उसके बाद श्वास छोड़ते हुए गर्दन को बायीं तरफ बेंड करते हुए अपने कान को गर्दन से टच करने की कोशिश करें। इसी तरह से दायीं तरफ बेंड करें। इस अभ्यास को 5-5 बार करें। नेक रोटेशन में गर्दन को धीरे-धीरे बायीं से दायीं ओर ले जाते हुए यानि क्लॉक वाइस एक पूरा सर्कल बनाएं। तीन बार इस दिशा में दोहराते हुए फिर दायीं से बायीं ओर ले जाते हुए यानि एंटि क्लॉक वाइस सर्कल बनाएं। इस अभ्यास को 3-5 बार कर सकते हैं। इस अभ्यास में अपनी आंखें खुली रखें तो अच्छा रहेगा। इस अभ्यास से गर्दन की जकडऩ दूर होती है, साथ ही मांसपेशियां भी लचीली होती हैं। यदि किसी को 
चक्कर आने की समस्या है तो इस अभ्यास को बहुत ही सावधानीपूर्वक करें।

मकरासन

पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में गैप रखते हुए अपनी एडिय़ों को दूर-दूर बाहर की ओर तथा पंजों को अंदर की ओर आरामदायक स्थिति में रखें। अपने 
हाथों को कोहनियों से मोड़कर जमीन पर रखते हुए हथेलियों को अपने गालों के नीचे रखें अर्थात अपने चेहरे को अपनी हथेलियों पर टिकाएं। अपनी कोहनियों को दूर-दूर रखें 
इसका सीधा असर गर्दन पर पड़ता है। लंबी गहरी श्वास लेते रहें। इस आसन को करने से गर्दन का तनाव तथा जकडऩ दूर होती है।

इसका भी रखें खास ध्यान

  • ऑफिस वर्क या पढ़ाई के बीच-बीच में हल्का ब्रेक लें, जिसमें अपनी गर्दन को ऊपर-नीचे, दायीं-बायीं ओर घूमना न भूलें। इससे गर्दन में पडऩे वाला तनाव दूर हो जाता है। 
  • सोकर उठते वक्त सीधा कभी न उठें बल्कि पहले बायीं करवट पर आयें फिर धीरे से उठकर बैठें। इससे गर्दन पर कभी भी झटका नहीं आएगा। 
  • लैपटाप या कम्प्यूटर पर ज्यादा झुककर काम करने के बजाय कमर, गर्दन सीधी रखते हुए काम करें। 
  • बहुत सारे तकिये के बजाय पतले तकिये का प्रयोग करें और तकिये को सिर और कंधे के बीच वाली जगह तक लगाएं जिससे गर्दन पर अनावश्यक प्रैशर नहीं आने पाएगा।
  • गलत पोजीशन में सोना भी हानिकारक है, इसलिए जहां तक संभव हो तकिया लगाए बिना सोएं और एक ही पोजीशन में सोने की बजाय करवटें बदलते रहें।
  •  हैवी एक्सरसाइज करने से बचें और हमेशा डॉक्टर या ट्रेनर की सलाह से ही एक्सरसाइज करें।
  • फोन का इस्तेमाल कम करें और ज्यादा देर बात करने के लिए ईयर फोन का इस्तेमाल करें।
  • घरेलू उपचार और व्यायाम से भी राहत न मिलने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
  • कार चलाते समय अपनी सीट की पोजीशन सीधी रखें, जिससे सिर और गर्दन को सहारा मिलेगा और गर्दन पर ज्यादा जोर भी नहीं पड़ेगा।
  • कुछ मामलों में मालिश से भी आराम मिल सकता है। सरसों या जैतून का तेल गुनगुना करके हल्के हाथों से मसाज करें।
  • मालिश करते समय ध्यान रखें कि हाथों को गर्दन से कंधे की तरफ ले जाते हुए मालिश करें और कुछ देर के लिए गर्द पर कपड़ा लपेट कर रखें, जिससे गर्माहट बनी रहेगी और दर्द में भी राहत मिलेगी। 

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