Self Confidence
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Self Confidence: सेहत के मामले में सोशल मीडिया के बदलते ट्रेंड्स पर ही भरोसा न करें खुद की अक्ल दौड़ाएं और एक रुटीन अपनाएं।

हर दिन हमारी सेहत से जुड़ा नया ट्रेंड हमारी स्क्रीन पर छा जाता है यह सब देखकर दिमाग चकरा जाता है। क्या सच में यह विज्ञान कह रहा है या सिर्फ मार्केटिंग का कमाल है? सच क्या है? सेहत किसी एक फॉर्मूले पर
नहीं बनती। जो चीज किसी और के लिए सही है, वो आपके लिए जरूरी नहीं कि काम करे। कोई भी ट्रेंड आपके शरीर की प्राकृतिक समझ की जगह नहीं ले सकता- आपका शरीर खुद जानता है कि उसे क्या
चाहिए। इसलिए ट्रेंड्स के पीछे भागने की बजाय, उन चीजों पर ध्यान दें जो सच में असरदार हैं सेहत का मतलब हर नई चीज आजमाना नहीं, बल्कि उन बातों को अपनाना है जो हमेशा से कारगर रही हैं।आपके शरीर की अनोखी समझ- यही है आपकी सबसे अच्छी गाइड। आपका शरीर हमेशा आपको संकेत देता है, लेकिन क्या आप उन्हें सुन व समझ रहे हैं? दोपहर की थकान, खाने के बाद ब्लोटिंग, जिद्दी स्किन ब्रेकआउट- ये सब अचानक नहीं होते, बल्कि आपके शरीर के मैसेज होते हैं।
समस्या क्या है? हमें लक्षणों को समझने की बजाय उन्हें दबाने की आदत पड़ गई है। सिरदर्द हुआ, दवाई ले लो। थकान महसूस हो रही है, एक और कप कॉफी पी लो। पेट फूला हुआ लग रहा है, कोई डिटॉक्स डाइट ट्राई कर लो। लेकिन अगर हम इन संकेतों को नजरअंदाज करने की बजाय उन्हें समझना सीखें, तो क्या होगा?
थकान के बावजूद खुद को जबरदस्ती न चलाएं, बल्कि पूछें- क्या मैं सही से सो रही हूं? क्या मैं ज्यादा कैफीन ले रही हूं?
पिंपल्स को स्किनकेयर से छिपाने के बजाय सोचें कि कहीं मेरी पाचन से जुड़ी सेहत बिगड़ तो नहीं रही?
मेटाबॉलिज्म को वजन घटने-बढ़ने का कारण मानने से पहले देखें कि क्या मैं पौष्टिक खाना खा रही हूं या खाना स्किप कर रही हूं?
सिर्फ बीमार न होना ही अच्छी सेहत नहीं होती। अच्छी सेहत का मतलब है- भरपूर एनर्जी, सही पाचन, क्लीयर स्किन, तेज दिमाग और गहरी नींद। जब हम अपने शरीर के संकेतों को समझते हैं, तो सही खानपान, एक्सरसाइज, नींद और तनाव प्रबंधन से इसे बेहतर बना सकते हैं।
आपका शरीर जानता है कि उसे क्या चाहिए, इसलिए ट्रेंड्स से ज्यादा खुद पर भरोसा करें।

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The role of common sense

सच्चाई यह है कि अच्छी सेहत कोई जटिल चीज नहीं, लेकिन हेल्थ इंडस्ट्री इसे मुश्किल बना देती है। हर दिन कोई नया डाइट प्लान, सह्रश्वलीमेंट या ट्रेंड दावा करता है कि यही बेस्ट हेल्थ सॉल्यूशन है। लेकिन सच्चाई यह है कि सेहत तात्कालिक ट्रेंड्स से नहीं, बल्कि सदियों से आजमाए हुए बुनियादी तरीकों से बनती है।

बुनियादी चीजों का पालन करें : अच्छे स्वास्थ्य के लिए छह जरूरी आदतों को अपनाएं- गहराई से पोषण, अच्छी नींद, पर्याप्त शारीरिक गतिविधि, भावनात्मक संतुलन, आध्यात्मिक जुड़ाव और ब्रीदिंग पर फोकस करना। नए-नए ट्रेंड्स आते-जाते रहेंगे, लेकिन ये आदतें हमेशा फायदेमंद रहेंगी।

अत्यधिक चीजों पर सवाल उठाएं : अगर कोई डाइट या स्वास्थ्य टिप रातों-रात परिणाम देने का दावा करती है, या फिर किसी फूड ग्रुप को बैन करने को कहती है या असलियत से परे लगती है, तो उस पर भरोसा न करें।

हटाने की बजाय संतुलित करें : पारंपरिक चिकित्सा जीवन बचाती है, जबकि समग्र और लाइफस्टाइल चिकित्सा सेहत को बेहतर बनाती है। दोनों साथ मिलकर काम करते हैं, न कि एक-दूसरे के खिलाफ।

सिर्फ सुर्खियां पर भरोसा न करें : सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कोई स्वास्थ्य टिप या किसी सेलिब्रिटी की सलाह मेडिकल गाइड नहीं होती। पूरी रिसर्च पढ़ें, सही स्रोतों की जांच करें और योग्य विशेषज्ञों से सलाह
लें।

व्यक्तिगत जरूरतों को समझें : सोशल मीडिया पर मिलने वाली स्वास्थ्य सलाह सभी के लिए एक जैसी होती है। लेकिन सही स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि डॉक्टर, न्यूट्रिशनिस्ट या हेल्थ कोच से मिलकर अपने शरीर की जरूरतों के अनुसार सुझाव लिए जाएं। जब पारंपरिक चिकित्सा और समग्र (इंटीग्रेटिव) चिकित्सा को मिलाकर अपनाया जाता है। तब सबसे अच्छे नतीजे मिलते हैं। ट्रेंड्स के पीछे भागने की बजाय, प्रभावी हेल्थ रणनीतियों को अपनाएं।

ट्रेंड्स बदलते रहेंगे, लेकिन आपके शरीर की जरूरतें वही रहेंगी। सेहतमंद रहने का सबसे सही तरीका सिर्फ ट्रेंड्स का अनुसरण करना नहीं, बल्कि अपने शरीर की सुनना, विज्ञान पर भरोसा करना और समझदारी से फैसले लेना है।