बच्चों में कैसे विकसित होगा आत्मविश्वास
बच्चों को असल स्थिति और खुद के विकास पर ध्यान देना होगा।
Self-Confidence in Child: बच्चे आगे बढ़ें और जिंदगी में जो भी चाहते हैं, उन्हें मिलता रहे, इसके लिए उन्हें खुद भी तैयार होना पड़ेगा। सिर्फ आपके उन्हें प्रोत्साहन के साथ सारी सुविधाएं देने से काम नहीं चलेगा। इसके लिए बच्चों को असल स्थिति और खुद के विकास पर ध्यान देना होगा। इस विकास में जो सबसे जरूरी चीज है, वो होगा बच्चा का आत्मविश्वास। लेकिन इस आत्मविश्वास को उन तक लाने में आपको भी योगदान देना होगा। बच्चों में कैसे विकसित होगा आत्मविश्वास चलिए जानें वह टिप्स-
आपका आत्मविश्वास उनका आत्मविश्वास

पेरेंटिंग का यह बहुत ही सामान्य नियम है कि पेरेंट्स जो करते हैं, बच्चे उससे ही सीखते हैं। इसलिए आप जैसे-जैसे खुद को आत्मविश्वासी बनाएंगी, वैसे-वैसे बच्चे भी खुद में यह खासियत विकसित करेंगे। इसलिए उनको कॉंफिडेंट बनाना है तो खुद भी कॉंफिडेंट बनिए। उनके सामने चुनौती लेने वाले काम करें और जीतने पर जताइए भी कि इसकी वजह आपका आत्मविश्वास है।
छोटे-छोटे प्रयासों को सराहें
बच्चे छोटे काम करें या कोई बड़ा काम, उन्हें सराहें जरूर। इससे छोटी-छोटी मात्रा में ही सही लेकिन बच्चे में आत्मविश्वास विकसित जरूर होगा। इसलिए कोशिश करें कि जब उनसे गलती हो जाए तो उन्हें डांटे ना बल्कि उन्हें समझाएं कि अगली बार यह काम अच्छे से करना, दोबारा ऐसा काम करने के लिए बच्चा मोटिवेट जरूर होगा।
बच्चा है, याद रखिए

कई पेरेंट्स बच्चे को सिखाने और परफेक्ट बनाने की कोशिश में अक्सर उनसे बड़ों वाली अपेक्षा रखने रखते हैं। इन अपेक्षाओं को जब वो पूरा नहीं कर पाते हैं तो उसको डांट पड़ती है और फिर इसकी वजह से बच्चे के अंदर जिंदगी में कुछ भी न कर पाने की बात घर करती जाती है। वो सोचने लगता है कि वो काम बड़ा हो या छोटा, कर ही नहीं पारगा। इसलिए बच्चों से उतनी ही अपेक्षा रखें जो उनकी उम्र के हिसाब से संभव हो। आपकी बात सुनकर वो काम करने की कोशिश कर रहा है, यही काफी है।
परेशानियां वो खुद सुलझाएं
बच्चों को उनकी परेशानियों का हल खुद ढूंढने दीजिए। हर बार उनके लिए खड़े रहना सही नहीं है। कुछ छोटी समस्याएं जो आपको लगता है कि बच्चे खुद सुलझा सकते हैं, उनको उन्हें खुद ही सुलझाने दीजिए। जब वो अपनी समस्या कको खुद सुलझा लेंगे तो उनमें आत्मविश्वास खुद बा खुद ही विकसित होता जाएगा।
सवालों के जवाब

बच्चे अक्सर बहुत से सवाल पूछते हैं, अगर उनको इन सवालों के जवाब मिल जाते हैं तो उनको लगता है कि उन्हें बहुत कुछ पता है। यह सोच उनमें आत्मविश्वास भर देती है। इसलिए बच्चे जब भी सवाल पूछें या कुछ जानना चाहने तो उन्हें इग्नोर न करें बल्कि साफ-साफ बात समझाएं। इससे उन्हें यह भी लगेगा कि वो काफी जरूरी हैं।
