Diet and Balanced Diet Difference
Diet and Balanced Diet Difference

Diet and Balanced Diet Difference: वजन कम करने वालों के लिए डाइट एक रुचिकर शब्द है, क्योंकि इसमें छिपा है मोटापा घटाने का मंत्र। लेकिन क्या डाइटिंग वास्तव में शरीर के सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है या यह केवल एक भ्रम है।

वजन कम करने के लिए आजकल लोग कई तरह की डाइट प्लान का अनुसरण कर रहे हैं, फिर वो चाहे प्लांट बेस्ड डाइट हो या रॉ फूड डाइट। लेकिन डाइटिंग के नाम फिटनेस कोच एक लंबी सी लिस्ट बनाकर दे देते हैं, जिसमें कार्ब्स छोड़ने के लिए सबसे पहले कहा जाता है। दरअसल, आज दुनियाभर में लोग सबसे पहले अपनी सेहत को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसकी वजह से ‘डाइटिंग’ और ‘हेल्दी ईटिंग’ शब्दों का उपयोग उनके जीवन में एक बहुत बदलाव के लिए किया जा रहा है। लेकिन यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि डाइटिंग और संतुलित भोजन भोजन एक ही चीज नहीं है। इसलिए इस लेख में हम जानेंगे कि एक स्वस्थ भोजन की जीवन शैली को अपनाने के लिए डाइटिंग की तुलना कैसे की जाती है और लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए कौन-सा विकल्प
सबसे अच्छा है?

डाइटिंग में आमतौर पर वजन घटाने के लिए एक डाइट प्लान होता है, जैसे केटो डाइट, इंटरमिटेंट फास्टिंग या लो-कार्ब डाइट। इस तरह के डाइट प्लान कैलोरी को सीमित मात्रा में लेना होता है, कुछ तरह के भोजन को अपनी डाइट से बाहर और कुछ को डाइट में शामिल करना होता है। और इस तरह की डाइट में मील टाइम के लिए भी सत होना पड़ता है। आप कभी भी कुछ भी नहीं खा सकते, आपको डाइट के हिसाब से समय पर भोजन करना होता है। कई लोग वजन घटाने और फिर से बढ़ने के चक्कर में फंस जाते हैं, जो शारीरिक और मानसिक रूप से थका देने वाला और
अस्थायी हो सकता है।

स्टडी कहती है कि लगभग 80 फीसदी लोग जो डाइटिंग के जरिए वजन कम करते हैं, उनका एक साल के अंदर फिर से वजन बढ़ जाता है। इस स्थिति को ‘यो-यो डाइटिंग’ या वेट साइकिलिंग कहा जाता है। और मुख्य रूप से शरीर की प्राकृतिक प्रवृत्ति के कारण सामान्य भोजन के पैटर्न को फिर से शुरू करने के बाद कम किए गए वजन को फिर से बढ़ा लेने की प्रवृत्ति होती है।

1.रिसर्च बताता है कि कैलोरी कम करने से मेटाबोलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे शरीर कम कैलोरी जलाता है। इसे मेटाबोलिज्म कस्टमाइजेशन कहते हैं, जो लंबे समय तक वजन घटाने को बनाए रखना मुश्किल बनाता है।

2.डाइटिंग के साथ एक और सामान्य मुद्दा यह है कि यह भोजन के साथ एक अस्वास्थ्यकर संबंध बना सकता है- यहां पर स्वस्थ भोजन का मतलब अच्छी जानकारी के साथ अपने भोजन को लेकर
एक टिकाऊ निर्णय लेना है।

पोषण की गुणवत्ता: स्वस्थ भोजन कैलोरी कम के बारे में नहीं है, बल्कि सभी खाद्य समूहों से पोषक तत्व और मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने के बारे में है।
भूमध्यसागरीय आहार की तरह आहार, जो फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, स्वस्थ वसा और लीन प्रोटीन से समृद्ध हैं, को हृदय रोग, मधुमेह और स्ट्रोक जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए सहायक है, इस तरह के आहार गुणवत्ता पर केंद्रित है। मात्रा, लोगों को प्रतिबंध के बिना विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने की अनुमति देता है। ये बिना किसी डाइट के आप अपने स्वस्थ भोजन में कटौती के बिना भी माइंडफुल ईटिंग को बढ़ावा दे सकते है।
कटौती के बिना पोरशन कंट्रोल: ये बिना किसी डाइट के आप अपने स्वस्थ भोजन में कटौती के बिना भी माइंडफुल ईटिंग को बढ़ावा दे सकते हैं। यह आपकी भूख और संतुष्टि के बारे में है, जब भूख लगी हो और जब आप अपने भोजन से संतुष्ट हो चुके हैं तो आपको रुकना होगा।

जीवन शैली में बदलाव: इसके लिए स्वस्थ भोजन को जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी है। स्वस्थ आहार में सुबह उठने के 1-2 घंटे के भीतर नाश्ता, नियमित भोजन का समय और देर रात भारी भोजन से बचना शामिल है, जो मेटाबोलिज्म और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है। शोध के अनुसार, लंबे समय तक स्वस्थ भोजन करने से अवसाद, चिंता और मूड विकारों का जोखिम कम होता है।
(डॉ. मेघना पासी, प्रमुख माईथाली प्रोग्राम आरोग्य वर्ल्ड से बातचीत पर आधारित)

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...