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अक्सर जेंडर इक्वलिटी यानी लैंगिग समानता को लेकर बात करने वाली प्रियंका ने कई मंचों से महिलाओं को उनके पैरों पर खड़े होने की, उड़ान भरने की और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की सीख दी है।
Priyanka Chopra on Feminism: प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड ही नहीं, हॉलीवुड की भी एक ऐसी हस्ती हैं जो अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं। अक्सर जेंडर इक्वलिटी यानी लैंगिग समानता को लेकर बात करने वाली प्रियंका ने कई मंचों से महिलाओं को उनके पैरों पर खड़े होने की, उड़ान भरने की और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की सीख दी है। आइए जानते हैं फेमिनिज्म को लेकर क्या है प्रियंका की बोल्ड सोच के बारे में।
दादी को रहती थी चिंता
अपने एक इंटरव्यू में प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि उनकी दादी को हमेशा यही चिंता रहती थी कि वह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं। और उन्हें खाना बनाना नहीं आता है। इसकी कभी शादी नहीं होगी। वह बार-बार प्रियंका के पेरेंट्स को भी इसकी शिकायत करती थीं।
नहीं है कुक बनने की जरूरत
देसी गर्ल प्रियंका ने बताया कि उनके पिता इस मामले में बहुत साफ सोच रखते थे। उन्होंने दादी को कहा कि कोई बात नहीं ये जहां जाएंगी, मैं वहां इसके साथ एक कुक भेज दूंगा। आज उनकी बात सही साबित हो रही है। मैं अपने साथ अपना कुक रखती हूं। ये वही कुक है, जो मेरे पिता ने मेरे लिया चुना था। प्रियंका ने कहा कि उनके माता-पिता हमेशा से ही आगे बढ़ने वाली सोच रखते थे। एक ऐसा देश जहां शादी के बाद करियर को खत्म मान लिया जाता है। वहां पेरेंट्स की ऐसी खुली सोच से बच्चों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिला।
सिर्फ महिलाओं का काम नहीं कुकिंग
प्रियंका अक्सर अपने दमदार स्टेटमेंट्स के लिए सुर्खियों में रहती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने जेंडर लेजिनेस का मुद्दा उठाया। उनका इशारा घर में पुरुषों के काम न करने को लेकर था। उन्होंने कहा कि घर की साफ सफाई करना या खाना बनाना सिर्फ महिलाओं का काम नहीं है। बड़े होने पर यह बेसिक जरूरत का काम है, जो हर किसी को आना चाहिए। चाहे वह महिला हो या पुरुष।
महिलाओं को होना चाहिए आत्मनिर्भर
अपने एक अन्य इंटरव्यू में प्रियंका ने महिलाओं के आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि हर महिला को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना चाहिए। चाहे आपके पिता कोई भी हों, पति-भाई कोई भी हों या फिर जिंदगी में आया कोई भी पुरुष आर्थिक रूप से सक्षम हो। अपने आर्थिक मामलों को देखने की जिम्मेदारी महिलाओं की खुद की है। इसके लिए फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना बहुत जरूरी है।
सोच में बदलाव जरूरी
प्रियंका का कहना है आज भी हमारा समाज पुरुष प्रधान है और इस सोच को बदलने के लिए हर महिला को कदम उठाने होंगे। ये काम आसान नहीं है, लेकिन हम सभी को मिलकर इसे करना होगा। एक दूसरे का साथ देना होगा। साथ ही अपने अंदर के कॉन्फिडेंस को हर दिन बढ़ाना होगा। अपनी सोच को बदलना होगा और कहना होगा कि हम भी सब कर सकते हैं। इसके लिए महिलाओं को किसी मौके की जरूरत नहीं है। बल्कि अवसर खुद बनाने की जरूरत है। यह आत्मविश्वास हर महिला में होना चाहिए।
