Dabur Ashokarishta for Women: हार्मोनल उतार-चढ़ाव, मासिक धर्म की अनियमितताएं, गर्भधारण, प्रसव और मेनोपॉज़ जैसे शारीरिक बदलावों से महिलाओं का शरीर जूझता है। ऐसे में उन्हें एक ऐसे साथी की ज़रूरत होती है जो उनकी सेहत का ध्यान रखे –बिना किसी साइड इफेक्ट के। डाबर अशोकारिष्ट ठीक वही करता है। यह एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जो वर्षों से महिलाओं के बीच एक भरोसेमंद नाम बन चुका है।
भारतीय महिलाएं हर रोज़ घर, परिवार, बच्चों और काम के बीच अपने आपको पीछे छोड़ देती हैं। सुबह सबसे पहले उठना, पूरे परिवार का ख्याल रखना, बच्चों की ज़रूरतें, सास-ससुर का ध्यान, ऑफिस का प्रेशर – यह सब संभालते हुए वे खुद को सबसे आखिर में रखती हैं। लेकिन क्या वे जानती हैं कि उनके शरीर में लगातार कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं – जैसे मासिक धर्म (पीरियड्स), गर्भधारण और फिर जीवन के एक अहम मोड़ पर आने वाला मेनोपॉज। इन सभी पड़ावों पर शरीर को एक विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है, जो अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाती है।
ऐसे समय में आयुर्वेदिक चिकित्सा में डाबर का अशोकारिष्ट एक सुरक्षित और असरदार उपाय बनकर उभरता है। यह एक ऐसा टॉनिक है जिसमें प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का संयोग है और जो विशेष रूप से महिलाओं की सेहत का ध्यान रखता है, खासकर उनके उन कठिन दिनों में।
डाबर का अशोकारिष्ट ही क्यों?
डाबर अशोकारिष्ट एक शुद्ध आयुर्वेदिक टॉनिक है जो विशेष रूप से महिलाओं के मासिक चक्र, हार्मोनल असंतुलन और शरीर की थकान से राहत दिलाने के लिए तैयार किया गया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह न केवल शरीर के लक्षणों को शांत करता है बल्कि हार्मोनल बैलेंस को प्राकृतिक रूप से सुधारता है।
मुख्य कारण:
- शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ
- मासिक धर्म के दर्द और अनियमितता को नियंत्रित करने में सहायक
- मानसिक और शारीरिक थकान से राहत देने वाला
इसमें मौजूद मुख्य जड़ी-बूटियाँ:
- अशोक छाल – मासिक धर्म को नियमित करती है
- धातकी – गर्भाशय की सेहत को सुधारती है
- दारुहरिद्रा – सूजन और दर्द में राहत देती है
- सूखी सोंठ – पाचन सुधारती है और पेट दर्द में मददगार है
- आँवला – इम्यूनिटी बढ़ाता है
- हरड़ – शरीर को डिटॉक्स करता है
- गुड़ – प्राकृतिक मिठास और ऊर्जा का स्रोत
विशेष दिनों में करता है देखभाल
हर महीने आने वाला मासिक धर्म महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक थकान लेकर आता है। इस दौरान पेट में ऐंठन, पीठ दर्द, चिड़चिड़ापन, और कमजोरी जैसे लक्षण आम हैं। डाबर अशोकारिष्ट इन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
डाबर अशोकारिष्ट के फायदे
डाबर अशोकारिष्ट को नियमित रूप से लेने से महिलाओं की शारीरिक और मानसिक स्थिति में संतुलन आता है। यह न केवल शरीर की थकान को दूर करता है, बल्कि लंबे समय में सेहत को सशक्त बनाता है।
- पीरियड्स की अनियमितता में सुधार
- मासिक धर्म के दौरान दर्द में राहत
- गर्भाशय की सेहत में सुधार
- हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखने में मदद
डाबर अशोकारिष्ट कैसे और कब लेना चाहिए

डाबर अशोकारिष्ट को सही तरीके से और नियमित रूप से लेना ही इसके अधिकतम लाभ सुनिश्चित करता है। नीचे इसकी सेवन विधि दी गई है:
सेवन की मात्रा:
– 15 से 30 मिली (लगभग 1 से 2 चम्मच)
– समान मात्रा में गुनगुने पानी के साथ मिलाकर लें या चिकित्सक के निर्देशानुसार
सेवन का समय:
दिन में दो बार – भोजन के बाद
खाली पेट न लें – इससे कुछ महिलाओं को एसिडिटी या जलन हो सकती है।
नियमित सेवन जरूरी है – कम से कम 3 महीने तक लगातार सेवन करने से असर साफ दिखता है।
ध्यान दें: यदि आप किसी विशेष दवा या हार्मोनल उपचार पर हैं, तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
महिलाओं का खानपान
महिलाओं के जीवन में हार्मोनल बदलावों से लड़ने के लिए केवल दवाइयाँ नहीं, बल्कि संतुलित खानपान भी बेहद ज़रूरी है।
महिलाओं के लिए ज़रूरी आहार:
- आयरन युक्त आहार – पालक, चुकंदर, गुड़, अनार
- कैल्शियम और विटामिन D – दूध, पनीर, सूरज की धूप
- ओमेगा-3 फैटी एसिड्स – अलसी, अखरोट
- प्रोटीन – दालें, सोया, अंडा (यदि शाकाहारी नहीं हैं)
- फाइबर – साबुत अनाज, फल, हरी सब्ज़ियाँ
- हर्बल टी – अश्वगंधा, तुलसी या अदरक की चाय
इसके साथ ही नियमित योग और ध्यान मानसिक शांति और हार्मोनल संतुलन में मदद करते हैं। यदि इस संतुलित जीवनशैली के साथ डाबर अशोकारिष्ट को जोड़ा जाए तो महिलाओं की सेहत में उल्लेखनीय सुधार देखा जा सकता है।

हर महिला को अपने स्वास्थ्य के लिए गंभीर होना चाहिए, क्योंकि जब वह स्वस्थ होती है तभी परिवार, समाज और जीवन का संतुलन बनता है। डाबर अशोकारिष्ट एक ऐसा सरल, सुरक्षित और असरदार उपाय है, जो महिलाओं के कठिन दिनों को आसान बना सकता है। अगर आपने अभी तक इसकी ओर ध्यान नहीं दिया है, तो आज से इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और खुद की देखभाल की इस शुरुआत को एक नई दिशा दें।
