Protect Children from Dehydration
Protect Children from Dehydration

Children Dehydration: गर्मी आते ही शरीर को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होने लगती है। जिसका कारण शरीर में से ज्यादा मात्रा में पसीना निकलना है। हम सभी के शरीर में 60 प्रतिशत से ज्यादा तरल पदार्थ है। और वहीं जब गर्मी में पसीने के जरिए निकलने लगता है तो शरीर में पानी के अलावा और भी पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इसी तरह पोषक तत्व में सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है जो सभी के शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन जब आपको डिहाइड्रेशन होता है तो सबसे ज्यादा इसी की कमी आपके शरीर में हो जाती है। और देखा जाए तो बच्चों में ये डिहाइड्रेशन की दिक्कत सबसे ज्यादा होती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चों को इन गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए उनके अंदर पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी नहीं होने दें। यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे डिहाइड्रेशन होता है और इससे कैसे बचाव करें।

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क्या है डिहाइड्रेशन

Children from Dehydration
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डिहाइड्रेशन को एक साधारण से शब्दों में हम समझते है कि शरीर में पानी की कमी हो गई है। लेकिन हमें इसके बारे में सही जानकारी होना आवश्यक है। डिहाइड्रेशन मूल रूप से तीन प्रकार से शरीर में होता है-

आइसोटोनिक: इसमें शरीर में बहुत ज्यादा पानी और सोडियम की कमी हो जाती है। इन दोनों की बहुत ज्यादा कमी के कारण आपको उल्टी,दस्त और बहुत ज्यादा पसीना बहने लगता है। साथ ही शरीर में जलन होनी महसूस हो जाती है। इसमें पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की सामान मात्रा में नुकसान शरीर को झेलना पड़ता है।
हाइपोटोनिक: इसमें पानी से भी ज्यादा इलेक्ट्रोलाइट्स का शरीर में नुकसान होता है।
हाइपरटोनिक: इसमें मुख्य रूप से पानी का नुकसान शरीर में होता है।

डिहाइड्रेशन के इन तीनों रूपों में से सबसे ज्यादा बच्चों या बड़ों में आइसोटोनिक के लक्षण ज्यादा देखें जाते है। क्योंकि इसमें पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स दोनों की ही कमी शरीर में होती है। और लक्षण ज्यादा दिखाई देते है। अगर इसके लक्षण देखते हुए आपने ध्यान नहीं दिया तो इसमें मौत तक हो सकती है।

लक्षण

डिहाइड्रेशन में शरीर में बहुत सारे लक्षण दिखाई देने लगते है। यदि आपके बच्चे को भी इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे है तो उसे डॉक्टर के पास तुरंत ले जाए।

  • शुरुआत में प्यास कम लगती है।
  • पसीना न के बराबर आता है।
  • त्वचा में बहुत ज्यादा सूखापन लगता है।
  • होंठ फटना और होंठो पर पपड़ी आना।
  • त्वचा पर रैशेज या खुजली होना।
  • मुंह में सूखापन महसूस होना।

अधिक समस्या बढ़ने पर शरीर में पानी भी नहीं झिलता है बहुत ज्यादा उल्टी और दस्त लग जाते है। और वे कैसे भी काबू में नहीं आते है क्योंकि इस समय शरीर में से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की बहुत अधिक कमी हो गई होती है। ऐसे में जरूरी है तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं।

डिहाइड्रेशन से इस तरह करें बचाव

पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं

जरूरी है कि आप बच्चों के पानी का ध्यान रखें कि वे समय पर पानी पी रहे है या नहीं। क्योंकि प्यास लगने पर ही पानी नहीं देना है। हर थोड़ी देर में पानी की आवश्यकता होती है। स्कूल में भी उन्हे एक साफ सुथरी बोतल में पानी भरकर दें। साथ ही अगर आपने घर पर ही बच्चों में पानी पीने की आदत डाल रखी है तो वे स्कूल में भी पानी सही से पीएंगे। और उसे खत्म होने पर भर भी लेंगे।

नींबू पानी

जब बच्चा स्कूल से घर आता है या फिर वह अपने दोस्तों के साथ खेल रहा हो तो उसके लिए नींबू पानी बना कर रख लें जिसे थोड़ी थोड़ी देर में देने से उसके शरीर में पानी की कमी पूरी होगी। और यदि उसे नींबू पानी ज्यादा अच्छा नहीं लगता है तो उसमें थोड़ी चीनी और काला नमक मिला लें। इससे ये शिकंजी बन जाएगी। जो अधिकतर बच्चे खुश होकर पी लेते है।

छाछ

बच्चों को ज्यादातर पेट में परेशानियां ज्यादा रहती है साथ ही डिहाइड्रेशन की दिक्कत ज्यादा होने का खतरा होता है ऐसे में आप उन्हें छाछ दें। छाछ पेट में ठंडक होने के साथ शरीर में बहुत से पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। हो सके तो खाने के साथ बच्चों का छाछ जरूर पीलाएं। इससे खाना भी जल्दी से पच जाता है।

खरबूजा, तरबूज और कीवी

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बच्चों को खूब फल खिलाएं इन फलों में पानी को कमी को पूरा करने की क्षमता होती है। कीवी में तो पोटेशियम के साथ और भी पोषक तत्व होते हैं जिससे बच्चों में बीमारियां पनपती नहीं है। खरबूजा और तरबूज तो इस मौसम के फल हैं। इनको चाहे काटकर खिलाएं या पतला सा जूस बनाकर पिलायें, इससे बच्चे डिहाइड्रेशन से बचें रहेंगे।

ओआरएस का घोल

आप बाजार से भी ओआरएस का घोल ले सकते है। लेकिन यदि आप इसे घर में बनाना चाहते है तो इसके लिए एक लीटर पानी उबालरकर उसे ठंडा कर लें अब इसके बाद इसमें आधा छोटा चम्मच सादा नमक और छह चम्मच चीनी डालकर इसे तैयार करें। जब लगे कि बच्चे को डिहाइड्रेशन हो रहा है तो उसे थोड़ा थोड़ा ये घोल पीलाएं।

नारियल पानी

नारियल पानी शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। इससे शरीर में डिहाइड्रेशन नहीं होता है। नारियल पानी में पोटेशियम, सोडियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते है। जो आपके पेट के लिए काफी फायदेमंद है। बच्चा जब स्कूल से आता है तो आप उस समय नारियल पानी उसे दे सकती है।

हल्का खाना और सलाद

इसके ऊपर आपको बेहद गौर करने की आवश्यकता है। क्योंकि गर्मियों में जब आप बच्चे को ज्यादा हैवी खाना खिलाती हैं तो उसे पचाने में काफी समय लगता है। साथ ही शरीर में पेट की समस्या बढ़ जाती है जिससे डिहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप बच्चे को हल्का खाना दें। रात में पतली सी खिचड़ी या दलिया। सुबह पोहा या उत्तपम और दोपहर में तोरी, घीया या मूंग की दाल से रोटी। इससे बच्चा फिट भी रहेगा और उसे पेट की समस्या भी नहीं होगी।

इलेक्ट्रॉल

अगर आपको लग रहा है कि बच्चे को पेट से सम्बन्धित कोई दिक्कत लग रही है तो आप उसे इलेक्ट्रॉल दे सकती है। इससे डिहाइड्रेशन खत्म होता है। इसके लिए आप पूरी एक लीटर पानी की बोतल में इलेक्ट्रॉल का पाउच मिला लें। और उसे थोड़ी थोड़ी देर में उसे देती रहें।

कपड़ों का खास ख्याल रखें

ध्यान रखें कि बच्चों को बहुत ज्यादा हैवी कपड़े नहीं पहनाएं उन्हे थोड़े लाइट फैब्रिक वाले कपड़े साथ ही कॉटन के कपड़े पहनाएं। रंगों पर भी ध्यान दें कि हल्के रंग के कपड़े गर्मियों में ज्यादा सही रहते है। कॉटन के कपड़ों में गर्मी कम लगती है। और पसीने को सोंकते भी है।

टोपी या फिर कॉटन का कपड़ा

ध्यान रहे कि गर्मी का असर या धूप का असर सबसे ज्यादा हमारे सिर पर पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि सिर पर कॉटन की टोपी बच्चे को पहनाकर रखें और यदि बच्चा बार बार उसे फेंक देता है या खेलते समय टोपी गिर जाती है। तो कॉटन के कपड़े को हल्का गिला करके उसके सिर पर बांध दें। इससे उसे लू नहीं लगेगी। वह गर्मी से बचा रहेगा।

(फिजिशियन डी. के. चौहान से बातचीत पर आधारित)