Health Benefits of Changeri
Health Benefits of Changeri

Health Benefits of Changeri: घर के बागीचे, गमलों, खेतों, सड़क किनारे या फुटपाथ, दीवारों पर आए क्रैक में तकरीबन 30 सेंटीमीटर ऊंचाई की जमीन पर फैली हरी घास अक्सर देखने को मिल जाती है। दिल के आकार की 3 पत्तियों वाली और पीले-जामुनी रंग के फूलों वाली यह घास कोई मामूली घास नहीं, एक मेडिसनल हर्ब है। यह है-चांगेरी या चंगेरी हर्ब जिसे आयुर्वेद में इसे अमलिका या अमलपत्तिका के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है इसलिए आम भाषा में इसे खट्टी-मीठी घास भी कहा जाता है। जानकारी के अभाव में अक्सर इसे उखाड़ दिया जाता है, लेकिन यह मामूली-सी घास कई औषधीय गुणों से परिपूर्ण है।

आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल पेट, यूटीआई संक्रमण, एनीमिया, अनिद्रा, अपच, जैसी बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है। 14 हर्ब और गाय के दूध को मिला कर तैयार चांगेरी घृत का उपयोग पंचकर्मा में भी किया जाता है। यह व्यक्ति को स्वस्थ रखने में सहायक है। इसमें हमारे शरीर के लिए जरूरी कैमिकल कंपाउंड भी मिलते हैं। इसमें लिनोनिक, लिनोलेनिक, फार्मेटिक, टारटरिक, सिट्रिक, मैलिक जैसे एसेंशियल एसिड भी मिलते हैं। जिसकी वजह से यह स्वाद में खट्टी होती है। इनके अलावा चंगेरी हर्ब में विटामिन ए, विटामिन बी 9, विटामिन सी, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस आयरन, बीटा कैरोटीन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।

क्या हैं लाभ

  • पेट संबंधी समस्याओं में चांगेरी के पत्तों को पीस कर जूस निकाल लें। 15 मिली जूस में बिना नमक वाली छाछ मिला दें। इस छाछ को दिन में 2 बार पिएं।
  • धनिया-पुदीना के साथ चांगेरी के पत्ते मिलाकर बनी चटनी का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं में राहत पहुंचाता है। इस चटनी में थोड़ा-सा अदरक मिलाकर खाने से भूख न लगने की समस्या दूर होती है।
  • विटामिन सी की कमी से होने वाली स्कर्वी की समस्या में भी सहायक है। चांगेरी के 3-4 पत्ते लेकर मसूड़े या दांतों पर रगड़ें या चबा-चबा कर खाएं।
  • इससे दांतों का पीलापन, या मसूड़ों की पकड़ ढीली होने पर दांत टूटना जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं। इसके पिसे पत्तों में चुटकी भर हल्दी, सेंधा नमक और फिटकरी मिलाकर तैयार मंजन से मसूड़े और दांत मजबूत होते हैं।
  • माइग्रेन या सिर दर्द होने पर चांगेरी के पत्तों को अच्छी तरह घिस लें। इसमें थोड़ा-सा प्याज का रस मिलाकर पेस्ट बना लें। पेस्ट को माथे पर लगाएं। यह पेस्ट सिर की नसों के तनाव को कम करता है और आराम पहुंचाता है।
  • जिन लोगों को कफ की शिकायत रहती है या साइनस है। उनके लिए चांगेरी के पत्तों के पीसकर रस निकाल लें। रस की 3-4 बूंदें दोनों तरफ डालें।
  • मुंह में छाले की समस्या में चांगेरी के पत्तों की चटनी, चाय, जूस का इस्तेमाल करना लाभकारी है।
  • ल्यूकोरिया या रक्त प्रदर की समस्या से ग्रसित महिलाओं के लिए चांगेरी का सेवन लाभकारी है। चांगेरी की पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर सेवन करें।
  • खूनी बवासीर में भी चांगेरी की पत्तियों का सेवन लाभकारी है। या फिर इसकी सूखी पत्तियों का 1-2 ग्राम पाउडर का सुबह-शाम सेवन करें।
  • चोट लगने या कटने पर होने वाले रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है। चांगेरी के पत्तों में थोड़ा-सा पानी मिलाकर बना पेस्ट लगाएं। घाव जल्दी भरता है।
  • त्वचा पर कील-मुंहासे या दाग-धब्बों की समस्या में भी चांगेरी पत्तों का पेस्ट लगाना फायदेमंद है।
  • मस्सो पर इसका पेस्ट दिन में एकाध बार लगाने से कुछ दिन बाद झड़ जाते हैं।
  • चांगेरी के पत्तों को पीसकर बने पेस्ट को चेहरे पर लगाने से झुरियां दूर होती है।

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रखें ध्यान

Changeri Health Tips
Changeri Health Tips

इस्तेमाल करने से पहले आयुवेर्दिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें। चांगेरी की पत्तियों में मौजूद आॅग्ज़िल एसिड शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डालती है। जिसकी वजह से चांगेरी के ज्यादा सेवन से शरीर में कैल्शियम की कमी होने की आशंका बनी रहती है। गर्भावस्था में या क्रोनिक बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को भी चांगेरी हर्ब के सेवन में सावधानी बरतनी जरूरी है।