अपच, ब्लोटिंग, एसिड रिफलक्स, डायरिया या कब्ज, जब भी पेट से संबंधित परेशानी किसी को भी हो जाती है तो वह परेशान हो जाता है। ऐसे में हम सब अमूमन ओवर द काउन्टर मेडिसिन लेते हैं, जबकि इसके लिए हमें मेडिसिन लेने की जरूरत नहीं है। हमारे किचन में ही इन सबका इलाज छिपा है और ऐसा हमारा नहीं आयुर्वेद का कहना है।  

आयुर्वेद में अग्नि को ही जीवन का स्रोत कहा जाता है, जो अच्छे स्वास्थ्य का रक्षक है और हमारे शरीर में होने वाले मेटबॉलिक फंक्शन के लिए जिम्मेदार भी। हम जो भी खाते हैं, वह इस अग्नि को पोषण देने के साथ मजबूत भी करता है। आपके पाचन तंत्र को भी बूस्ट अप करता है या फिर कमजोर करता है। आयुर्वेद के अनुसार, खतरनाक भोजन जैसे तला- भुना फ्राइड फूड, प्रोसेस्ड मीट, बहुत ठंड भोजन टॉक्सिन को उत्पन्न करता है, जिसे आयुर्वेद में ‘आंव’ कहा जाता है। आंव को बीमारी का मूल कारण माना जाता है। यानी के सबसे जरूरी है इस मेटाबॉलिक अग्नि को संतुलित रखना। जब भी हम खाने की अच्छी आदतों के बारे में बात करते हैं, तो अधिकतर आयुर्वेदिक जानकार निम्न सलाह देते हैं –

तभी खाएं जब आपको भूख लगे।

भोजन के बीच में कम से कम तीन घंटों का गैप रखें ताकि पहले वाला भोजन अच्छे से पच गया हो।

ठंडे, गीले, मसालेदार, तेल वाले और फ्राइड फूड का सेवन करके अग्नि को बेवजह भड़काएं नहीं।

पेट से संबंधित आम समस्याओं को ठीक करने के लिए हमारे किचन में कई उपाय मौजूद हैं, जो आयुर्वेद ने भी सुझाए हैं। यहां हम पहले समस्या और फिर उनके उपायों के बारे में जानेंगे।

कब्ज – घी, नमक और गरम पानी

 

घी, नमक और गरम पानी से बना ड्रिंक पेट को ठीक रखता है। घी इन्टेस्टाइन के अंदर तरलता देता है और नमक बैक्टीरिया को दूर भगाता है। घी में बूटीरेट एसिड होता है, जो एंटी- इनफ्लेमेट्री इफेक्ट के साथ एक फैटी एसिड है। यह पाचन में मदद करता है। कब्ज दूर करने के लिए डिनर के बाद एक पके केले का सेवन और फिर उसके बाद गरम दूध या गरम पानी का सेवन कब्ज की समस्या को दूर कर देता है। रात में सोते समय कैस्टर ऑइल का सेवन भी राहत देता है। लेकिन प्रेगनेन्ट महिलाओं, 12 से कम या 60 से ज्यादा की उम्र के लोगों को इसके सेवन से परहेज करना चाहिए। बेहतर तो यह होगा कि आप अपने डॉक्टर से बात कर लें।

कब्ज के लिए रेसिपी

डेढ़ कप गरम पानी में 1 चम्मच घी और आधा चम्मच नमक अच्छे से मिलाएं। इस ड्रिंक को धीमे- धीमे बैठकर पिएं। बेहतर परिणाम तभी मिलेगा जब आप इसे डिनर के एक घंटे बाद पियेंगे।

ब्लोटिंग – गरम पानी और सौंफ या अदरक

 

ब्लोटिंग में मदद करने के लिए गरम पानी के साथ किसी भी चीज का सेवन मददगार है। लेकिन खाना खाने के बाद गरम पानी के साथ सौंफ का सेवन पाचन प्रक्रिया को सुधारता है और गैस के साथ ब्लोटिंग को कम करता है। यदि आप पानी नहीं गरम कर सकते हैं तो सिर्फ कुछ सौंफ को चबाने से भी मदद मिलेगी।

ब्लोटिंग के लिए रेसिपी

1 कप उबले पानी में 1 चम्मच सौंफ डालें। आप इसमें अदरक और एक चुटकी हिंग एवं काला नमक भी मिलाएं। अपने भोजन के बाद इसे धीरे- धीरे पिएं।

एसिड रिफ्लक्स – सौंफ, तुलसी के पत्ते, मसाले, नारियल पानी और छाछ 

 

एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए सौंफ, तुलसी की पत्तियां और लौंग बहुत कारगर है। इसे आपको हल्के से अपने मुंह में चबाते रहना है। ऐसी कोई भी चीज, जो आपके मुंह में सलाइवा को बढ़ाएं, पेट में एसिडिटी को संतुलित करता है। नारियल पानी या छाछ भी बहुत फायदा करता है। छाछ पेट को सूद करता है, पाचन को दुरुस्त रखता है और एसिड रिफ्लक्स के कारण को कम करता है।

एसिड रिफ्लक्स के लिए रेसिपी

एक चौथाई कप दही में तीन चौथाई कप पानी डालकर अच्छे से मिलाएं। इसमें 1 चम्मच काला नमक, चुटकी भर भुना जीरा पाउडर, बारीक कसा अदरक और ताजी धनिया पत्तियां मिलाकर पी लें।

डायरिया – लौकी

 

कम लोग ही जानते हैं कि लौकी डायरिया के इलाज में अहम भूमिका निभाता है। आप इससे सूप, सब्जी (टमाटर के साथ) या स्टू बनाकर चावल के साथ खा सकते हैं। इसमें फाइबर और पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिसे पचाना आसान है। इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है और यह पेट के लिए बहुत हल्का होता है। डायरिया के समय डिहाइड्रेशन बहुत जरूरी है, इसलिए आपको खूब सारा तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए। सादा पानी सही है लेकिन आप छाछ या फलों का जूस, खासकर सेब और अनार का जूस या फिर अदरक वाली चाय पी सकते हैं। अदरक पाचन को सही करता है और उसमें बहुत सारे एंटी- ऑक्सीडेंट भी हिते हैं, जो बॉडी को रिहाइड्रेट करता है और पोषण देता है।

डायरिया के लिए रेसिपी

डेढ़ कप पानी में 1 इंच अदरक कस कर डालें। इसमें थोड़ा सया सौंफ डालें और उबाल जाने के बाद चुटकी भर हल्दी पाउडर डालें। इसे छान कर पी लें।

अपच – पकी हुई सब्जियां और सूप

 

यदि आपका पेट खराब है तो आप यह सोचें कि पिछले 24 से 48 घंटों में आपने क्या खाया है। अपच होने पर आपको डेयरी या चावल, कच्ची सब्जियां और ऐसी कोई भी चीज न खाएं, जिसको पचाना पेट के लिए मुश्किल हो। इसलिए अपच की स्थिति में पकी हुई सब्जियां, जो उबली हों या हल्के फ्राई की हुई हों, को खाना चाहिए। इनमें वही मसाले मिलाएं, जो पाचन को दुरुस्त करते हों। अदरक, दालचीनी, काली मिर्च जैसे मसाले सही हैं। आप चाहें तो बराबर मात्रा में प्याज का जूस और शहद मिलाकर पी सकते हैं। या फिर अदरक के पेस्ट के साथ छाछ मिलाकर पीने से भी आराम मिलेगा।

अपच के लिए रेसिपी

3- 4 लौंग, 10- 12 तुलसी की पट्टईयां और एक चौथाई कप व्हीटग्रास जूस को मिला लें। इसे दिन में एक बार पिएं।

 

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