आयुर्वेद के अनुसार नहाने का सही समय और फायदे
आयुर्वेद में नहाने का सही समय और सही तापमान का काफी महत्व बताया गया है जिसे अपनाने से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते है। वहीं नहाने के पानी में कई तरह की जड़ी बूटियों का प्रयोग कई तरह की बिमारियों को दूर भगाता है। चलिए आज हम आपको आयुर्वेद के अनुसार बताये गये नियम और उसके फायेदे के बारे में बताते है।
Rules of Ayurvedic Bathing: नहाना शरीर के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। नहाने से न सिर्फ शरीर की गंदगी साफ़ होती है बल्कि स्ट्रेस को कम, मन को तरोताजा और शरीर की मांसपेसियों और नसों को आराम भी देता है। आप किस समय और कैसे नहा रहे है ये आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। इसीलिए आयुर्वेद में नहाने का सही समय और सही तापमान का काफी महत्व बताया गया है जिसे अपनाने से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते है। वहीं नहाने के पानी में कई तरह की जड़ी बूटियों का प्रयोग कई तरह की बीमारियों को दूर भगाता है। चलिए आज हम आपको आयुर्वेद के अनुसार बताये गये नियम और उसके फायदे के बारे में बताते है।
आयुर्वेद के अनुसार नहाने का सही समय

आयुर्वेद के मुताबिक एक स्वास्थ्य शरीर के लिए सूर्योदय के तुरंत बाद पेट साफ़ होने और दांत साफ़ करने के बाद नहाना और इसके बाद सूर्यास्त के समय भी नहाने से आपको लाभ मिलता है। वहीं अगर आप शाम को हल्के गुनगुने पानी से नहाते है तो वो आपके स्ट्रेस को कम करने में अच्छी भूमिका निभाता है। इसके साथ ही दिन भर की थकान भी दूर हो जाती है और एक अच्छी नींद आती है।
शरीर को लाभ पहुँचाने के लिए नहाते समय और नहाने से पहले क्या काम करें।
तेल मालिश

नहाने से पहले अगर शरीर पर तेल से मालिश की जाती है तो शरीर के मांसपेशियों को इससे बहुत लाभ मिलता है। मालिश के लिए आप सरसों, तिल, नारियल और बादाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते है। ज्यादातर आपने देखा होगा कि नवजात बच्चों को कई बार मालिश के बाद ही स्नान कराया जाता है। जिससे उसके शरीर का अच्छा विकास हो।
जड़ी बूटियों से भी मिलता है लाभ

आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में किसी के पास इतना समय नहीं है लेकिन पुराने समय में भी नहाने से पहले कई तरह की जड़ी बूटियों के पाउडर को शरीर पर रगड़ा जाता था। इसके बाद ही स्नान किया जाता था। इससे कई तरह के रोग शरीर को छू भी नहीं पाते है।
जड़ी बूटियों को कैसे बनाया जाता है

नहाने के समय आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को बनाने के लिए बेसन, मूंग की दाल, हल्दी गुलाब की पत्तियां, चन्दन और नीम के पत्तों की आवश्यकता होती है। इन सभी को अच्छे से सुखाकर और पीसकर एक अच्छा से पेस्ट बना दिया जाता है। जिसे लगाने से न सिर्फ आप कई तरह की बिमारियों से बचते है बल्कि इसके इस्तेमाल से आपका सौन्दर्य भी बढ़ता है। स्किन में निखार आता है।
नहाने के पानी का सही तापमान

आयुर्वेद के अनुसार स्नान के अच्छे लाभ के लिए हमेशा ही गुनगुने पानी से नहाने की सलाह दी जाती है। हालाँकि बालों और आँखों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सामान्य तापमान के पानी से सर को धोने की भी सलाह दी जाती है।
प्रातःकाल नहाने से होने वाले फायदे

आयुर्वेद के अनुसार रोजाना प्रातःकाल नहाने की सलाह दी जाती है। सुबह जल्दी नहाने से आपको कई तरह के फायेदे भी मिलते है। सोकर उठने के बाद नहाने से शरीर का आलस दूर हो जाता है और आपका शरीर चुस्त पुस्त पूरे दिन काम करता है। इसके साथ ही आपके शरीर की मांसपेशियां भी एक्टिव हो जाती है जो आपको पूरे दिन तरोताजा बनाये रखती है।
