गांठ गोभी(Ganth Gobi), नाम से यह जरूर सुनने में थोड़ा अलग लगता है लेकिन इतना जरूर समझ में आ जाता है कि यह एक सब्जी है। यूरोप और एशिया में इसके खूब खाया जाता है। अपने यहां कश्मीरी कुजीन में इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। कश्मीर में इसे मोंज- हख कहा जाता है। मोंज गोल वाला हिस्सा और हख इसके पत्ते वाले हिस्से को कहा जाता है। यह सदियों से जर्मनी कुजीन का भी हिस्सा रहा है।
उत्तरी भारत के अन्य हिस्सों में इसे कुछ लोग गांठ गोभी कहते हैं तो कुछ नोल खोल भी कहते हैं। इसे कच्चा भी खाया जाता है और पका कर भी। इसकी गांठ से भी डिश बनाई जाती है और पत्तों से भी। कुछ लोग इसे आलू के साथ बाकी गोभी के तरह पका कर खाते हैं तो कुछ इसके पत्तों का उपयोग सलाद में खूब करते हैं। इसका टेक्सचर ब्रोकोली और पत्ता गोभी से मिलता- जुलता है लेकिन यह स्वाद में थोड़ा मीठा होता है। इसकी गांठ एकदम गाजर या ब्रोकोली जैसी होती है लेकिन पत्ते काले या पालक की तरह। अब आप सोच रही होंगी, आज हम गांठ गोभी के बारे में इतनी बातें क्यों कर रहे हैं तो आपको बता दें कि गांठ गोभी के इतने फायदे हैं जिनके बारे में आपने कभी सुना नहीं होगा। यह हमारी हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है, इसलिए हमें इसका सेवन जरूर करना चाहिए। तो, आज हम गांठ गोभी या मोंज- हख के हेल्थ बेनेफिट्स के बारे में बाते करते और जानते हैं।

गांठ गोभी के न्यूट्रिशन फैक्ट्स
गांठ गोभी में कई न्यूट्रिएन्ट्स और मिनरल्स होते हैं। यूएसडीए नेशनल न्यूट्रिएन्ट बेस के अनुसार, गांठ गोभी में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम के साथ ही विटामिन सी, बी- कॉम्प्लेक्स, विटामिन ए, विटामिन के होता है। साथ ही, यह डाइटरी फाइबर में हाई भी होता है। इसमें फाइटोकेमिकल्स और कई कैरोटीन जैसे एंटी- ऑक्सीडेंट कम्पाउंड्स होते हैं।
प्रचुर मात्रा में एंटी- ऑक्सीडेंट
गांठ गोभी में कई तरह के एंटी- ऑक्सीडेंट मिलते हैं। इसमें विटामिन सी, एंथोसियानिंस, इसोथियोसाइनाइट्स भी होते हैं। ये प्लांट कम्पाउंड्स हैं, जो आपके सेल्स को रेडिकल डैमेज से बचाते हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं।
हेल्दी गट को करता है प्रमोट
गांठ गोभी में फाइबर बहुत होता है। आपको एक दिन में जितना फाइबर चाहिए, उसका करीब 20% आपको इस सब्जी के एक कप से मिल सकता है। हेल्दी गट बैक्टीरिया का मुख इंधन स्रोत फाइबर है, जो शॉर्ट चेन फैटी एसिड्स का उत्पादन करता है। यह आपके हेल्दी गट बैक्टीरिया के सेल्स को नरिश करता है और ह्रदय रोग एवं मोटापे से आपको सुरक्षित रख सकता है।
ह्रदय रोगों से रखे सुरक्षित
गांठ गोभी में ग्लूकोसिनोलेट्स और इसोथियोसाइनाइट्स नामक प्लांट कम्पाउंड्स होते हैं। ब्लड वेसल्स को चौड़ा करने और सूजन को कम करने की इस कम्पाउंड की क्षमता की वजह से हाई ग्लूकोसिनोलेट्स इनटेक को ह्रदय रोग के कम जोखिम से जोड़ा जाता है। इसोथियोसाइनाइट्स में एंटी- ऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपकी आर्टरीज में प्लाक के निर्माण को रोकते हैं।
हेल्दी इम्यून सिस्टम को मेंटेन करता है
गांठ गोभी में विटामिन बी6 बहुत ज्यादा होता है, जो प्रोटीन मेटाबॉलिज्म, रेड ब्लड सेल डेवलपमेंट और इम्यून फंक्शन के लिए जरूरी है। यह विटामिन सी का भी बेहतरीन स्रोत है, जो व्हाइट ब्लड सेल फंक्शन को सपोर्ट करता है और आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है।
वेट मैनेजमेंट में मददगार
गांठ गोभी की गांठ यानी गोल वाला हिस्सा, वेट लॉस करने वालों के लिए बहुत अच्छा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह पेट को भरा होने का अहसास दिलाता है और इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है।
पाचन करता है दुरुस्त
अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों की तरह गांठ गोभी अधिक फाइबर युक्त होने की वजह से आपके पाचन को दुरुस्त रखता है। अगर किसी को कब्ज की समस्य अहै तो उसे गांठ गोभी खानी चाहिए।
एनर्जी को करता है बूस्ट
गांठ गोभी में पोटैशियम भी खूब होता है, जो हमारी मांसपेशियों और नर्व बिहेवियर को दुरुस्त रखता है। यह हमें हिलने- डुलने, सांस लेने, प्रतिक्रिया देने और हर क्रिया में मदद करता है। इसलिए अगर आप गांठ गोभी को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो यह आपको पूरे दिन एनर्जेटिक, अलर्ट और बढ़िया शेप में रखने में मदद करता है।
ब्लड प्रेशर करता है रेग्युलेट
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डॉ जियांग हे ने अपनी स्टडी में पता लगाया कि पोटैशियम एनर्जी लेवल को बढ़ाने के साथ ही वैसोडिलेटर की तरह भी काम करता है। यह ब्लड वेसल्स और आर्टरीज के टेंशन को हल्का करके कार्डियोवस्कुलर सिस्टम पर भार को कम करता है। यह पूरी बॉडी में सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
एनीमिया को करता है दूर
गांठ गोभी में आयरन भी होता है। आयरन बॉडी में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाता है, जो हमें एनीमिया से दूर रखने में सहायक है।
आंखों की देखभाल
क्लिनिकल इंटरवेंशन्स जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, गांठ गोभी कैरोटीन का एक बढ़िया स्रोत है, जिसमें बीटा- कैरोटीन भी शामिल है। यह हमारी बॉडी में एंटी- ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है, खासकर ऑक्यूलर क्षेत्र में। इसमें व्याप्त विटामिन ए मकुलर डिजेनरेशन से बचाता है और कैटेरैक्ट्स के दिखने को हटाता है।
एंटी- कैंसर गुण
प्रीवेंटिव न्यूट्रिशन एंड फूड साइंस जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, गांठ गोभी का सेवन केन्सा के विकास को रोक सकता है क्योंकि इसमें इसोथियोसाइनाइट्स, सल्फोराफेन और इंडोले-3-कार्बिनूल नामक फाइटोकेमिकल्स होते हैं।
कैसे शामिल करें गांठ गोभी को अपनी डाइट में
आप गांठ गोभी को मूली की तरह किसी भी सलाद में शामिल कर सकते हैं। चाहें तो इसे कस कर या फिर स्लाइस में काटकर। अच्छे स्वाद के लिए थोड़ा ऑलिव ऑयल और सी सॉल्ट मिला लें। किसी भी वेजीटेबल सूप में आप इसे मिला सकते हैं। आप इसका स्वाद क्रीमी सूप की तरह भी ले सकते हैं, जिसमें थोड़ा मसाले मिला लें ताकि इसका मीठापन थोड़ा कम हो जाए। अगर आप बच्चों को गांठ गोभी खिलाना चाहती हैं तो इसके फ्राइड ऑमलेट बना लें। इसे कस लें, फिर इसमें अंडे और ब्रेडक्रम्स मिला लें। अब जैसे ऑमलेट बनाती हैं, वैसे ही इसे दोनों ओर से सुनहरा होने तक सेंक लें।
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