Overview: हर दिन इस्तेमाल हो रहा है यह 'स्लो पॉइज़न', डॉक्टर ने बताई सच्चाई
रिफाइंड ऑयल भले ही किचन में आम हो गया हो, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी उतने ही गहरे हैं। डॉक्टरों की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करना हमारी सेहत के लिए भारी पड़ सकता है। सेहतमंद विकल्पों की ओर कदम बढ़ाएं और खुद को धीरे-धीरे ज़हर के सेवन से बचाएं।
Refined Oil Warning: हममें से ज़्यादातर लोग हेल्दी समझकर या फिर विज्ञापनों के प्रभाव में आकर रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिसे आप बेहतर विकल्प मान रहे हैं, वो आपकी सेहत को अंदर से खोखला कर रहा है? डॉक्टरों की मानें तो रिफाइंड तेल में ऐसे रासायनिक तत्व होते हैं जो धीरे-धीरे शरीर में ज़हर की तरह असर करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे रिफाइंड ऑयल बनता है, इसमें क्या नुकसान छुपे होते हैं और इसके क्या विकल्प हैं।
रिफाइंड ऑयल क्या होता है और कैसे बनता है?
रिफाइंड ऑयल प्राकृतिक तेल नहीं होता। इसे कच्चे तेल से केमिकल प्रोसेस, हाई टेम्परेचर और ब्लीचिंग एजेंट्स की मदद से बनाया जाता है ताकि इसकी स्मेल और रंग को हटाया जा सके। यह प्रोसेस तेल को आकर्षक जरूर बनाता है, लेकिन पोषण पूरी तरह नष्ट हो जाता है।
डॉक्टरों की चेतावनी: इसे कहा गया ‘स्लो पॉइज़न’

कई डॉक्टर और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिफाइंड तेल शरीर में धीरे-धीरे टॉक्सिन्स जमा करता है। इससे मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और हार्मोनल असंतुलन, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ओमेगा-6 फैटी एसिड की अधिकता बन सकती है खतरा
रिफाइंड तेलों में ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ाता है। अगर डाइट में ओमेगा-3 की भरपाई न हो, तो यह असंतुलन दिल की बीमारियों और अन्य क्रॉनिक डिजीज़ को न्योता देता है।
ट्रांस फैट और बाय-प्रोडक्ट्स से होता है डबल नुकसान
रिफाइनिंग प्रक्रिया में ट्रांस फैट और अन्य हानिकारक तत्व बनते हैं। ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बिगाड़ते हैं और धमनियों को ब्लॉक करने का काम करते हैं। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका को बढ़ा सकते हैं।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज़्यादा खतरनाक
रिफाइंड ऑयल का असर बच्चों की ग्रोथ और इम्युनिटी पर भी पड़ता है। वहीं बुजुर्गों के लिए यह पाचन तंत्र, हड्डियों और दिल की सेहत को खराब करने वाला साबित हो सकता है। खासकर जब इसे रोज़ाना इस्तेमाल किया जाए।
क्या हैं सेहतमंद विकल्प?
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल, घी, नारियल तेल, सरसों का तेल या ऑलिव ऑयल जैसे विकल्प चुनें। ये नेचुरल होते हैं और इनका पोषण भी बरकरार रहता है। साथ ही, इनके एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।
जागरूकता ही है पहला कदम
कभी-कभी बदलाव छोटा होता है लेकिन असर बड़ा। रिफाइंड तेल से दूरी बनाकर और सेहतमंद विकल्प अपनाकर हम खुद को और अपने परिवार को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। अब समय आ गया है कि हम खाने को स्वाद नहीं, सेहत के नज़रिए से देखें।
