गर्भावस्था के दौरान हर एक छोटी चीज का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। चाहे वह एंटीबायोटिक्स का सेवन ही क्यों ना हो। महिलाओं के खान-पान से लेकर दवाओं में देखभाल की सलाह दी जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर ही महिलाओं को कई तरह की विटामिन और कैल्शियम की दवाओं के साथ Antibiotics दवा लेने की सलाह दी जाती है। जिससे उनके आने वाले बच्चे के स्वास्थ पर बुरा असर ना पड़े।
देखा जाए तो एंटीबायोटिक्स किसी भी तरह के वायरल और बैक्टीरियल इन्फेशन को रोकने के लिए कारगर है। आमतौर पर एंटीबायोटिक्स सभी के लिए निर्धारित होती है, जिसे डॉक्टर खुद सजैस्ट करते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान आपको भी इसके विषय में जानकारी होनी चाहिए कि, ये आपके लिए सही है भी या नहीं।
Antibioticsक्यों है जरूरी
आमतौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं के जहन में ये सवाल भी आता ही होगा कि, आखिर इस समय एंटीबायोटिक्स की जरूरत क्यों होती हैं। आपको बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस वजह से महिलाओं को संक्रमण का खतरा भी ज्यादा हो जाता हैं। ऐसे में दवाओं की जरूरत हो सकती है। अगर अपने सही इस्तेमाल किया है तो, ये आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
कितनी है सुरक्षित प्रेगनेंसी में

प्रेगनेंसी के दौरान सिचुएशन के मुताबिक अलग-अलग दवाओं होती हैं। रिसर्च में भी कहा गया है कि कुछ एंटीबायोटिक्स बच्चे के लिए सुरक्षित होते हैं, लेकिन मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। इसके सही इस्तेमाल के लिए डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी महिला की स्थिति के बारे में पूरी तरह से पता लगाकर ही दवा लिखी जाती हैं। वैसे भी दवा स्थिति के अनुसार दी जाती है। अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग दवा होती हैं। इन दवाओं का साइड इफेक्ट इनकी मात्रा पर और कितने लंबे समय से यह ली जा रही हैं इस बात पर भी निर्भर करता है।
कैसे करें पता, कितनी है सुरक्षित
ये सवाल सबसे आम है कि, एंटीबायोटिक्स की सुरक्षा के बारे में कैसे सुनिश्चित किया जाए। जानकारों के मुताबिक प्रेगनेंसी में कईं श्रेणियां निर्धारित की गयी हैं। जिसमें ए और बी की दवाएं काफी सुरक्षित मानी जाती हैं।
प्रेगनेंसी में कैसे अवॉइड करें दवाएं

कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं, जिनमें दवाओं का इस्तेमाल बेहद जरूरी हो जाता है। लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि, इससे जुड़े कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं, जिससे शरीर बीमार हो सकता हैं। बता दें कैटेगरी डी की एंटीबायोटिक्स दवाएं पूरे नौ महीनों तक परेशानी का सबब बन सकती हैं। जैसे कि पट मायसिन, टेटरासाइक्लिन, माइनोसिलिन आदि
संक्रमण से बचाए एंटीबायोटिक्स

- प्रेगनेंसी के दौरान संक्रमण होना आम बात है, इससे निपटने के लिए दवा काफी मददगार हो सकते हैं। जो आम संक्रमण हैं, उनके बारे में भी जान लेते हैं।
- योनी के संक्रमण से बचने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन अक्सर प्रेगनेंसी में होने की सम्भावना हो जाती है। इससे एंटीबायोटिक्स आपको निजात दिलाती है।
सावधानी बरतनी जरूरी
- जानकारों की मानें तो प्रेगनेंसी के दौरान दवाओं को लेकर काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। आपको कुछ दिशानिर्देशों का भी पालन करना चाहिए।
- एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल तभी करें, जब जरूरी हो।
- अगर गम्भीर बिमारी ना हो तो एंटीबायोटिक्स ना लें।
- अगर एंटीबायोटिक्स ले रही हैं, तो साथ में वायरल इन्फेक्शन का इलाज ना करें।
- प्रेगनेंसी के पहली तिमाही के दौरान भूलकर भी एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल ना करें।
प्रेगनेंसी के दौरान दवा एंटीबायोटिक्स हो या कोई और, आप खुद से दवा का इस्तेमाल ना करें। आप किसी डॉक्टर से इसके लिए सम्पर्क कर सकती हैं। प्रेगनेंसी सही रहे और आने वाला बच्चा सुरक्षित रहे, इसके लिए वही दवाएं खायें जो आपके लिए निर्धारित की गयी हैं।
