No Smoking Day- स्मोकिंग एक बुरी आदत है, जो स्मोक करते हैं उनके लिए भी और जो नहीं करते वह भी इसके प्रभाव से बच नहीं पाते। एक सिगरेट में 5000 से भी ज्यादा केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसी स्थिति कैंसर और हार्ट डिजीज को बढ़ावा देती है। एक्टिव स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग के बारे में तो हर कोई जानता है। लेकिन थर्ड हैंड स्मोक के बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी है। इसलिए थर्ड हैंड स्मोकिंग का ज्यादातर लोग आसान शिकार बन रहे हैं, इनमें बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। थर्ड हैंड स्मोकिंग उतनी ही खतरनाक है जितनी एक्टिव और पैसिव स्मोकिंग। थर्ड हैंड स्मोकिंग मानव के डीएनए संरचना को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। क्या है थर्ड हैंड स्मोकिंग और इससे बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या होता है थर्ड हैंड स्मोक

जब कोई स्मोकिंग करता है तब उसके पीछे छूट गए अवशेषों को थर्ड हैंड स्मोक कहते हैं। स्मोकिंग वाली जगह की प्रत्येक सतह पर सिगरेट का धुआं और उससे निकलने वाले हानिकारक तत्व चिपक जाते हैं। सिगरेट के धुएं के अवशेष त्वचा, बाल, कपड़ों, फर्नीचर, बच्चों के खिलौने और फ्लोर हर जगह चिपक जाते हैं। स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति की स्किन और कपड़ों पर निकोटिन और अन्य हानिकारक केमिकल्स के अवशेष लंबे समय तक चिपके रहते हैं।
इन अवशेषों को ही थर्ड हैंड स्मोक कहा जाता है। इसका मतलब है कि भले ही कोई व्यक्ति घर से बाहर सिगरेट पीकर आए, लेकिन फिर भी शिशु और बच्चे उसकी चपेट में आ सकते हैं। जो व्यक्ति इन अवशेषों के संपर्क में आते हैं, वो भी इनका शिकार आसानी से बन जाता है। खासकर बच्चे इसके बहुत आसान शिकार होते हैं। थर्ड हैंड स्मोक से बच्चों में सांस की बीमारियों के साथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।
बच्चों के लिए क्यों खतरनाक है थर्ड हैंड स्मोकिंग

शिशुओं और बच्चों के लिए थर्ड हैंड स्मोकिंग खतरनाक होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिशुओं और बच्चों में बड़ों की तुलना में श्वास नलिका छोटी होती है। इसके अलावा शिशुओं और बच्चों का इम्यून सिस्टम भी डेवलपिंग स्टेज में होता है, इसलिए ज्यादा मजबूत नहीं होता। इसके अलावा बच्चे बहुत अधिक समय तक फ्लोर पर ही रहते हैं, वे अपने हाथ और खिलौने फ्लोर पर रखते हैं और बाद में उन्हें अपने मूहं में डालते हैं। इसका मतलब है कि वह फ्लोर और अन्य सरफेस पर थर्ड हैंड स्मोक के जरिये जहरीली सांस ले रहे हैं।
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बच्चों के स्वास्थ्य को पहुंचता है नुकसान

थर्ड हैंड स्मोकिंग करने वाले बच्चों में समय से पहले मरने और अन्य बीमारियों का शिकार बनने का जोखिम अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा होता है। थर्ड हैंड स्मोकिंग से बच्चे की सांस लेने और हार्ट में समस्या हो सकती है। अगर पेरेंट्स प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करते हैं तब उनके बच्चे की हेल्थ को ज्यादा जोखिम होता है। थर्ड हैंड स्मोकिंग से बच्चों की श्वास नली में सूजन और खुजली हो सकती है। इससे उनके लंग्स में समस्या हो सकती है। इसके अलावा उन्हें अस्थमा, ब्रोनकाइटिस, चाइल्डहूड कैंसर, ल्यूकैमिया, ईयर इनफेक्शन, मेनिंगगोकोकल रोग, मेनिनजाइटिस, सेप्टीसेमिया, निमोनिया, टोनसीलाइटिस आदि बीमारियां भी हो सकती हैं।
थर्ड हैंड स्मोकिंग से बच्चों को रखें दूर

अपने बच्चे को थर्ड हैंड स्मोकिंग से बचाने का सबसे अच्छा और प्रभावी तरीका है कि आप धूम्रपान करना छोड़ दें। आपके इस कदम से बच्चा अपने आप थर्ड-हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने से बच जाएगा। अगर आप धूम्रपान नहीं छोड़ सकते या आपके घर में कोई और भी धूम्रपान करता है, तब भी कई ऐसे उपाय हैं जिनका अपनाने से बच्चे के लिए जोखिम को कम किया जा सकता है। आपको सबसे पहले ये सुनिश्चित करना होगा कि आपके घर या कार में कोई भी धूम्रपान न करे। आपको अपने आप से खुद और अपने परिवार के अन्य सदस्यों, दोस्तों, केयरटेर्क्स और मेहमानों को भी ऐसा करने के लिए कहना होगा। आप इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे के आसपास कोई भी धूम्रपान न करे। बच्चों को थर्ड-हैंड स्मोक से बचाने का एक ही तरीका है कि घर और कार को स्मोक-फ्री बनाया जाए।
