मौसम बदलने का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होता है। वे इसकी चपेट में सबसे पहले आते हैं। नाक बहना, थकान होना, गले में खराश, हल्का बुखार आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके लिए एलोपैथी दवा लेने से बेहतर है कि कुछ घरेलू उपाय अपनाएं जाएं ताकि बच्चे पर इसका विपरीत असर न पड़ें।
घरेलू उपाय
- बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद गुनगुना पानी पिलाएं। इससे बंद नाक व गले में होने वाली खराश से राहत मिलेगी।
- आधा चम्मच शहद में 3-4 बूंदे अदरक का रस मिलाकर पिलाने से गले में आराम पहुंचेगा।
- 3-4 चम्मच राई में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें और फिर इस लेप को बच्चे की छाती पर लगाएं इससे जमे हुए कफ में राहत मिलती है और नाक भी खुल जाती है।
- लहसुन की दो कलिया और 1 टेबलस्पून अजवाइन को तवे पर भूनें। ठंडा होने पर कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इस पोटली को सोते समय बच्चे के सिरहाने रखें। इससे बंद नाक और छाती में जमा कफ में आराम मिलता है।
- रात को सोने से पहले बच्चे को हल्दी का दूध दें, इससे जुकाम में फायदा होगा। अगर बच्चे को हल्दी की स्मैल आती है तो घी में हल्दी को हल्का सा चलाकर फिर दूध में डालने पर हल्दी की स्मैल नहीं आएगी।
इन पर भी ध्यान दें
-इस बदलते मौसम में गर्मी से आकर एकदम फ्रिज का पानी न पियें, क्योंकि यही सर्दी-जुकाम की असली वजह बनता है।
-इसके अलावा बाहर गर्मी से आकर एकदम से एसी चलाकर बैठना भी सर्दी लगने की बड़ी वजह है, इससे बचें।
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