Boost Immunity during High AQI: इन दिनों AQI तेजी से बढ़ा है। ऐसी हवा हमारे फेफड़ों और सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
सर्दियों का मौसम वैसे भी वायरल इंफेक्शन, सर्दी-खांसी और बुखार लेकर आता है, ऊपर से हवा में फैला प्रदूषण यानी हाई AQI स्थिति को और बिगाड़ देता है। ऐसे समय में घर की महिलाएं परिवार
की हेल्थ का सबसे ज्यादा ध्यान रखती हैं। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए वे कई घरेलू नुस्खे अपनाती हैं, जैसे- काढ़ा बनाना, च्यवनप्राश देना, खजूर, गुड़ और ड्राई फ्रूट्स खिलाना आदि। आइए जानते हैं कि ऐसे मौसम में आप अपने परिवार की सुरक्षा और सेहत के लिए क्या-क्या कर सकती हैं-
काढ़ा पिलाएं- गले और फेफड़ों को दें गर्माहट और सुरक्षा
सर्दियों में और खासकर जब AQI बढ़ा हो, काढ़ा शरीर को अंदर से गर्म रखने और संक्रमण से बचाने में मदद करता है। तुलसी, अदरक, लौंग, दालचीनी और काली मिर्च जैसे मसालों से बना काढ़ा गले में जमा कफ को कम करता है और सांस लेने में आसानी देता है। बच्चों को हल्का काढ़ा, जबकि बड़ों को थोड़ा अधिक स्ट्रॉन्ग काढ़ा दिया जा सकता है। इसे रोज सुबह या रात को सोने से पहले दिया जाए तो सर्दी-जुकाम और गले की खराश से राहत मिलती है।
च्यवनप्राश- इम्यून और रेस्पिरेटरी सपोर्ट
च्यवनप्राश लंबे समय से घरों में इम्युनिटी बढ़ाने का पारंपरिक तरीका रहा है। इसमें आंवला, गिलोय, शतावरी और कई आयुर्वेदिक जड़ीबूटियां होती हैं, जो फेफड़ों और श्वसन तंत्र को
मजबूत बनाती हैं।
यह हाई AQI वाले दिनों में शरीर को रेस्पिरेटरी सपोर्ट दे सकता है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता
बढ़ाने में मदद करता है। च्यवनप्राश सुबह दूध या पानी के साथ देने से बच्चों और बड़ों- दोनों
की इम्युनिटी बेहतर होती है।
खजूर, गुड़ और ड्राई फ्रूट्स- सर्दियों के पौष्टिक सुपरफूड्स
घर की महिलाएं अक्सर इस मौसम में खजूर, गुड़, बादाम और अखरोट का सेवन बढ़ा देती हैं। ये न सिर्फ शरीर को गर्म रखते हैं, बल्कि जरूरी मिनरल और विटामिन भी देते हैं। खजूर में आयरन और फाइबर भरपूर होते हैं, जो बच्चों की कमजोरी और थकान दूर करने में मदद करते हैं। बादाम और अखरोट फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं और स्मॉग वाले दिनों में शरीर को अतिरिक्त पोषण देते हैं। इन्हें सुबह नाश्ते में या स्कूल जाते समय बच्चों के टिफिन में शामिल किया जा सकता है।
स्टीम देना- नेजल कंजेशन से राहत
AQI बढ़ने पर कई लोगों को नाक बंद होना, सांस में भारीपन और गले में जलन जैसी समस्या होने लगती है। ऐसे में एक छोटा-सा उपाय बहुत लाभ देता है- स्टीम। गरम पानी की भाप लेने से नाक में जमा धूल और कण बाहर निकलते हैं और सांस लेने में आराम मिलता है। बच्चों को 2-3 मिनट की हल्की स्टीम और बड़ों को 5 मिनट की स्टीम दी जा सकती है।
अगर गले में कफ जम गया हो तो स्टीम बाकी दवाइयों की तुलना में ज्यादा जल्दी असर
दिखाती है।
घर को प्रदूषण-मुक्त रखने के घरेलू उपाय
1.महिलाएं घर को साफ-सुथरा और हेल्दी रखने के लिए पहले से सतर्क रहती ही हैं।
लेकिन जब AQI बढ़ा हो, तब यह सावधानी और भी जरूरी हो जाती है।
2. दरवाजे और खिड़कियां सुबह के समय कम से कम खोलें, क्योंकि बाहर प्रदूषण सबसे
ज्यादा होता है।
3. घर में गुड़हल, स्नेक प्लांट, मनी प्लांट जैसे इनडोर पौधे रखें- ये हवा को कुछ हद तक
साफ करने में मदद करते हैं।
4. पर्दों, सोफों और कारपेट की नियमित सफाई करें ताकि उनमें जमा डस्ट पार्टिकल्स हवा में न
फैलें।
5. यह छोटे-छोटे उपाय बच्चों और बुजुर्गों को सांस संबंधी दिक्कतों से बचाते हैं।
बाहर निकलते समय अपने परिवार को दें सुरक्षा
1. महिलाएं अपने परिवार का ध्यान न सिर्फ घर के अंदर, बल्कि बाहर निकलते समय भी
रखती हैं।
2. बच्चों और बड़ों को अच्छी क्वालिटी वाले मास्क पहनाएं।
3. सुबह के समय जब स्मॉग सबसे अधिक होता है, तब नियमित वॉक या आउटडोर खेलों
से बचें।
4. पानी खूब पिलाएं, क्योंकि शरीर हाइड्रेटेड रहेगा तो प्रदूषित हवा का असर कम होगा।
5. घर लौटने के बाद चेहरे को धोना और कपड़े बदलना- दोनों आदतें बेहद फायदेमंद हैं।
6. यह सभी सावधानियां परिवार को प्रदूषण के असर से बचाने में बड़ी भूमिका निभाती हैं।
सर्दियों और बढ़ते AQI के बीच घर की महिलाओं की भूमिका सबसे बड़ी होती है। वे न सिर्फ काढ़ा, च्यवनप्राश, खजूर जैसे पौष्टिक विकल्प देकर परिवार की इम्युनिटी बढ़ाती हैं, बल्कि घर को साफ और सुरक्षित रखकर बच्चों-बुजुर्गों की देखभाल भी करती हैं। हालांकि च्यवनप्राश और घरेलू नुस्खे शरीर का नेचुरल सपोर्ट बढ़ाते हैं, लेकिन मास्क पहनना, एयर प्योरीफायर का उपयोग और सेफ्टी नियमों का पालन अभी भी अनिवार्य है। थोड़ी-सी सावधानी और अच्छे खानपान के साथ आप
इस मौसम में अपने परिवार को पूरी तरह सुरक्षित रख सकती हैं।
