आम एक ऐसा सर्वसुलभ एवं स्वादिष्ट फल है, जिसे खाने के लिए बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी ललायित रहते हैं। यह स्वाद और गुण दोनों में अन्य फलों से काफी आगे है इसलिए इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। वैसे तो मुख्य रूप से आम का गूदा ही खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता रहा है लेकिन बढ़ती खाद्य आवश्यकताएं एवं वैज्ञानिकी शोधों से जानकारी मिली है कि आम का कोई भी हिस्सा अनुपयोगी नहीं है। 

क्या आपको पता है ? –

-आम की गुठली के अंदर की गिरी या बीज भी प्रोटीन से भरपूर होती है जिसे आटे में मिलाकर खाया जा सकता है।

-आम के बीज को एकाध मास धूप में सुखाकर फिर उसे निकालकर खाने से काफी स्वादिष्ट लगता हैै और गिरी को खाकर पानी पीने से तो और भी ज्यादा मिठास का अनुभव होता है।

-आम के छिलके, गुठली और गिरी द्वारा निकाली गई वसा के भी अनेकानेक उपयोग हैं।

 

डॉक्टर भी मानते हैं आम को गुणकारी

आम को चिकित्सकों ने एक परम लाभदायक एवं बेहद पौष्टिक फल माना है। पके आम के गूदे में ग्लूकोज और अन्य शर्कराओं की मात्रा 1.53 से 6.14 प्रतिशत तक होती है। इसके गूदे में टारटरिक एवं साइट्रिक अम्ल भी पाए जाते हैं। इसी के कारण आम में खटास होती है। ये अम्ल शरीर में अम्ल व क्षार का संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा पके फल के गूदे में 8.10 ग्राम प्रोटीन, 90.6 ग्राम पानी, 0.4 ग्राम वसा, 0.4 ग्राम खनिज लवण, 0.7 ग्राम रेशे होते हैं। अन्य खनिज पदार्थों तथा विटामिनों में कैल्सियम 14 मि.ग्रा., फास्फोरस 16 मि.ग्रा., लोहा 1.3 मि. ग्रा., थायमिन 0.08 मि.ग्रा., रिबोफ्लेविन 0.09 मि.ग्रा., नियासिन 0.9 मि. ग्रा., विटामिन सी 16 मि. ग्रा. होता है। कहते हैं नपुंसकता में पके आम के रस को शहद मिलाकर पीने से तुरंत फायदा होता है और शरीर का पोषण भी होता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

कच्चे आम के भी हैं फायदें

-चिकित्सा विज्ञान के अनुसार कच्चा आम भी रामबाण दवा का काम करता है।

-कच्चे आम को भूनकर फिर पानी के साथ घोलकर जो पना बनाया जाता है वह लू में तुरंत फायदा करता है।

-गर्मी में पसीना के साथ शरीर से सोडियम तथ लौह तत्वों का क्षय हेाता है जिसे कच्चा आम के सेवन से पूरा किया जा सकता है।

-गर्मी के कारण होने वाले दस्त, पेचिश, अपच, कब्ज तथा बवासीर में भी कच्चा आम बेहद गुणकारी है। पीलिया और लीवर की गड़बड़ी में कच्चा आम लाभदायक सिद्ध हुआ है।

-कच्चा आम रक्त विकार को भी आसानी से दूर कर चेहरे पर रौनक लाने में सक्षम है।

-बवासीर में कच्चे आम का रस देने से पर्याप्त लाभ मिलता है। पके आम की सूखी गुठली अतिसार (डायरिया) में फायदेमंद है।

 

आम की पत्तियों व छाल में भी छिपे है ये राज –

-आम का मुरब्बा बेहद स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर को शक्ति और स्फूर्ति भी प्रदान करता है।

-आम की कोमल हरी पत्तियां मधुमेह में परम लाभदायक हैं।

-आम की ताजा पत्तियों को रात भर पानी में भिगोने के बाद सबेरे निचोड़कर या पीसकर पीने से मधुमेह की प्रारंभिक अवस्था को रोका जा सकता है।

-आम की छाल बच्चों के डिप्थीरिया रोग में रामबाण की तरह असर करता है। छाल के रस को पानी में मिलाकर गरारे करने से गले के अनेक रोग दूर हो जाते हैं।

-आम की छाल का रस अथवा काढ़ा बकरी के दूध के साथ पीने से सुजाक एवं उपदंश में लाभ होता है। पके आम के रस को दूध के साथ पीने से शरीर में ताकत और स्फूर्ति बढ़ती है। 

-किंतु आम के मसालेदार अचार का सेवन यथासंभव कम करना चाहिए, क्योंकि तेल-मसालों के कारण वह उतना गुणकारी नहीं रह जाता है। इसके साथ ही इस बेबुनियाद धारणा को भी मन से निकाल दें कि आम खाने से वीर्य पतला होता है। सच्चाई तो यह है कि आम वीर्य का पोषक है।

(साभार – साधना पथ)

 

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