क्या खाएं

बीते कुछ दिनों से थाइराइड की समस्या इतनी बढ़ती जा रही है कि हमें अपने आसपास ही इससे जूझते कई लोग मिल जाएंगे। इंडियन थाइराइड सोसाइटी के अनुसार हर 10 में एक व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है। जिसमें पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। अध्ययनों की मानें तो हर दस थाइराइड मरीजों में आठ महिलाएँ होती हैं। यह समस्या सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से शुरू होकर कई बार गंभीर रूप ले लेती है। यहाँ हम वह डाइट बता रहे हैं जो थाइराइड में खानी चाहिए और जो नहीं खानी चाहिए-

क्या खाएं

साबूत अनाज

आटा या पिसे हुए अनाज की तुलना में साबूत अनाज ज्यादा फायदेमंद है। क्योंकि इसमें अधिक मात्रा  में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और मिनरल्स होते हैं। साबूत अनाज खाने से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे शरीर की क्षमता बढ़ती है। दलिया, बाजरा, ज्वार, काला चना, ब्राउन राइस, जई आदि को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। काले चने को अंकुरित के रूप में भी लिया जा सकता है।  

हरी सब्जियाँ और फल

हरी सब्जियाँ और फल विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा स्रोत हैं। इनमें एंटि ओक्सीडेंटेस भी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। थाइराइड में हड्डियाँ धीरे- धीरे कमजोर होने लगती हैं। विटामिन-डी और कैल्शियम होने के कारण हरी सब्जियों और फलों का सेवन हड्डियों को मजबूती और दृढ़ता प्रदान करता है।

दूध- दही

दूध- दही जैसे मिल्क प्रोडक्टस में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये शरीर को पोषण देने के साथ- साथ रोगों से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करते हैं, यानि इम्यूनिटी बढाते हैं। मिल्क प्रॉडक्ट लेने से हड्डियाँ मजबूत बनती हैं।

मछ्ली 

थायराइड के मरीजों को अपनी डाइट में आयोडीन युक्त पदार्थों को अवश्य शामिल करना चाहिए। जो लोग नॉन वेज पसंद करते हैं वे अपनी डाइट में फिश जरूर खाएं। मछ्ली में आयोडीन की अच्छी मात्रा पायी जाती है, खासकर समुद्री मछलियों में। ट्यूना, सामन, सार्डिन, सेलफिश और झींगा आयोडीन और ओमेगा फैटी एसिड का अच्छा स्रोत हैं।

क्या न खाएं

रेड मीट

इसमें कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटेड फैट बहुत ज्यादा होता है, जो तेजी से वजन बढाता है। हाइपरथाइराइडिज़्म में लगातार वजन बढ्ने की समस्या होती है। इसका सेवन इस समस्या को और बढ़ा देता है।

रिफाइंड तेल और डालडा

जो थाइराइड की समस्या से पीड़ित हैं उन लोगों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल को खतम करके बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देते हैं। जो इस समस्या को और बढ़ा देता है।

चाय- कॉफी

ये सीधे तौर पर थाइराइड पर प्रभाव नहीं डालते, लेकिन ये उन परेशानियों को बढ़ा देते हैं जो थाइराइड की वजह से पैदा होती हैं। ये शरीर में बैचेनी पैदा कर देते हैं और नींद को भी प्रभावित करते हैं।

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